हार्ट अटैक

हार्ट अटैक तब होता है जब हृदय की मांसपेशियों में ऑक्सीजन लाने वाला रक्त प्रवाह कार्य न कर रहा हो।

आपके हार्ट की मांसपेशियों को जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है।
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कोरोनरी धमनियां जो रक्त प्रवाह के साथ

हृदय की मांसपेशियों में ऑक्सीजन की आपूर्ति करती हैं।

वसा(fat), कोलेस्ट्रॉल(cholesterol) और अन्य पदार्थों के निर्माण से संकुचित(shrink) हो सकती हैं।

जिससे मांसपेशियों में ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित हो सकती है।

इस धीमी प्रक्रिया को एथेरोस्क्लेरोसिस(atherosclerosis) के रूप में जाना जाता है।

जब हृदय धमनी के भीतर पट्टिका(plaque) टूट जाती है, तो पट्टिका के चारों ओर रक्त का थक्का(clot) बन जाता है।

यह रक्त का थक्का धमनी के माध्यम से हृदय की मांसपेशियों में रक्त के प्रवाह को blocked कर सकता है।

जो हार्ट फेलियर का कारन बन सकता है ।

Table of Contents

इस्किमिया(ischemia)


इस्किमिया(ischemia) तब होता है जब हृदय की मांसपेशी में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की कमी हो जाती है।

जब इस्किमिया के परिणामस्वरूप हृदय की मांसपेशियों के हिस्से की क्षति या मृत्यु होती है।

तो इसे दिल का दौरा, या मायोकार्डियल इंफार्क्शन (एमआई) कहा जाता है।

संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग हर 40 सेकंड में एक व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ता है।

हार्ट अटैक का ऑब्जरवेशन ( Heart attack observation)

दिल के दौरे की समस्या आए दिन मानो बढ़ती ही जा रही है।

बच्चों से लेकर बूढ़ों तक, सभी को दिल की बिमारि से खतरा होता जा रहा है।

हार्ट अटैक दिल से संबधित बिमारियों में एक प्रमुख कारण माना जाता हैं।

यह पुरे विश्व में बहुत तेज़ी से फैल रही है।

अगर इसका सही समय पर इलाज नहीं किया जाय , तो मृत्यु होने की भी संभावना अधिक होती है।

हार्ट अटैक के प्रमुख कारण ( Major causes of heart attack)

45 वर्ष से ज्यादा आयु वाले पुरुष के लिए और 55 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए

दिल का दौरा पड़ने की संभावना बहुत अधिक होती है।
आहार(Diet): व्यस्त जीवन शैली होने के कारण लोग अधिक मात्रा में बाहर का खाना खाते है।

जैसे जंक फूड खाना, या अधिक मसालेदार भोजन करना ,

या तो बहुत मिर्ची वाली चीजों का सेवन करना , यह दिल के दौरे का प्रमुख कारण बनता है।

आनुवंशिकी(genetics) : दिल के दौरे का उच्च जोखिम (higher risk) विरासत से भी मिल सकता है।

यदि आपके परिवार या फिर आपके माता – पिता में से किसी को हार्ट संबधित परेशानी है तो

आगे चलकर बच्चे में भी ये समस्या बढ़ जाती है।

रक्तचाप (blood pressure) : उच्च रक्तचाप के वजह से हृदय पर बहुत तनाव रहता है।

उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन एक ऐसी बीमारी है, जिसके कारण नसों में रक्त का प्रवाह अधिक हो जाता है।

रक्त का दबाव 120/80mmHg से अधिक नहीं होना चाहिए।

यदि रक्त का दवाब इससे अधिक होता है तो , हार्ट अटैक का खतरा बन जाता है।

मोटापा (obesity): मोटापा अधिक होने के कारण हार्ट बीट इर्रेगुलर हो सकती हैं।

साथ ही एन्जाइना, हार्ट फेल, हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट आदि होने का रिस्क काफी हद तक बढ़ जाता है।

मोटापा अधिक होने के कारण शरीर में मौजूद आंतों की चर्बी दिल के इंर्द-गिर्द जमा हो सकती हैं।

जिससे दिल पर ज्यादा ज़ोर पड़ता है। जिससे की दिल का दौरा पड़ने की सम्भावना अधिक हो जाती है ।

धूम्रपान और नशीले पदार्थो का अधिक सेवन

नशा (Intoxication) : धूम्रपान और नशीले पदार्थो का अधिक सेवन करने

से दिल के दौरे का खतरा अधिक होता है।

हार्ट अटैक से बचने के लिए आपको नशीले पर्दार्थो के सेवन से भी बचना चाहिए।

खास कर हमे कोकेन जैसे नशे से बचना चाहिए।

यह कोरोनरी ध्वनि में ऐठन पैदा करती है। इसकी वजह से अटैक आ सकता है।

मानसिक तनाव(mental stress): मानसिक तनाव के कारण भी दिल के दौरे के जोखिम का सामना कर सकते हैं।

अगर आप नियमित तौर पर कम से कम 7 और अधिकतम 8 घंटे नहीं सोते हैं और तनावग्रस्त जीवन जीते हैं।

तो आपको हार्ट अटैक का खतरा हमेशा बना रहता है।

इसलिए अपनी नींद पूरी करें और तनाव को कम करें।

उच्च कोलेस्ट्रॉल का स्तर(high cholesterol level) :

हाई कोलेस्ट्रॉल के चलते रक्त कोशिकाओं में फैट जमा होने लगते है।

कुछ मामलो में यह फैट छोटे-छोटे क्लॉट्स में टूट जाता है ।

और ब्लड के फ्लो को पूरी तरह से रोक देता है जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

इनके अलावा, दिल में ऑक्सीजन की कमी होने की वजह से ,

उच्च कोलेस्ट्रॉल का स्तर, शरीर की निष्क्रियता (inaction )और डायबिटीज ,दिल के दौरे के जोखिम का कारक है।

हार्ट अटैक

शुरुआती चेतावनियों की परख कैसे करे ? ( How to test early warnings?)

दिल का दौरा पड़ने के शुरूआती लक्षण भिन्न प्रकार के होते हैं।

और यहाँ तक की एक ही व्यक्ति को अलग -अलग प्रकार के दौरे भी पड़ सकते है।

दबाव आना या छाती में दर्द होना ,यह दौरा पड़ने का सबसे सामान्य लक्षण माना जाता है।

शीघ्र उपचार करने के लिए शुरुआती लक्षण की पहचान होना आवशयक है।

याद रहे की हमें अपने शरीर का भी उतना ही ध्यान रखना चाहिए जितना की हम अपने अन्य कार्य का रखते है।

शुरुआती चेतावनी (हार्ट प्रॉब्लम) ( Early warning (heart problem)

महिलाओं और पुरुषों दोनों में हार्ट अटैक के लक्षण अलग होते है।

ध्यान देने वाली बात यह है कि पुरुषों से ज़्यादा हार्ट प्रॉब्लम महिलाओं में होती है।

महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण इस प्रकार से है (Symptoms of heart attack in women are as follows)

हार्ट अटैक के लक्षणों को महिलाएं अक्सर मामूली समझ कर इनको नजर अंदाज कर देती हैं।
●महिलाओं के स्तन में ,सीने में , शरीर के ऊपरी भागों में जैसे की भुजाएं, गर्दन, पीठ, दांत, और कंधे की हड्डी में इत्यादि जगह तेज़ दर्द होना हार्ट अटैक का लक्षण होता है ।
● बेचैनी महसूस करना , पेट खराब होना ,चक्कर आना,जी मचलाना या सिर घूमना, उल्टी आदि।

ये लक्षण महिलाओं में अधिक दिखाई देते हैं।

दिल में गहराई तक जाके रक्त पहुंचाने वाली दायीं धमनी का सही से काम नहीं कर पाने की वजह से अक्सर ऐसा होता है।
●महिलाओं में हार्ट अटैक के प्रमुख लक्षण जबड़े में दर्द होना है।

हॉर्मोन्स का बदलाव(change of hormones)

क्योंकि इसके आस – पास जो नसें होती हैं वे आपके हृदय से ही निकलती हैं।

ये दर्द थोड़ी-थोड़ी देर में होता रहता है।
●सांस लेने में परेशानी होना ,खांसी का अधिक आना और भारी सांस लेना, हार्ट अटैक का लक्षण माना जाता है।
●55 साल उम्र की महिलाओं में हॉर्मोन्स का बदलाव होता है।

हॉर्मोन्स के बदलाव की वजह से अचानक से पसीना आना शुरू हो जाता है ।

हालांकि, अचानक पसीना आना सामान्य है।

पर अधिक पसीना आने पर ये हार्ट अटैक का कारण भी बन सकता है।

पुरुषों में हार्ट अटैक के क्या लक्षण होते है ( What are the symptoms of heart attack in men?)

पुरूषों और महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण समान् ही पाए जाता है।

लेकिन यह 3 लक्षण हार्ट अटैक के, पुरुषों में मुख्य माने जाते है-
●सोते समय पर्याप्त ऑक्सीजन न खींच पाना ,लगातार खर्राटा लेना हार्ट अटैक के संकेत हो सकते है।

नींद पूरी न होना इससे हार्ट अटैक का खतरा अधिक बना रहता है इसका इलाज जल्द से जल्द करवाना चाहिए।
●टहलते समय पैरों में दर्द होना हार्ट अटैक आने का एक संकेत हो सकता है।

धमनियों का संकुचित(shrink) हो जाने से और रक्त प्रवाह के रुक जाने से , पेट और सिर में खून कम पहुँचता है।

जिससे की पैरो में भी खून की कमी की वजह से दर्द होता है।
●पेट का दर्द करना और ऊपरी पीठ में दर्द होना।

डॉक्टर से सहायता कब लेनी है? ( When to seek help from a doctor?)

हार्ट अटैक के लक्षणों पर हमे अधिक ध्यान देने की जरूरत है।

अगर कुछ नए लक्षण उत्पन हो रहे है और वे दूर नहीं हो रहे हैं।

तो फिर तुरंत ही डॉक्टर के पास जाना चाहिए ।

जब आपको शरीर में बहुत तेजी से बदलाव दिखे तब आप सावधान व सतर्क हो जाएं।

इसे कोइ नार्मल बीमारी समझ कर अनदेखा न करे।

इसे काम के प्रेशर के चलते होने वाली कमजोरी या फिर कोई दूसरा कारण ना समझे।

ऐसा होने पर तुरंत अपने नजदीकी अस्पताल या डॉक्टर से संपंर्क करें।

बाद में पछताने से तो अच्छा है कि हम समय रहते डॉक्टर से सुझाव लें।

दिल के दौरे के इलाज के लिए कौन सी दवाओं का उपयोग किया जाता है ( Which drugs are used to treat heart attack)

अस्पताल में, आपके हृदय में रक्त के थक्के जमने से रोकने ,

और हृदय पर दबाव को कम करने के लिए जल्दी से दवाएं मिलेंगी।

*ड्रग थेरेपी का उद्देश्य रक्त के थक्कों को तोड़ना या रोकना, प्लेटलेट्स(platelets) को इकट्ठा होने और प्लाक(plaque) से चिपके रहने से रोकना, प्लाक को स्थिर करना और अधिक इस्किमिया(ischemia) को रोकना है।

*रक्त के थक्के को रोकने व ब्लॉकेज के सुधार के लिए आपको Aspirin दी जाएंगी।

*अन्य एंटीप्लेटलेट(antiplatelet) दवाएं, जैसे क्लोपिडोग्रेल (clopidogrel), प्रसुग्रेल (prasugrel), या टिकाग्रेलर (ticagrelor) थक्के को रोकने के लिए दी जाती है।
*आपके दिल की धमनियों (arteries) में रक्त के थक्कों को भंग करने के लिए थ्रोम्बोलाइटिक थेरेपी (“thrombolytic therapy”) की जाती है।

हार्ट अटैक आने पर सीने को दबायें-(Press the chest in case of heart attack)

हार्ट अटैक आने से हार्ट रेट बंद हो सकती हैं।

यदि अचानक हार्ट अटैक आता है तो हार्ट रेट बंद होने लगती है

तब सीने को दबाकर सांस चालू करने की कोशिश करें।

यह बहुत आसान है और इसके कारण धड़कने फिर से शुरू हो जाती हैं। इसे सीपीआर तकनीक कहते हैं।

हार्ट अटैक के उपचार : ( heart attack treatment )

दिल की क्षति को सीमित करने के लिए आपको दवाएं जल्द से जल्द (आपके दिल का दौरा पड़ने के 1 या 2 घंटे के भीतर, यदि संभव हो तो) मिलनी चाहिए।

आसन और प्राणायाम करने से हार्ट अटैक से बचा जा सकता है।

मनुष्य को रोज सुबह जल्दी उठकर व्यायाम, सूर्य नमस्कार करना चाहिए।

यदि हम ऐसा रोज करेंगे तो 70 से 80 % दिल की समस्या कम हो सकती है।

हमें नियमित रूप से आसन, धनुरासन, ताड़ासन, कटिचक्रासन, वज्रासन करने चाहिए।

फ़ोन का कम प्रयोग करे। पौष्टिक एंटीऑक्सीडेंट युक्त आहार का सेवन करें।

नशीले पर्दार्थो का अधिक सेवन न करें। जंक फूड को रोज-रोज न खाये।

खाने में दही का जरूर उपयोग करें। दिल को अधिक मजबूत बनाने के लिए देसी घी में गुड़ मिलाकर खाएं।

आप इन्हें भी पढ़ना पसंद कर सकते हैं

शी जिनपिंग कैसे बने चीन के सबसे ताकतवर नेता, शी का खेतिहर मजदुर से लेकर सत्ता तक का सफर

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के बारे में जाने

प्रफुल्ल चंद्र राय ऐसे वैज्ञानिक थे जिनकी बात न गाँधी काट पाते थे न नेहरू

वायु प्रदूषण क्या होता है ? मानव जाति पर वायु प्रदूषण का क्या प्रभाव पड़ता है ?

वैष्णो देवी मंदिर कब अस्तित्व में आया? और किसने लगाया मंदिर का पता?

बाल दिवस क्या है? भारत में बाल दिवस मनाना कब से  शुरू हुआ ? बाल दिवस क्यों मनाया जाता है ?

पर्यावरण क्या है ? पर्यावरण का मानव जीवन  में क्या महत्व है?

क्रिकेट विश्व कप क्या है ? इसकी शुरुआत कब और कहाँ हुई ?

संत स्वामी रामानन्द की जीवन कथा

कॉमेडियन कादर खान का फिल्मी सफर

टीम इंडिया के ओपनर बल्लेबाज शिखर धवन 2022 में भारत के लिए सबसे ज्यादा वनडे रन बनाने वाले खिलाड़ी

आप हमारी वेबसाइट Learn With Vikas(https://learnwithvikas.com/) पे जाके और भी नए-नए जानकारी और बेहतरीन खबरों(news) को पढ़ सकते है।

By Vikas

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *