सेहत और सुन्दरता Archives - Learn With Vikas https://learnwithvikas.com/category/health-and-beauty/ Hindi Blog Website Wed, 15 Feb 2023 17:17:33 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.2 https://i0.wp.com/learnwithvikas.com/wp-content/uploads/2022/09/cropped-android-chrome-512x512-1.png?fit=32%2C32&ssl=1 सेहत और सुन्दरता Archives - Learn With Vikas https://learnwithvikas.com/category/health-and-beauty/ 32 32 208426820 सर्दियों में कौन से फलो का सेवन करना चाहिए? (Which fruits should be consumed in winter?) https://learnwithvikas.com/winter-fruits/ https://learnwithvikas.com/winter-fruits/#respond Thu, 05 Jan 2023 13:42:08 +0000 https://learnwithvikas.com/?p=2302 सर्दी का मौसम (Winter Fruits) जितना खुशनुमा होता है, वही इसमें बीमारियों का होने का खतरा भी उतना ही ज्यादा होता है। यह अपने साथ कई तरह के इंफेक्शन, और बीमारियों को लेकर आता है। इसमें सर्दी जुकाम होना तो आम बात है इसलिए सर्दियों में ऐसे आहार का सेवन किया जाता है जिससे हमारा […]

The post सर्दियों में कौन से फलो का सेवन करना चाहिए? (Which fruits should be consumed in winter?) appeared first on Learn With Vikas.

]]>
सर्दी का मौसम (Winter Fruits) जितना खुशनुमा होता है, वही इसमें बीमारियों का होने का

खतरा भी उतना ही ज्यादा होता है।

यह अपने साथ कई तरह के इंफेक्शन, और बीमारियों को लेकर आता है।

इसमें सर्दी जुकाम होना तो आम बात है इसलिए सर्दियों में ऐसे आहार का सेवन किया जाता है

जिससे हमारा शरीर गर्म रहे।

साथ ही सर्दियों में कुछ ऐसे फल भी पाए जाते है जो हमारे इम्युनिटी सिस्टम को बूस्ट करता है

और संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।

तो आज के पोस्ट में हम बतायेगे की सर्दियों में किन किन फलो (Winter Fruits) का सेवन करना चाहिए।

1. अमरूद (Guava) – Winter Fruits

अमरूद  सर्दियों में मिलने वाला एक बहुत ही लाभकारी फल (Winter Fruits) है।

यह विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है जो शरीर में इंफेक्शन से लड़ता है।

इसमें फाइबर की मात्रा भी होती है जो दिल और ब्लड शुगर के लिए अच्छा मन जाता है।

फाइबर होने के कारन यह हाजमा और पाचन शक्ति को भी दुरुस्त रखता है. 

इसके अलाबे इसमें कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन और मैग्नीशियम भी होता है जो हमारी

इम्युनिटी सिस्टम को बूस्ट करता है।

100 ग्राम अमरूद में सिर्फ 8.92 ग्राम चीनी होता है इसलिए इसे मधुमेह के रोगी के लिए अच्छा फल माना जाता है।

2. नाशपाती (Pear) – Winter Fruits

सर्दियों के मौसम (Winter Fruits) में नाशपाती का सेवन करना अच्छा माना जाता है।

क्यूँकि इसमें विटामिन E और C जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते है जो हमारे शरीर को इन्फेक्शन से बचाता है।

साथ ही इसका इसके एंटी इंफ्लेमेटरी गुण जो हमारे शरीर में होने वाले सूजन में रहत देता है।

यह आंत को स्वस्थ रखने के साथ-साथ वजन को भी संतुलित रखता है।

3. संतरा (Orange) – Winter Fruits

सर्दियों में संतरा (Winter Fruits) का सेवन स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है।

इसमें विटामिन सी और कैल्शियम भरपुर मात्रा में होता है। जो हमारे इम्युनिटी सिस्टम को बूस्ट करता है

और संक्रमण को कम करता है।

ये हमारे हाई कोलेस्ट्रोल लेवल को भी कम करने में भी सहायक होता है।

इसमें फाइटोकेमिकल्सं भी पाया जाता है जिनमें कैंसर रोधी गुण होते हैं।

इसके अलावा यह किड़नी संबंधी बीमारियों के लिए भी अच्छा होता है।

Winter Fruits

4. सेब (Apple) – Winter Fruits

सेब सबसे लोकप्रिय और पोषण से भरपूर फलों (Winter Fruits) में से एक है।

कहा जाता है की रोजाना एक सेब आपको डॉक्टर से हमेशा दूर रखता है

क्यूँकि रोजाना सुबह एक सेब खाने से सभी तरह बीमारियों से दूर रहते है।

इसमें भरपूर  मात्रा में फाइबर, विटामिन C, पोटेशियम, विटामिन K और विटामिन B होते हैं.

इसमें पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट दिल को सेहतमंद रखता है

और टाइप 2 डायबिटीज, कैंसर और अल्जाइमर के खतरे को कम करता है।

इसके अलावा, सेब हड्डियों को भी मजबूत बनाता है।

इसमें पाया जाने वाला पेक्टिन आंत में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाता है और पाचन और मेटॉबॉलिज्म को बेहतर बनाता है।

सेब में एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं जो न्यूरोलॉजीकल स्वास्थ्य में सुधार करते हैं

और अल्जाइमर रोग के जोखिम को कम करते हैं।

यह  मधुमेह और थ्रोम्बोटिक स्ट्रोक के खतरे को भी कम करता है।

5. मौसम्बी (Sweet Lemon) – Winter Fruits

सर्दियों में मौसम्बी (Winter Fruits) का सेवन अच्छा माना गया है।

इसमें विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है, जो हमारे इम्यूनिटी सिस्टम को  बूस्ट  करता है।

इसमें पाया जाने वाला फाइबर आपके हाजमे और पेट सम्बन्धी बीमारियों में कारगर होता है।

इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, जो कई बीमारियों को दूर करने में सहायक होती है।

6. अनार (Pomegranate) – Winter Fruits

अनार को भी सर्दियों के मौसम में सेहतमंद फलों (Winter Fruits) में से एक माना जाता है।

यह खून को पतला करता है जो ब्लड प्रेशर, दिल, वेट लॉस और स्किन के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।

इसमें ग्रीन टी और रेड वाइन की तुलना में  तीन गुना ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है।

इसमें पाया जाने वाला एंटी इंफ्लेमेटरी कैंसर के खतरे को कम करने में मदद करता है।

यह शरीर को सर्दी, फ्लू आदि जैसे ढेर सारे संक्रमणों से बचाता है।

इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट होते हैं मानसून में संक्रमण से शरीर को बचाने का काम करते हैं।

यह  पाचन तंत्र और पेट के कैंसर कोशिकाओं की सूजन को कम करता है। .

इसमें सूजन-रोधी गुण होते हैं जो शरीर में सूजन और जलन को कम करने में मदद करते हैं।

यह शरीर के तनाव को भी कम करता है और क्षति को रोकता है।

इसके साथ ही यह फल ब्लड थिनर के रूप में भी जाना जाता है।

यह रक्तचाप के रोगियों के लिए भी बड़ा उपयोगी होता है।

यह शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को भी बेहतर बनाता है।

सर्दियों में ब्लड से जुड़ी परेशानियां होने की संभावना काफी ज्यादा बढ़ जाती है।

ऐसे में आप अनार का सेवन कर सकते हैं।

इसके अलावा स्किन पर निखार लाने और वजन को घटाने के लिए आप अनार का सेवन कर सकते हैँ।

इससे शरीर में खून की कमी भी दूर हो सकती है। साथ ही सर्दियों में होने वाली परेशानी कम होगी।

इसमें  एलैजिक एसिड, एलैजिटानिंस, प्यूनिसिक एसिड, फ्लेनॉयड, एंथोसायनिन जैसे बायोएक्टिव यौगिक पाये जाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी है। 

अनार का उपयोग परजीवी और माइक्रोबियल संक्रमण, डायरिया, अल्सर, रक्तस्राव और श्वसन संबंधी समस्याओं के इलाज में किया जाता है।

यह प्रोबायोटिक बैक्टीरिया को उत्तेजित करता है जिससे यह संक्रमण से लड़ने में सक्षम होता है और बीमारियों से हमें छुटकारा दिलाता है।

7. पपीता (Papaya) – Winter Fruits

पपीता (Winter Fruits) में  विटामिन C, विटामिन A, पोटेशियम और फोलेट भरपूर मात्रा में होता है।

साथ ही इसमें  लाइकोपेन जैसे एंटी कैंसर एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं।

अन्य फलों और सब्जियों की तुलना में पपीता में लाइकोपेन की मात्रा ज्यादा होता है।

यह पाचन में भी सुधार करता है. इसके अलासाथ ही वजन को सतुलित करता है।

इसमें उच्च मात्रा में फाइबर पाया जाता है। 

यह कोलेस्ट्रॉल को भी कंट्रोल रखता है.

यह शरीर के लिए आवश्यक विटामिन सी की मांग को पूरा करता है.

ऐसे में अगर आप हर रोज कुछ मात्रा में पपीता खाते हैं तो आपके बीमार होने संभावना कम हो जाती है।

यह शरीर की गर्मी बढ़ाता है और ठंड से निपटने का एक प्राकृतिक और पौष्टिक तरीका है।

पपीता ताकत से भरपूर होता है और कफ को भी प्रभावी ढंग से संतुलित करता है।

यह हृदय और पाचन संबंधी समस्या्ओं में भी कारगर होता है।

8. अनानास

अनानास पोषण से भरपूर होता है इसलिए इसे पोषण का सुपरस्टार (Winter Fruits) भी कहा जाता है। 

एक कप अनानास डेली इनटेक में 131 फीसदी विटामिन C और  76 फीसदी मैगनीज देता है। 

इसमें ब्रोमेलैन पाया जाता है जो एंटी इंफ्लेमेटरी एंजाइमों का मिश्रण होता है और जिसमे प्रोटीन को पचाने की क्षमता होता है।

साथ ही इसमें पाया जाने वाला ब्रोमेलैन कैंसर और ट्यूमर को बढ़ने से रोकता है।

9. क्रैनबेरीज

क्रैनबेरीज के सेवन से शरीर में विटामिन सी की कमी पूरा होती है।

यह हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल और कोरोनरी आर्टरी डिजीज होने के रिस्क को कम करता है।

10. कीवी फल (Kiwi Fruit):

कीवी फल (Winter Fruits) में विटामिन सी, एंटीऑक्सीआडेंट और अन्या बहुत से पोषक तत्वर भरपूर मात्रा में होते हैं।

जिसके कारण सर्दीयों में कीवी फल खाने से कई तरह के बीमारियों से दूर रहते है।

इसमें विटामिन C और फाइबर भरपूर मात्रा में होता है जो हृदय रोग , पाचन सम्बन्धी रोग में कारगर होता है।

इसके अलाबे इसमें आयरन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स के साथ मैग्नीशियम, कैल्शियम, फॉस्फोरस, कॉपर, जिंक और आयरन भी होता है। जिसके वजह से यह हृदय स्वास्थ्य, पाचन क्रिया और अस्थमा के इलाज में भी कारगर होता है।

यह एक विदेशी फल है लेकिन डेंगू की बीमारी में इसका मांग बढ़ जाता है

क्यूँकि यह इम्यून सिस्टम को बहुत मजबूत बनाता है और संक्रमण को कम करता है।

इसके अलावा ये फल ब्लड क्लॉटिंग, हाई ब्लड प्रेशर में भी कारगर होता है।

यह आंखों की रोशनी को भी सुधारता है।

इसमें एंटीऑक्सीडेंट तत्व होते हैं, जो शरीर से फ्री रैडिकल्स को भी हटाता है।

11. शरीफा (Custard Apple):

शरीफा व्यापक रूप से सर्दियों के मौसम में ही मिलता है।

इसमें विटामिन सी, बी6 प्रचुर मात्रा में होता है।

साथ ही इसमें कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे महत्वपूर्ण मिनरल्स भी में होते हैं.

इसमें  एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं, जो शरीर की प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ता है और सक्रमण को कम करता है। 

नियमित रूप से सीताफल का सेवन आपकी त्वचा को प्राकृतिक रूप से सुंदर बनाने में मदद करता है। 

12. आलूबुखारा (Plum):

आलूबुखारा  विटामिन A, C और K, तांबा, मैंगनीज, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट जैसे विभिन्न पोषक तत्वों से भरा होता है।

यह भूख को बढ़ावा देता है और पाचन, रक्त परिसंचरण और हृदय स्वास्थ्य में सुधार करता है।

यह कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स स्कोर वाले कम कैलोरी वाले फल होते हैं।

इनमें विटामिन C की मात्रा प्रचुर होती है ,

जो संक्रमण के खिलाफ शरीर की सुरक्षा को मजबूत करता है और ऊर्जा देने वाले आयरन की मात्रा को बढ़ाता है।

आलूबुखारा एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो इम्यूनिटी बूस्ट करने में असरदार हो सकता है।

इसके अलावा आलूबुखारा में कैंसररोधी गुण मौजूद होता है।

सर्दियों में आलूबुखारा का सेवन करने से शरीर को मजबूती मिलती है।

ठंड में आलूबुखारा आपको बहुत ही आसानी से मिल सकता है।

आलूबुखारा में कैंसर से लड़ने की भी क्षमता होती है और यह सर्दियों के मौसम में शरीर को मजबूती प्रदान करता है।

13. केला (Bananas):

अकसर लोग सर्दियों में केला (Winter Fruits) खाने से परहेज करते है क्यूँकि इससे सर्दी-जुकाम की समस्या बढ़ जाती है।

लेकिन  सर्दियों में केला खाना भी आपके लिए लाभकारी हो सकता है।

रोजाना एक केला खाने से आपके शरीर को तुरंत एनर्जी मिलती है।

अगर पहले से ही सर्दी-जुकाम है, तो केला का सेवन न करे।  यह आपके लिए नुकसान कर सकता है।

इसमें ऐसे पोषक तत्वड और खनिज पदार्थ होते हैं जो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाती है और पाचन को भी ठीक रखती है।

14. स्टार फ्रूट (Star fruit)

स्टार फ्रूट को कैरम्बोला के नाम से भी जाना जाता है।

इसमें आमतौर पर पाँच खंड होते हैं, जो इसे एक तारे का आकार देते हैं।

इसलिए इसे स्टार फ्रूट के नाम से जाना जाता है।

यह मधुमेह और स्तनपान बढ़ाने में कारगर होती है।

और मुख्य रूप से फिलीपींस, इंडोनेशिया, मलेशिया और भारत जैसे उष्णकटिबंधीय देशों में पाया जाता है।

यह  शरीर में विषाक्तता के स्तर को कम करता है।

इसके साथ ही यह पाचन, रक्तचाप में कमी और गर्भावस्था के दौरान कई लाभों के साथ आता है।

एक मध्यसम आकार के स्टार फल में विटामिन सी की उतनी मात्रा होती है जो हमारे दैनिक आवश्यकता का 50 प्रतिशत  होता है।

विटामिन सी प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने का कम करता है।

इसके अलावा इसका नि‍यमित सेवन शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या को भी बढाती है। जो की प्रतिरक्षा शक्ति का प्रमुख अंग होता है।

15. पैशन फ्रूट (Paission Fruit):

पैशन फ्रूट (Winter Fruits) गर्म प्रदेशो में पाया जाता है।

यह एक बैंगनी और पीले रंग का फल होता है जिसके गूदे और बीज एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन और खनिजों से भरपूर होते हैं।

यह आपके शरीर में रक्त वाहिकाओं, मांसपेशियों और कोलेजन को स्वस्थ बनाने का काम करता है।

इसके गूदे और कुरकुरे बीजों में 8% विटामिन A होता है जो विटामिन A की दैनिक आवश्यकता को पूरा करता है।

यह स्वस्थ आंखो, कोशिकाओं, प्रजनन और प्रतिरक्षा प्रणाली में कारगर है।

इसमें  विटामिन सी, कैरोटीन और क्रिप्टोसक्सैंषथिन होता है। जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद करता है।

इसमें मौजूद विटामिन सी सफेद रक्ता कोशिकाओं के उत्पादन को भी बढ़ाता है।

इसलिए सर्दियों के मौसम में इस फल का सेवन करना फायदेमंद होता है।

FAQ :

1. सर्दी में कौन से फल (Winter Fruits) खाने चाहिए? (Which fruits should be eaten in winter?)

अनार, संतरा, मौसम्बी, किवी, सेब, अनानास

कौन सा फल सबसे गर्म होता है?

चीकू,आड़ू, लोंगान, लीची और चेरी

 तटस्थ फलों में अनानास, अंगूर, नागफनी और प्लम

2. कौन से फल की तासीर गर्म होती है? (Which fruit has a warming effect?)

खजूर

यह फल और ड्राई फ्रूट दोनों ही कैटेगरी में आता है। 

इसकी तासीर बेहद गर्म होती है।

इसमें भारी मात्रा में पोटैशियम, कैल्शियम आदि जैसे पोषक तत्व पाएं जाते हैं तो हड्डियों को मजबूत करने में मदद करता है।

इसके साथ ही यह बॉडी में गर्माहट लाने में भी बहुत मददगार है।

3. सुबह खाली पेट कौन कौन से फल खा सकते हैं? (Which fruits can be eaten empty stomach in the morning?)

खाली पेट खाए जाने वाले टॉप बेस्ट फ्रूट

तरबूज (Watermelon)

पपीता (Papaya)

कीवी (Kiwi)

ब्लूबेरी (Blueberry)

4. पाचन तंत्र मजबूत करने के लिए कौन सा फल खाना चाहिए? (Which fruit should be eaten to strengthen the digestive system?)

पाचन तंत्र को मजबूत करने के लिए खाएं ये फल (Winter Fruits)

अमरूद

सेब

पपीता

केला

संतरा

आप इन्हें भी पढ़ना पसंद कर सकते हैं : You may also like to read these.

आप हमारी वेबसाइट Learn With Vikas(https://learnwithvikas.com/) पे जाके और भी नए-नए जानकारी और बेहतरीन खबरों(news) को hindi में पढ़ सकते है।

The post सर्दियों में कौन से फलो का सेवन करना चाहिए? (Which fruits should be consumed in winter?) appeared first on Learn With Vikas.

]]>
https://learnwithvikas.com/winter-fruits/feed/ 0 2302
हार्ट अटैक क्या है(What is Heart Attack) https://learnwithvikas.com/%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%9f-%e0%a4%85%e0%a4%9f%e0%a5%88%e0%a4%95-%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%b9%e0%a5%88/ https://learnwithvikas.com/%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%9f-%e0%a4%85%e0%a4%9f%e0%a5%88%e0%a4%95-%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%b9%e0%a5%88/#respond Thu, 08 Sep 2022 13:10:31 +0000 https://learnwithvikas.com/?p=473 हार्ट अटैक तब होता है जब हृदय की मांसपेशियों में ऑक्सीजन लाने वाला रक्त प्रवाह कार्य न कर रहा हो। आपके हार्ट की मांसपेशियों को जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है।ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कोरोनरी धमनियां जो रक्त प्रवाह के साथ हृदय की मांसपेशियों में ऑक्सीजन की आपूर्ति करती हैं। वसा(fat), […]

The post हार्ट अटैक क्या है(What is Heart Attack) appeared first on Learn With Vikas.

]]>
हार्ट अटैक तब होता है जब हृदय की मांसपेशियों में ऑक्सीजन लाने वाला रक्त प्रवाह कार्य न कर रहा हो।

आपके हार्ट की मांसपेशियों को जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है।
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कोरोनरी धमनियां जो रक्त प्रवाह के साथ

हृदय की मांसपेशियों में ऑक्सीजन की आपूर्ति करती हैं।

वसा(fat), कोलेस्ट्रॉल(cholesterol) और अन्य पदार्थों के निर्माण से संकुचित(shrink) हो सकती हैं।

जिससे मांसपेशियों में ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित हो सकती है।

इस धीमी प्रक्रिया को एथेरोस्क्लेरोसिस(atherosclerosis) के रूप में जाना जाता है।

जब हृदय धमनी के भीतर पट्टिका(plaque) टूट जाती है, तो पट्टिका के चारों ओर रक्त का थक्का(clot) बन जाता है।

यह रक्त का थक्का धमनी के माध्यम से हृदय की मांसपेशियों में रक्त के प्रवाह को blocked कर सकता है।

जो हार्ट फेलियर का कारन बन सकता है ।

इस्किमिया(ischemia)


इस्किमिया(ischemia) तब होता है जब हृदय की मांसपेशी में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की कमी हो जाती है।

जब इस्किमिया के परिणामस्वरूप हृदय की मांसपेशियों के हिस्से की क्षति या मृत्यु होती है।

तो इसे दिल का दौरा, या मायोकार्डियल इंफार्क्शन (एमआई) कहा जाता है।

संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग हर 40 सेकंड में एक व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ता है।

हार्ट अटैक का ऑब्जरवेशन ( Heart attack observation)

दिल के दौरे की समस्या आए दिन मानो बढ़ती ही जा रही है।

बच्चों से लेकर बूढ़ों तक, सभी को दिल की बिमारि से खतरा होता जा रहा है।

हार्ट अटैक दिल से संबधित बिमारियों में एक प्रमुख कारण माना जाता हैं।

यह पुरे विश्व में बहुत तेज़ी से फैल रही है।

अगर इसका सही समय पर इलाज नहीं किया जाय , तो मृत्यु होने की भी संभावना अधिक होती है।

हार्ट अटैक के प्रमुख कारण ( Major causes of heart attack)

45 वर्ष से ज्यादा आयु वाले पुरुष के लिए और 55 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए

दिल का दौरा पड़ने की संभावना बहुत अधिक होती है।
आहार(Diet): व्यस्त जीवन शैली होने के कारण लोग अधिक मात्रा में बाहर का खाना खाते है।

जैसे जंक फूड खाना, या अधिक मसालेदार भोजन करना ,

या तो बहुत मिर्ची वाली चीजों का सेवन करना , यह दिल के दौरे का प्रमुख कारण बनता है।

आनुवंशिकी(genetics) : दिल के दौरे का उच्च जोखिम (higher risk) विरासत से भी मिल सकता है।

यदि आपके परिवार या फिर आपके माता – पिता में से किसी को हार्ट संबधित परेशानी है तो

आगे चलकर बच्चे में भी ये समस्या बढ़ जाती है।

रक्तचाप (blood pressure) : उच्च रक्तचाप के वजह से हृदय पर बहुत तनाव रहता है।

उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन एक ऐसी बीमारी है, जिसके कारण नसों में रक्त का प्रवाह अधिक हो जाता है।

रक्त का दबाव 120/80mmHg से अधिक नहीं होना चाहिए।

यदि रक्त का दवाब इससे अधिक होता है तो , हार्ट अटैक का खतरा बन जाता है।

मोटापा (obesity): मोटापा अधिक होने के कारण हार्ट बीट इर्रेगुलर हो सकती हैं।

साथ ही एन्जाइना, हार्ट फेल, हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट आदि होने का रिस्क काफी हद तक बढ़ जाता है।

मोटापा अधिक होने के कारण शरीर में मौजूद आंतों की चर्बी दिल के इंर्द-गिर्द जमा हो सकती हैं।

जिससे दिल पर ज्यादा ज़ोर पड़ता है। जिससे की दिल का दौरा पड़ने की सम्भावना अधिक हो जाती है ।

धूम्रपान और नशीले पदार्थो का अधिक सेवन

नशा (Intoxication) : धूम्रपान और नशीले पदार्थो का अधिक सेवन करने

से दिल के दौरे का खतरा अधिक होता है।

हार्ट अटैक से बचने के लिए आपको नशीले पर्दार्थो के सेवन से भी बचना चाहिए।

खास कर हमे कोकेन जैसे नशे से बचना चाहिए।

यह कोरोनरी ध्वनि में ऐठन पैदा करती है। इसकी वजह से अटैक आ सकता है।

मानसिक तनाव(mental stress): मानसिक तनाव के कारण भी दिल के दौरे के जोखिम का सामना कर सकते हैं।

अगर आप नियमित तौर पर कम से कम 7 और अधिकतम 8 घंटे नहीं सोते हैं और तनावग्रस्त जीवन जीते हैं।

तो आपको हार्ट अटैक का खतरा हमेशा बना रहता है।

इसलिए अपनी नींद पूरी करें और तनाव को कम करें।

उच्च कोलेस्ट्रॉल का स्तर(high cholesterol level) :

हाई कोलेस्ट्रॉल के चलते रक्त कोशिकाओं में फैट जमा होने लगते है।

कुछ मामलो में यह फैट छोटे-छोटे क्लॉट्स में टूट जाता है ।

और ब्लड के फ्लो को पूरी तरह से रोक देता है जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

इनके अलावा, दिल में ऑक्सीजन की कमी होने की वजह से ,

उच्च कोलेस्ट्रॉल का स्तर, शरीर की निष्क्रियता (inaction )और डायबिटीज ,दिल के दौरे के जोखिम का कारक है।

हार्ट अटैक

शुरुआती चेतावनियों की परख कैसे करे ? ( How to test early warnings?)

दिल का दौरा पड़ने के शुरूआती लक्षण भिन्न प्रकार के होते हैं।

और यहाँ तक की एक ही व्यक्ति को अलग -अलग प्रकार के दौरे भी पड़ सकते है।

दबाव आना या छाती में दर्द होना ,यह दौरा पड़ने का सबसे सामान्य लक्षण माना जाता है।

शीघ्र उपचार करने के लिए शुरुआती लक्षण की पहचान होना आवशयक है।

याद रहे की हमें अपने शरीर का भी उतना ही ध्यान रखना चाहिए जितना की हम अपने अन्य कार्य का रखते है।

शुरुआती चेतावनी (हार्ट प्रॉब्लम) ( Early warning (heart problem)

महिलाओं और पुरुषों दोनों में हार्ट अटैक के लक्षण अलग होते है।

ध्यान देने वाली बात यह है कि पुरुषों से ज़्यादा हार्ट प्रॉब्लम महिलाओं में होती है।

महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण इस प्रकार से है (Symptoms of heart attack in women are as follows)

हार्ट अटैक के लक्षणों को महिलाएं अक्सर मामूली समझ कर इनको नजर अंदाज कर देती हैं।
●महिलाओं के स्तन में ,सीने में , शरीर के ऊपरी भागों में जैसे की भुजाएं, गर्दन, पीठ, दांत, और कंधे की हड्डी में इत्यादि जगह तेज़ दर्द होना हार्ट अटैक का लक्षण होता है ।
● बेचैनी महसूस करना , पेट खराब होना ,चक्कर आना,जी मचलाना या सिर घूमना, उल्टी आदि।

ये लक्षण महिलाओं में अधिक दिखाई देते हैं।

दिल में गहराई तक जाके रक्त पहुंचाने वाली दायीं धमनी का सही से काम नहीं कर पाने की वजह से अक्सर ऐसा होता है।
●महिलाओं में हार्ट अटैक के प्रमुख लक्षण जबड़े में दर्द होना है।

हॉर्मोन्स का बदलाव(change of hormones)

क्योंकि इसके आस – पास जो नसें होती हैं वे आपके हृदय से ही निकलती हैं।

ये दर्द थोड़ी-थोड़ी देर में होता रहता है।
●सांस लेने में परेशानी होना ,खांसी का अधिक आना और भारी सांस लेना, हार्ट अटैक का लक्षण माना जाता है।
●55 साल उम्र की महिलाओं में हॉर्मोन्स का बदलाव होता है।

हॉर्मोन्स के बदलाव की वजह से अचानक से पसीना आना शुरू हो जाता है ।

हालांकि, अचानक पसीना आना सामान्य है।

पर अधिक पसीना आने पर ये हार्ट अटैक का कारण भी बन सकता है।

पुरुषों में हार्ट अटैक के क्या लक्षण होते है ( What are the symptoms of heart attack in men?)

पुरूषों और महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण समान् ही पाए जाता है।

लेकिन यह 3 लक्षण हार्ट अटैक के, पुरुषों में मुख्य माने जाते है-
●सोते समय पर्याप्त ऑक्सीजन न खींच पाना ,लगातार खर्राटा लेना हार्ट अटैक के संकेत हो सकते है।

नींद पूरी न होना इससे हार्ट अटैक का खतरा अधिक बना रहता है इसका इलाज जल्द से जल्द करवाना चाहिए।
●टहलते समय पैरों में दर्द होना हार्ट अटैक आने का एक संकेत हो सकता है।

धमनियों का संकुचित(shrink) हो जाने से और रक्त प्रवाह के रुक जाने से , पेट और सिर में खून कम पहुँचता है।

जिससे की पैरो में भी खून की कमी की वजह से दर्द होता है।
●पेट का दर्द करना और ऊपरी पीठ में दर्द होना।

डॉक्टर से सहायता कब लेनी है? ( When to seek help from a doctor?)

हार्ट अटैक के लक्षणों पर हमे अधिक ध्यान देने की जरूरत है।

अगर कुछ नए लक्षण उत्पन हो रहे है और वे दूर नहीं हो रहे हैं।

तो फिर तुरंत ही डॉक्टर के पास जाना चाहिए ।

जब आपको शरीर में बहुत तेजी से बदलाव दिखे तब आप सावधान व सतर्क हो जाएं।

इसे कोइ नार्मल बीमारी समझ कर अनदेखा न करे।

इसे काम के प्रेशर के चलते होने वाली कमजोरी या फिर कोई दूसरा कारण ना समझे।

ऐसा होने पर तुरंत अपने नजदीकी अस्पताल या डॉक्टर से संपंर्क करें।

बाद में पछताने से तो अच्छा है कि हम समय रहते डॉक्टर से सुझाव लें।

दिल के दौरे के इलाज के लिए कौन सी दवाओं का उपयोग किया जाता है ( Which drugs are used to treat heart attack)

अस्पताल में, आपके हृदय में रक्त के थक्के जमने से रोकने ,

और हृदय पर दबाव को कम करने के लिए जल्दी से दवाएं मिलेंगी।

*ड्रग थेरेपी का उद्देश्य रक्त के थक्कों को तोड़ना या रोकना, प्लेटलेट्स(platelets) को इकट्ठा होने और प्लाक(plaque) से चिपके रहने से रोकना, प्लाक को स्थिर करना और अधिक इस्किमिया(ischemia) को रोकना है।

*रक्त के थक्के को रोकने व ब्लॉकेज के सुधार के लिए आपको Aspirin दी जाएंगी।

*अन्य एंटीप्लेटलेट(antiplatelet) दवाएं, जैसे क्लोपिडोग्रेल (clopidogrel), प्रसुग्रेल (prasugrel), या टिकाग्रेलर (ticagrelor) थक्के को रोकने के लिए दी जाती है।
*आपके दिल की धमनियों (arteries) में रक्त के थक्कों को भंग करने के लिए थ्रोम्बोलाइटिक थेरेपी (“thrombolytic therapy”) की जाती है।

हार्ट अटैक आने पर सीने को दबायें-(Press the chest in case of heart attack)

हार्ट अटैक आने से हार्ट रेट बंद हो सकती हैं।

यदि अचानक हार्ट अटैक आता है तो हार्ट रेट बंद होने लगती है

तब सीने को दबाकर सांस चालू करने की कोशिश करें।

यह बहुत आसान है और इसके कारण धड़कने फिर से शुरू हो जाती हैं। इसे सीपीआर तकनीक कहते हैं।

हार्ट अटैक के उपचार : ( heart attack treatment )

दिल की क्षति को सीमित करने के लिए आपको दवाएं जल्द से जल्द (आपके दिल का दौरा पड़ने के 1 या 2 घंटे के भीतर, यदि संभव हो तो) मिलनी चाहिए।

आसन और प्राणायाम करने से हार्ट अटैक से बचा जा सकता है।

मनुष्य को रोज सुबह जल्दी उठकर व्यायाम, सूर्य नमस्कार करना चाहिए।

यदि हम ऐसा रोज करेंगे तो 70 से 80 % दिल की समस्या कम हो सकती है।

हमें नियमित रूप से आसन, धनुरासन, ताड़ासन, कटिचक्रासन, वज्रासन करने चाहिए।

फ़ोन का कम प्रयोग करे। पौष्टिक एंटीऑक्सीडेंट युक्त आहार का सेवन करें।

नशीले पर्दार्थो का अधिक सेवन न करें। जंक फूड को रोज-रोज न खाये।

खाने में दही का जरूर उपयोग करें। दिल को अधिक मजबूत बनाने के लिए देसी घी में गुड़ मिलाकर खाएं।

आप इन्हें भी पढ़ना पसंद कर सकते हैं

शी जिनपिंग कैसे बने चीन के सबसे ताकतवर नेता, शी का खेतिहर मजदुर से लेकर सत्ता तक का सफर

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के बारे में जाने

प्रफुल्ल चंद्र राय ऐसे वैज्ञानिक थे जिनकी बात न गाँधी काट पाते थे न नेहरू

वायु प्रदूषण क्या होता है ? मानव जाति पर वायु प्रदूषण का क्या प्रभाव पड़ता है ?

वैष्णो देवी मंदिर कब अस्तित्व में आया? और किसने लगाया मंदिर का पता?

बाल दिवस क्या है? भारत में बाल दिवस मनाना कब से  शुरू हुआ ? बाल दिवस क्यों मनाया जाता है ?

पर्यावरण क्या है ? पर्यावरण का मानव जीवन  में क्या महत्व है?

क्रिकेट विश्व कप क्या है ? इसकी शुरुआत कब और कहाँ हुई ?

संत स्वामी रामानन्द की जीवन कथा

कॉमेडियन कादर खान का फिल्मी सफर

टीम इंडिया के ओपनर बल्लेबाज शिखर धवन 2022 में भारत के लिए सबसे ज्यादा वनडे रन बनाने वाले खिलाड़ी

आप हमारी वेबसाइट Learn With Vikas(https://learnwithvikas.com/) पे जाके और भी नए-नए जानकारी और बेहतरीन खबरों(news) को पढ़ सकते है।

The post हार्ट अटैक क्या है(What is Heart Attack) appeared first on Learn With Vikas.

]]>
https://learnwithvikas.com/%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%9f-%e0%a4%85%e0%a4%9f%e0%a5%88%e0%a4%95-%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%b9%e0%a5%88/feed/ 0 473
स्वस्थ जीवन शैली में संतुलित आहार का महत्व : (Importance of a balanced diet in a healthy lifestyle) https://learnwithvikas.com/%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%b5%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a5-%e0%a4%9c%e0%a5%80%e0%a4%b5%e0%a4%a8-%e0%a4%b6%e0%a5%88%e0%a4%b2%e0%a5%80/ https://learnwithvikas.com/%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%b5%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a5-%e0%a4%9c%e0%a5%80%e0%a4%b5%e0%a4%a8-%e0%a4%b6%e0%a5%88%e0%a4%b2%e0%a5%80/#respond Fri, 02 Sep 2022 13:17:12 +0000 https://learnwithvikas.com/?p=440 एक स्वस्थ जीवन शैली का नेतृत्व करने के लिए संतुलित आहार का महत्व बहुत अधिक है। संतुलित आहार बनाए रखना और शरीर द्वारा आवश्यक सभी पोषक तत्वों को पूरा करना , आपको एक स्वस्थ जीवन शैली जीने में मदद करेगा। एक उचित भोजन खाना स्वस्थ शरीर के लिए जरुरी है । स्व्स्थ खाना खाने से […]

The post स्वस्थ जीवन शैली में संतुलित आहार का महत्व : (Importance of a balanced diet in a healthy lifestyle) appeared first on Learn With Vikas.

]]>
एक स्वस्थ जीवन शैली का नेतृत्व करने के लिए संतुलित आहार का महत्व बहुत अधिक है।

संतुलित आहार बनाए रखना और शरीर द्वारा आवश्यक सभी पोषक तत्वों को पूरा करना ,

आपको एक स्वस्थ जीवन शैली जीने में मदद करेगा।

एक उचित भोजन खाना स्वस्थ शरीर के लिए जरुरी है ।

स्व्स्थ खाना खाने से मधुमेह, हृदय रोग और अन्य कैंसर जैसी अनेक बीमारियों के जोखिम को कम करने में हमारी मदत करती है।

संतुलित आहार क्या है? ( What is a balanced diet?)

वास्तव में एक स्वस्थ आहार क्या है?

अगर सीधे शब्दों में कहें तो, यह एक ऐसा आहार है, जो आपके शरीर को सही ढंग से कार्य करने के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है।

उचित मात्रा में कैलोरी का सेवन करने से पोषण की जरूरत का ध्यान रखा जाता है।

जब आप कैलोरी से भरपूर विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ खाने में खाते हैं।

जैसे ताजे फल और सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन, तो आपके शरीर को उचित पोषण मिलता है।

एक आहार वह सब है जिसका हम एक दिन में खाने के रूप में सेवन करते हैं।

और संतुलित आहार एक ऐसा आहार है जिसमें पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व होते हैं।

जिनकी हमें एक दिन में आवश्यकता होती है।

एक संतुलित आहार में छह मुख्य पोषक तत्व शामिल होते हैं।

यानी वसा, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, विटामिन और खनिज।

ये सभी पोषक तत्व हमारे द्वारा खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों में मौजूद होते हैं।

विभिन्न खाद्य पदार्थों में अलग-अलग अनुपात में पोषक तत्व मौजूद होते हैं।

पोषक तत्वों की आवश्यकता व्यक्ति की उम्र, लिंग और स्वास्थ्य पर निर्भर करती है।

संतुलित आहार के घटक: (Components of a balanced diet)

                                                                                                                            वसा :(Fats) 

हमारी ऊर्जा आवश्यकता का कुछ भाग वसा द्वारा पूरा किया जाता है।

वसा, वसायुक्त खाद्य पदार्थों जैसे मक्खन, घी, तेल, पनीर आदि में पाया जा सकता है।
प्रोटीन : (Proteins)

हमें विकास के उद्देश्य से और शरीर की कोशिकाओं के टूट-फूट को ठीक करने के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है।

प्रोटीन मांसपेशियों के निर्माण में भी मदद करता है।

यह डेयरी उत्पादों, अंकुरित अनाज, मांस, अंडे, चिकन आदि में पाया जाता है।

कार्बोहाइड्रेट : (Carbohydrates)

हमें अनेक कार्य करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है और यह कार्बोहाइड्रेट से पूरी होती है।

कार्बोहाइड्रेट हमें ऊर्जा प्रदान करते हैं।

चावल, गेहूं, चपाती, ब्रेड, आलू आदि में कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
खनिज और विटामिन: (Minerals and Vitamins)
विटामिन, खनिज और फाइबर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करते हैं।

हम इसे मुख्य रूप से सब्जियों और फलों से प्राप्त करते हैं।

शरीर में खनिज और मिनरल की कमी के कारण एनीमिया, घेंघा आदि रोग हो सकते हैं।

संतुलित आहार का महत्व : (Importance of a Balanced Diet )

पौष्टिक आहार खाने के मुख्य लाभ हैं : पौष्टिक आहार खाने से आपका शरीर और मष्तिष्क दोनों को काम करने के लिए आवश्यक ऊर्जा मिल जाती है ।

यह आपके स्वास्थ्य के साथ साथ आपके मूड को भी बेहतर बनाते है ।

एक व्यक्ति का सामान्य स्वास्थ्य एक अच्छा आहार लेने, नियमित व्यायाम करने और शरीर के वजन को बनाए रखने पर निर्भर करता है।

स्वस्थ आहार आपके जीवन के लिए महत्वपूर्ण है।

यदि आप अपने शरीर के लिए स्वस्थ आहार नहीं खाते हैं, तो आप बीमारियों, संक्रमणों या थकान के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकते हैं।

बच्चों के लिए पौष्टिक आहार के महत्व पर विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता है ।

यदि आप बच्चो के खाने पीने पर ध्यान नहीं देंगे तो वो कई प्रकार की बीमारियों के शिकार हो सकते है।

इस वजह से उनके शारीरिक और मानशिक विकास में भी कमी आ सकती हैं।

मधुमेह, कैंसर, हृदय रोग और स्ट्रोक कुछ सबसे प्रचलित स्वास्थ्य समस्याएं हैं

जो असंतुलित आहार को खाने से होती हैं ।
शारीरिक गतिविधि विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य की परेशानियों को दूर करने में मदत करती हैं।

यह तनाव, डिप्रेशन और परेशानी को कम करके मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित बनाये रखता है।

नियमित व्यायाम से मेटाबोलिक सिंड्रोम (मोटापा), स्ट्रोक, उच्च रक्तचाप, गठिया और चिंता सभी से बचा जा सकता है।

स्वस्थ जीवन शैली

संतुलित आहार किसे माना जाता है? : (What is considered to be a balanced diet?)

संतुलित आहार में क्या -क्या आता हैं इसकी जानकारी इस प्रकार से हैं :
*सब्जियां जैसे पत्तेदार साग,इत्यादि संतुलत आहार में शामिल हैं।
*स्टार्च वाली सब्जियां, फलियां जैसे बीन्स और मटर।
*फल जिनमें साबुत फल व ताजे फल शामिल हैं।
*साबुत और स्वच्छ अनाज ।

उदाहरण के लिए, क्विनोआ, ओट्स, ब्राउन राइस, जौ और एक प्रकार का
प्रोटीन युक्त अनाज जैसे लीन बीफ और पोर्क, चिकन, मछली, बीन्स, मटर, और फलियां।

  • संतुलित आहार 50-60% कार्बोहाइड्रेट्स, 12-20% प्रोटीन और 30% वसा से बना होना चाहिए।
  • शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए आवश्यक मात्रा में कैलोरी और पोषक तत्वों का सेवन जरुरी हैं।
    *कैलोरी और पोषक तत्वों का सेवन करने से शरीर के सभी अंग ठीक ढंग से काम करते हैं।
    *एक व्यक्ति का सामान्य स्वास्थ्य जीवन उचित भोजन, व्यायाम और स्वस्थ शरीर पर निर्भर करता है।
    *एक उचित भोजन में व्यक्ति के लिए नाश्ता , दोपहर का भोजन, और रात का खाना सभी में आवश्यक खाद्य घटक, खाद्य पदार्थ का होना जरुरी है।

आपके शरीर में प्रोटीन की आवश्यकता रक्त कोशिकाओं को होती हैं ।

जो आपकी मांसपेशियों तक ऑक्सीजन और पोषण ले जाती हैं।

*शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए शरीर को नियमित व्यायाम के साथ गुणवत्ता वाले कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, आवश्यक वसा और तरल पदार्थ की आवश्यकता होती है।
*ये अतिरिक्त वजन को रोकने या वजन का अधिक काम हो जाना दोनों को बनाए रखने में प्रभावी हैं।

लेकिन स्वस्थ जीवन शैली बेहतर नींद और मानशिक अवस्था से भी जुड़ी हैं।

शारीरिक गतिविधि विशेष रूप से मस्तिष्क से संबंधित कार्य और परिणामों में सुधार करती है।

*शारीरिक गतिविधि के साथ, अपने आहार में छोटे बदलाव करने से आदर्श शरीर के वजन को प्राप्त करने में काफी मदद मिल सकती है। सही प्रकार के कार्बोहाइड्रेट का सेवन महत्वपूर्ण है।

बहुत से लोग मिठाई और प्रसंस्कृत(processed) खाद्य पदार्थों में पाए जाने वाले साधारण कार्ब्स पर भरोसा करते हैं।
*फल और सब्जियां प्राकृतिक फाइबर, विटामिन, खनिज और अन्य पोषक तत्व के समृद्ध स्रोत हैं जिन्हें आपके शरीर को ठीक से काम करने के लिए आवश्यक होती है। असंतृप्त(unsaturated) वसा सूजन को कम करने और कैलोरी प्रदान करने में मदद कर सकते हैं।

जीवन के विभिन्न चरणों के दौरान आहार का महत्व :(Importance of Diet during Different Stages of Life )

वरिष्ठ नागरिक: शारीरिक रूप से सक्रिय और स्वस्थ रहने के लिए उनको पोषक तत्वों से भरपूर कम वसा वाले खाद्य पदार्थों की आवश्यकता होती है।
गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्यवर्धक आहार खाना और नियमित रूप से व्यायाम करना आप और आपके बढ़ रहे बच्चे दोनों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।
अनाज : चावल, पास्ता अथवा ब्रेड से आपको ऊर्जा और B समूह के विटामिन मिलते हैं।

साबुत अनाज वाले आहार विटामिन और आहार-संबंधी रेशों से भरपूर होते हैं

जो आपको कब्ज़ नहीं होने देते।

रिफ़ाइंड चावल अथवा सफेद ब्रेड की अपेक्षा साबुत अनाज वाले उत्पाद चुनें, जैसे ब्रेड,भूरे चावल अथवा ओट्स।

किशोर: किशोरावस्था के दौरान व्यक्ति में कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलाव आते हैं।

इसलिए उनके खाने में ऐसे पोषक तत्व शामिल होने चाहिए जो उनके शारीरिक और मानसिक विकाश के लिए आवशयक है । किशोरावस्था में खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

अगर किशोरावस्था में खान-पान पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया तो किशोर की औसत लम्बाई ,मानशिक और शरीरिक विकास बाधित हो सकते है।

शिशु: शिशु के विकास के लिए माँ का दूध और ऊर्जा से भरपूर खाद्य पदार्थों की आवश्यकता होती है।

पहले 6 माह शिशु को केवल स्तन पान (आदर्श रूप से) या फार्मूला दूध की आवश्यकता होती हैं।

इस समय आपको पोषक आहार बनाने की आवश्य्कता नही है ।

शिशु के शुरुआत के छह महीनों में उसकी पाचन और रोग प्रतिरोधक क्षमता धीरे-धीरे मजबूत हो रही होती है।

अब आपका शिशु ठोस आहार को अधिक कुशलता से पचाने में सक्षम हो जाता है।

आपका लक्ष्य धीरे-धीरे शिशु को अलग-अलग तरह के स्वाद वाले विविध भोजन खिलाने का होना चाहिए जो पचने में आसान और पौष्टिक हो ।

कैलोरी (Calories) की हमारे शरीर को आवशयक्ता क्यों हैं ?(Why do our bodies need calories ?)

कैलोरी भोजन की ऊर्जा सामग्री के माप(scale) के रूप में कार्य करती है।

जब आप चलते हैं, सोचते हैं या सांस लेते हैं या किसी भी प्रकार के अन्य कार्य करते है तो भोजन से कैलोरी बर्न हो जाती है। एक व्यक्ति को अपना औसत वजन बनाए रखने के लिए औसतन प्रति दिन लगभग 2000 कैलोरी

की आवश्यकता हो सकती है।

एक व्यक्ति द्वारा उपभोग की जाने वाली कैलोरी की संख्या

आम तौर पर उनके लिंग, आयु और शारीरिक गतिविधि के स्तर पर निर्भर करती है।

पुरुषों को महिलाओं की तुलना में अधिक कैलोरी की आवश्यकता होती है।

जो लोग अधिक व्यायाम या अन्य शारीरिक गति विधि करते है उन्हें अधिक कैलोरी की आवश्यकता होती है।

स्वस्थ जीवन शैली में कैलोरी से क्या फायदा मिलता है जानिए(Know what is the benefit of calories) :-

हर किसी को काम करने के लिए ऊर्जा की जरूरत होती है।

जैसे: गाड़ी को चलने के लिए ईधन की जरूरत होती है।

उसी तरह हमारे शरीर को भी विभिन्न कामों को करने के लिए जो ऊर्जा की जरूरत होती है उसे कैलोरी (calories) कहते हैं।
*समान्य लाइफस्टाइल के व्यक्ति को अपना बॉडी मेंटन करने लिए लगभग 2500 कैलोरी खाने की जरूरत होती है।

यदि वो वजन कम करना चाहता है तो उसे 2000 कैलोरी की जरूरत होगी।

*1 दिन में 800 से 1500 कैलोरी की खपत करने पर शरीर ऊर्जावान बना रहता है।
*कैलोरी बर्न करने से पानी पीने की मात्रा और आवश्यकता शरीर में बढ़ती है जो कि हमारे लिए बेहद फायदेमंद होती है।

कम कैलोरी से होने बाले नुकसान (disadvantages of low calorie)

*जरुरत से कम मात्रा में कैलोरी का सेवन करने से हमारे शरीर को कई प्रकार के नुकसान हो सकते है।

इसे अधिक नहीं बल्कि पर्याप्त मात्रा में और नियमित रूप में लेना चाहिए।
*कम कैलोरी के सेवन से शरीर की मेटाबॉलिक दर कम हो जाती है।
*इसके द्वारा शरीर में पोषक तत्वों की कमी भी हो जाती है।

कम कैलोरी लेने से शरीर को पूर्ण रूप से प्रोटीन और विटामिन नहीं मिल पाते हैं।
*कम कैलोरी लेने से हमारी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं जो कि स्वस्थ जीवन शैली के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं।
*इससे शरीर में थकावट की परेशानी भी आ सकती है।

हमारे शरीर में ऊर्जा की कमी होती है तो कैलोरीज को ऊर्जा के रूप में उपयोग किया जा सकता है और कम कैलोरी होने पर शरीर में कमजोरी आ जाएगी।

आप इन्हें भी पढ़ना पसंद कर सकते हैं

दुनियाँ में सबसे अधिक सैलरी पाने वाले सीईओ टिम कुक के बारे सम्पूर्ण जानकारी

भारत कोकिला और स्वतंत्रता सेनानी सरोजिनी नायडू के बारे में जाने ?

इलेक्ट्रिक वाहन क्या है और हमें इसकी आवश्यकता क्यों है?

श्रद्धा कपूर का प्रारंभिक जीवन और पारिवारिक पृष्ठभूमि

बॉलीवुड की रानी कंगना रनौत का जीवन

अशोक महान का जीवन

भारत के महान वैज्ञानिक सीवी रमन की जीवनी

वीर शिरोमणी हिन्दू ह्रदय सम्राट महाराणा प्रताप की जीवनी

शहीदे आजम भगत सिंह के जीवन की अनजानी बातें

अग्निपथ भर्ती योजना क्या है

कंप्यूटर क्या है? कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया

नवाब पटौदी का बचपन और प्रारंभिक जीवन

श्रीमती इंदिरा गांधी की जीवनी

सुनील गावस्कर का जीवन परिचय

आप हमारी वेबसाइट Learn With Vikas(https://learnwithvikas.com/) पे जाके और भी नए-नए जानकारी और बेहतरीन खबरों(news) को पढ़ सकते है।

The post स्वस्थ जीवन शैली में संतुलित आहार का महत्व : (Importance of a balanced diet in a healthy lifestyle) appeared first on Learn With Vikas.

]]>
https://learnwithvikas.com/%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%b5%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a5-%e0%a4%9c%e0%a5%80%e0%a4%b5%e0%a4%a8-%e0%a4%b6%e0%a5%88%e0%a4%b2%e0%a5%80/feed/ 0 440
स्वस्थ जीवन शैली के लिए आसान टिप्स(Easy Tips for Healthy Life Style) https://learnwithvikas.com/%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%b5%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a5-%e0%a4%9c%e0%a5%80%e0%a4%b5%e0%a4%a8-%e0%a4%b6%e0%a5%88%e0%a4%b2%e0%a5%80-2/ https://learnwithvikas.com/%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%b5%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a5-%e0%a4%9c%e0%a5%80%e0%a4%b5%e0%a4%a8-%e0%a4%b6%e0%a5%88%e0%a4%b2%e0%a5%80-2/#respond Sat, 30 Jul 2022 13:44:13 +0000 https://learnwithvikas.com/?p=278 स्वस्थ जीवन शैली जीना हर किसी का सपना होता है। सेहतमंद शरीर में हीं स्वस्थ मन का निवास होता है। अगर आप शारीरिक रूप से स्वस्थ नहीं है तो आपका मन भी स्वस्थ नहीं रह सकता है। एक स्वस्थ जीवन शैली जीना ,शारीरिक फिटनेस बनाए रखने की कुंजी है। नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, आत्म-देखभाल, अच्छी […]

The post स्वस्थ जीवन शैली के लिए आसान टिप्स(Easy Tips for Healthy Life Style) appeared first on Learn With Vikas.

]]>
स्वस्थ जीवन शैली जीना हर किसी का सपना होता है।

सेहतमंद शरीर में हीं स्वस्थ मन का निवास होता है।

अगर आप शारीरिक रूप से स्वस्थ नहीं है तो आपका मन भी स्वस्थ नहीं रह सकता है।

एक स्वस्थ जीवन शैली जीना ,शारीरिक फिटनेस बनाए रखने की कुंजी है।

नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, आत्म-देखभाल, अच्छी नींद के पैटर्न

और एक सक्रिय दैनिक कार्यक्रम स्वस्थ जीवन शैली के सभी घटक हैं।

किसी की फिटनेस को प्रभावित करने वाला सबसे महत्वपूर्ण कारक

उनकी जीवनशैली होती है।

एक गतिहीन(static) जीवन शैली का नेतृत्व करने वाला व्यक्ति न केवल कम फिट होता है,

बल्कि बेहतर जीवन जीने वाले की तुलना में मानसिक रूप से भी पीछे रहता  है।

हमारे व्यक्तित्व का सीधा असर हमारे स्वस्थ जीवन शैली पर पड़ता है(Our personality directly affects our healthy lifestyle.)

एक स्वस्थ जीवन शैली का नेतृत्व करने वाला व्यक्ति अधिक सकारात्मक, आत्मविश्वासी, मैत्रीपूर्ण और सक्रिय होता है।

एक अच्छी और स्वस्थ जीवन शैली व्यक्ति को बिना किसी जटिलता के

जीवन के सभी सुखों का आनंद लेने की अनुमति देती है।

अच्छी स्वास्थ्य की तुलना में सारी दौलत भी कम मूल्यवान है।

जब कोई लगातार बीमार, उदास या किसी महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जटिलता से पीड़ित होता है,

तो दुनिया में सभी भौतिक सुख होने से भी उसका उद्देश्य पूरा नहीं होता है।

एक स्वस्थ व्यक्ति बिना किसी पूर्वाग्रह के हर चीज की स्पष्ट और शांत धारणा रखता है।

उसके कार्य और निर्णय अधिक व्यावहारिक और तार्किक होते हैं और इसलिए जीवन में अधिक सफल होते हैं।

स्वस्थ जीवन शैली जीने  के लिए टिप्स(Tips for living a healthy life)

अच्छी आदते(Good Habits)

एक स्वस्थ जीवन शैली ज्यादातर अच्छी आदतों पर निर्भर करती है।

अपने शरीर और दिमाग को संतुलित रखने के लिए अच्छी आदतों को विकसित करने की जरूरत है।

सुबह जल्दी उठना, नियमित व्यायाम करना, या सुबह की आरामदेह सैर

सभी हमारे शरीर और दिमाग के स्वास्थ्य में योगदान करते हैं।

एक स्वस्थ जीवन शैली को बनाए रखने के लिए पूरे दिन संतुलित,

पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करने की आवश्यकता होती है।

एक स्वस्थ जीवन शैली अत्यधिक शराब के सेवन या धूम्रपान के लिए बिल्कुल भी उपयुक्त नहीं है।

स्वस्थ जीवन शैली

स्व अनुशासन(Self-Discipline)

स्वस्थ जीवन शैली को बनाए रखने के लिए आत्म-अनुशासन की आवश्यकता होती है।

आत्म-नियंत्रण हमें अच्छी स्वास्थ्य को बनाए रखने के हमारे प्रयासों को

अधिक उपयुक्त और सुसंगत बनाता है।

एक नियंत्रित जीवन वह है जो अनुशासित है।

एक अनियंत्रित आदमी बिना पतवार के जहाज के समान है।

अनुशासन के लिए आत्म-नियंत्रण की आवश्यकता होती है।

सफलता मुख्य रूप से इस बात पर आधारित है कि कोई व्यक्ति कितना अनुशासित और दृढ़ है।

अपनी भावनाओं, इच्छाओं आदि को नियंत्रित करने का कार्य,

विशेष रूप से स्वयं को बेहतर बनाने के उद्देश्य से, आत्म-अनुशासन के रूप में जाना जाता है।

इससे हमारी इच्छाशक्ति मजबूत होती है।

हमारे निर्णय अधिक सकारात्मक होंगे यदि हमारे पास अधिक इच्छाशक्ति होगी।

यह हमें खुद पर काबू पाने की शक्ति देता है।

स्वस्थ जीवन शैली के लिए संतुलित आहार(Balanced diet for a healthy lifestyle)

आहार सामान्य फिटनेस का एक महत्वपूर्ण पहलू है

और व्यायाम के साथ संतुलित आहार होने पर यह सबसे प्रभावी होता है।

नियमित व्यायाम और संतुलित आहार अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने की कुंजी है।

यदि आप अधिक वजन वाले या मोटे हैं, तो आपको अपनी शारीरिक फिटनेस बनाए रखने के लिए

अपना वजन कम करना चाहिए।

मोटे लोगों के लिए अधिक व्यायाम और संतुलित आहार की आवश्यकता होती है।

आहार में विभिन्न तरीकों से सुधार किया जा सकता है।

  • खाना बनाते समय नमक और चीनी का उपयोग कम करें।
  • खाना पकाने में तेल का प्रयोग कम करें। जितना हो सके डीप फ्राई न करें।
  • रोजाना ज्यादा से ज्यादा फलों का सेवन करें। वे हमारे शरीर को अतिरिक्त विटामिन और खनिज देते हैं।
  • प्रत्येक दिन कम से कम भोजन में मूंग दाल और अंकुरित चना शामिल करें।
  • फाइबर का सेवन बढ़ाएं। रिफाइंड अनाज के बजाय साबुत अनाज चुनें।
  • अक्सर दही और सलाद का सेवन करें।
  • बार-बार अंकुरित खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
  • अंकुरित भोजन में पाए जाने वाले अनेक लाभकारी सूक्ष्मजीव(microorganism) पाचन में सहायता करते हैं।

पर्याप्त नींद लें(Have enough sleep)

आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली और नींद की गुणवत्ता और मात्रा का गहरा संबंध है।

हर दिन सात से आठ घंटे की नींद लेने से आपको स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली बनाए रखने में मदद मिलेगी।

पानी पिएं और हाइड्रेटेड रहें(Drink Water and Stay Hydrated).

स्वस्थ रहने का सबसे अच्छा तरीका लगातार पानी पीना है,

लेकिन इस बात का कोई सबूत नहीं है कि ऐसा बार-बार करना वायरल संक्रमण से बचने में मदद कर सकता है।

आप इन्हें भी पढ़ना पसंद कर सकते हैं

गेट परीक्षा की तैयारी कैसे  करे?
मुकेश अंबानी की सफलता का राज जाने
छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरगाथा का वर्णन

संत स्वामी रामानन्द की जीवन कथा

कॉमेडी के जादूगर कादर खान का फिल्मी सफर

प्रसिद्ध भारतीय हास्य अभिनेता कपिल शर्मा

मैरी कॉम एक चैंपियन भारतीय मुक्केबाज

अजीम प्रेमजी सबसे बड़े दानवीर

सशक्त भारत बनाने के लिए निर्मला सीतारमन की भूमिका

प्रिंस ऑफ कोलकाता का दिलचस्प क्रिकेट करियर

बॉलीवुड और दक्षिण भारत के सुपरस्टार रजनीकांत की जीवनी।

आप हमारी वेबसाइट Learn With Vikas(https://learnwithvikas.com/) पे जाके और भी नए-नए जानकारी और बेहतरीन खबरों(news) को पढ़ सकते है।

The post स्वस्थ जीवन शैली के लिए आसान टिप्स(Easy Tips for Healthy Life Style) appeared first on Learn With Vikas.

]]>
https://learnwithvikas.com/%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%b5%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a5-%e0%a4%9c%e0%a5%80%e0%a4%b5%e0%a4%a8-%e0%a4%b6%e0%a5%88%e0%a4%b2%e0%a5%80-2/feed/ 0 278
अतिरिक्त वजन कैसे कम करें ? अतिरिक्त वजन का हमारे स्वस्थ पर क्या असर परता है ?(How to reduce extra weight? What is the effect of extra weight on our health?) https://learnwithvikas.com/%e0%a4%85%e0%a4%a4%e0%a4%bf%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%a4-%e0%a4%b5%e0%a4%9c%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a5%88%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a4%ae-%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%82/ https://learnwithvikas.com/%e0%a4%85%e0%a4%a4%e0%a4%bf%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%a4-%e0%a4%b5%e0%a4%9c%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a5%88%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a4%ae-%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%82/#respond Thu, 28 Jul 2022 12:57:22 +0000 https://learnwithvikas.com/?p=270 अतिरिक्त वजन कम करने के टिप्स: अगर आप अपना वजन और पेट की चर्बी कम करना चाहते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए मददगार हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक अगर मोटापे पर जल्द ध्यान नहीं दिया गया तो समस्या और भी गंभीर हो सकती है। वजन कम करना एक चुनौती है। इसके लिए […]

The post अतिरिक्त वजन कैसे कम करें ? अतिरिक्त वजन का हमारे स्वस्थ पर क्या असर परता है ?(How to reduce extra weight? What is the effect of extra weight on our health?) appeared first on Learn With Vikas.

]]>
अतिरिक्त वजन कम करने के टिप्स: अगर आप अपना वजन और पेट की चर्बी कम करना चाहते हैं,

तो यह जानकारी आपके लिए मददगार हो सकती है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक अगर मोटापे पर जल्द ध्यान नहीं दिया गया तो

समस्या और भी गंभीर हो सकती है।

वजन कम करना एक चुनौती है।

इसके लिए कुछ लोग जिम में खूब वर्कआउट करते हैं तो कुछ तुरंत डॉक्टर के पास जाते हैं।

इन सबके अलावा, हम आपको कुछ वजन घटाने की सलाह भी दे रहे हैं।

प्रसिद्ध आयुर्वेदिक चिकित्सक अबरार मुल्तानी का दावा है कि

मोटापा हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, उच्च यूरिक एसिड और मधुमेह जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ाता है।

इस कारण से इसे समय से नियंत्रित किया जाना चाहिए।

अतिरिक्त वजन घटाने के लिए महत्वपूर्ण सलाह (Important advice for weight loss)

टिप्स 1

दोपहर के भोजन के दौरान दिन भर की कुल कैलोरी का 5% सेवन करें।

ऐसा इसलिए है क्योंकि दोपहर तब होती है जब पाचन अपने सबसे अच्छे रूप में होता है।

रात के खाने में आवश्यकता से अधिक कैलोरी नहीं होनी चाहिए।

टिप्स 2

अगर आप पेट की चर्बी कम करना चाहते हैं तो रिफाइंड तेल

और कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए।

आपको मिठा, ब्रेड, बिस्कुट और उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए।

टिप्स 3

वजन घटाने के लिए मेथी के चूर्ण का सेवन करना चाहिए

और इसे सुबह सबसे पहले पानी के साथ खाली पेट लेना चाहिए। इससे भी आपको लाभ हो सकता है।

मेथी के दानों को रात भर भिगोकर अगली सुबह खाली पेट भी खाया जा सकता है।

टिप्स 4

वजन कम करने के लिए त्रिफला को अपने आहार में शामिल करें।

यह आपके पाचन तंत्र को पुनर्जीवित करता है

और शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में सहायता करता है।

रात के खाने के बाद एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को थोड़े से गर्म पानी के साथ लें।

टिप्स 5: सूखा अदरक भी वजन कम करने में आपकी मदद कर सकता है।

अतिरिक्त चर्बी को कम करने के लिए सोंठ के पाउडर का उपयोग करने पर विचार करें ,

क्योंकि इसमें थर्मोजेनिक एजेंट नामक पदार्थ होते हैं।

गर्म पानी में सोंठ के पाउडर का सेवन करने से अतिरिक्त चर्बी तेजी से बर्न होती है।

अगर आपके पास सूखे अदरक का पाउडर नहीं है तो

कच्चे अदरक का सेवन करी और चाय के साथ किया जा सकता है।

अतिरिक्त वजन काम करने के लिए आप इन इन बिंदुओं पर  ध्यान दे सकते है(You can pay attention to these points to work off the extra weight)

  • अपनी थाली में अतिरिक्त सलाद और सब्जियां रखें।
  • इससे आपका शरीर स्वस्थ रहेगा। साथ ही वजन भी नियंत्रित रहेगा।
  • सोने से 30 मिनट पहले बिना फैट वाला दूध पिएं।
  • बैठकर और आराम से खाने का अभ्यास करें।
  • इससे खाना पच जाएगा और थोड़ी देर बाद आपको भूख नहीं लगेगी। ।
  • यदि आप प्लेट से अधिक खाने की प्रवृत्ति रखते हैं, तो अपने हाथों के बजाय चम्मच का उपयोग करें। इसके परिणामस्वरूप आपमें कम खाने की आदत भी विकसित होगी।
  • दूध वाली चाय के बजाय, नियमित रूप से अदरक या ग्रीन टी का सेवन करें।
  • क्योंकि ग्रीन टी वजन घटाने में मदद करती है।
  • मोबाइल डिवाइस, टीवी आदि का उपयोग करते समय कुछ भी न खाएं।
  • इससे बिना ध्यान दिए हम जरुरत से ज्यादा खा लेते है ।
  • अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो आइसक्रीम खाने और शीतल पेय पीने से बचें।
  • हर दिन 30 से 45 मिनट तक का तेज वॉक करें।
  • अगर आपको दूर तक चलना मुश्किल लगता है, तो योग और व्यायाम का प्रयास करें।
  • शरीर से जितना अधिक पसीना आप बाहर निकालते हैं, उतना ही जल्दी आप अपना वजन कम करते हैं।
  • अगर आपके घर में चार या पांच मंजिल हैं तो लिफ्ट के बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करें।

आप इन्हें भी पढ़ना पसंद कर सकते हैं

स्वामी विवेकानंद के जीवन से जूरी अनसुनी कहानी
गोस्वामी तुलसीदास की दिव्य कथा
गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की जीवनी

हार्ट अटैक क्या है ? यह क्यों होता है ?

बॉलीवुड के किंगखान शाहरुख खान की जीवनी

कुश्ती के चैम्पियन दारा सिंह की जीवनी

हिमा दास ने गेम के लिए छोड़ दी थी पढाई

स्वस्थ जीवन शैली में संतुलित आहार का महत्व

प्रोग्रामिंग लैंग्वेज किसे कहते है ?

कंप्यूटर वायरस के सामान्य लक्षण क्या है ? यह कैसे कंप्यूटर को नुकसान पहुँचता है ?

बॉलीवुड और दक्षिण भारत के सुपरस्टार रजनीकांत की जीवनी।

आप हमारी वेबसाइट Learn With Vikas(https://learnwithvikas.com/) पे जाके और भी नए-नए जानकारी और बेहतरीन खबरों(news) को पढ़ सकते है।

The post अतिरिक्त वजन कैसे कम करें ? अतिरिक्त वजन का हमारे स्वस्थ पर क्या असर परता है ?(How to reduce extra weight? What is the effect of extra weight on our health?) appeared first on Learn With Vikas.

]]>
https://learnwithvikas.com/%e0%a4%85%e0%a4%a4%e0%a4%bf%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%a4-%e0%a4%b5%e0%a4%9c%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a5%88%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a4%ae-%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%82/feed/ 0 270