learnwithvikas Archives - Learn With Vikas https://learnwithvikas.com/tag/learnwithvikas/ Hindi Blog Website Wed, 11 Jan 2023 17:27:12 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.4.3 https://i0.wp.com/learnwithvikas.com/wp-content/uploads/2022/09/cropped-android-chrome-512x512-1.png?fit=32%2C32&ssl=1 learnwithvikas Archives - Learn With Vikas https://learnwithvikas.com/tag/learnwithvikas/ 32 32 208426820 पर्यावरण क्या है ? पर्यावरण का मानव जीवन  में क्या महत्व है?( What is environment? What is the importance of environment in human life?) https://learnwithvikas.com/%e0%a4%aa%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%b5%e0%a4%b0%e0%a4%a3-%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%b9%e0%a5%88/ https://learnwithvikas.com/%e0%a4%aa%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%b5%e0%a4%b0%e0%a4%a3-%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%b9%e0%a5%88/#respond Sat, 15 Oct 2022 09:48:58 +0000 https://learnwithvikas.com/?p=918 पर्यावरण से हमारा तात्पर्य चारों ओर के उस परिवेश से है जिससे हम घिरे हैं। आसान शब्दों में कहे तो जो कुछ भी जीव के चारों ओर उपस्थित होता है, वह उसका पर्यावरण कहलाता है। इस तथ्य के कारण कि वर्तमान में तकनीकी प्रगति के कारण पहले से कहीं अधिक मिलें, कारखाने और ऑटोमोबाइल हैं। […]

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पर्यावरण से हमारा तात्पर्य चारों ओर के उस परिवेश से है जिससे हम घिरे हैं।

आसान शब्दों में कहे तो जो कुछ भी जीव के चारों ओर उपस्थित होता है, वह उसका पर्यावरण कहलाता है।

इस तथ्य के कारण कि वर्तमान में तकनीकी प्रगति के कारण

पहले से कहीं अधिक मिलें, कारखाने और ऑटोमोबाइल हैं।

इससे पर्यावरण की समस्या दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही हैं।

मनुष्य और पर्यावरण एक दूसरे पर निर्भर करते है।

इस प्रकार यदि हमारे वातावरण में कोई परिवर्तन होता है, तो इसका सीधा प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ेगा।

प्राकृतिक एक परिवेश है जो पृथ्वी पर जीवन को बनाने में सहायता करता है।

मनुष्यों, जानवरों और अन्य जीवित चीजों का विकास प्राकृतिक पर्यावरण द्वारा सहायता प्राप्त है।

जो पृथ्वी पर जीवन के लिए महत्वपूर्ण है।

मनुष्य अपनी कुछ बुरी आदतों और खराब व्यवहारों के कारण पर्यावरण को बर्बाद कर रहा है।

पर्यावरण का क्या अर्थ है (What is meant by environment)

पर्यावरण शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है परी+आवरण= पर्यावरण का अर्थ हमारे चारों ओर का आवरण या वातावरण है।

परी का अर्थ हमारे चारों और का वातावरण (चारों तरफ से) और आवरण का अर्थ है घेरना (ढँके हुए) है।

इस प्रकार पर्यावरण या फिर वातावरण शब्द का अर्थ यह हुआ “व्यक्ति के

आस-पास और चारों ओर जो कुछ भी है, वही उसका पर्यावरण या वातावरण है।

मनुष्य के चारों और फैले हुए वातावरण को ही पर्यावरण कहा जाता है।

मानव अपने जन्म से लेकर मृत्यु  तक पर्यावरण से जुड़ा रहता है।

पर्यावरण की परिभाषा (definition of environment)

  1. जे.एस. रॉस के अनुसार “पर्यावरण या वातावरण वह बाहरी कारक है जो हमें प्रभावित करते  है,” ।
  • डगलस और हॉलैंड के अनुसार, “पर्यावरण” शब्द उन सभी बाहरी ताकतों, प्रभावों और स्थितियों को संदर्भित करता है जिनका किसी जीव के जीवन, प्रकृति, व्यवहार, विकास और परिपक्वता पर प्रभाव पड़ता है।
  • हर्स कोक्वाट्स के अनुसार, पर्यावरण इन सभी बाहरी कारकों की परिणति है जो  प्राणी के जीवन और अस्तित्व के तरीके को प्रभावित करते हैं।
  • डॉ डेविज के अनुसार- “मनुष्य के सम्बन्ध में पर्यावरण से अभिप्राय धरती पर मानव के चारों ओर फैले उन सभी प्राकृतिक  स्वरूपों से है  जिससे वह लगातार प्रभावित होते रहते हैं।”

उपर्युक्त परिभाषाओं के अध्ययन से स्पष्ट हो जाता है की पर्यावरण होता क्या है 

पर्यावरण में वह सब कुछ शामिल है जो हमारे आसपास मौजूद है,

जिसमें हवा, जमीन, पानी, जानवर, पक्षी, पौधे आदि शामिल हैं।

जिस तरह हमारा पर्यावरण हमें प्रभावित करता है,

उसी तरह हमारी गतिविधियों का भी पर्यावरण पर प्रभाव पड़ता है।

पेड़ों को उनकी लकड़ी के लिए काटे जाने से वन लुप्त हो रहे हैं,

जिसका प्रभाव वन जीवों के अस्तित्व पर पड़ रहा है।

यह कई विलुप्त प्रजातियों और संकटग्रस्त प्रजातियों का कारण है जो आज दुनिया में पाई जा सकती थी।

पर्यावरण

पर्यावरण के अंग (parts of the environment)

  1. स्थल मण्डल (site circle)

स्थल मण्डल सतह का वह हिस्सा है जो समुद्र तल से ऊपर उठा हुआ है और कुल क्षेत्रफल का लगभग 29% है।

यह स्थल तीन परतें से मिलकर बना हुआ है।

  • पहली परत पृथ्वी की सतह है धरती से इस परत की गहराई लगभग 100 कि.मी. है।

इस परत में अलग अलग प्रकार की मिट्टियाँ व शैलें समाई हुई है।

इस भाग का औसत धनत्व लगभग 2.7 है ।

  • उपाचयमण्डल दूसरी परत है इसकी गहराई स्थल मण्डल के नीचे तक लगभग   200 कि.मी. है ।
  • इसमें सिलिकन और मैगनीशियम की प्रभुत्व  है और इसका औसत धनत्व लगभग 3.5 कि.मी ऑका गया है। 
  • परिणाम मण्डल तीसरी परत  है, जो पृथ्वी का केन्द्रीय  मण्डल  (सेंट्रल ) है और कठोर धातुओं से  मिलकर बना हुआ है।
  • जल मण्डल (Water Circle)

हाइड्रोस्फीयर” शब्द पृथ्वी के कुल जलीय हिस्से को संदर्भित करता है,

जिसमें सभी समुद्र और महासागर शामिल हैं।

दुनिया की सतह का 71% पानी से और 29% भूमि से ढकी है।

पृथ्वी की सतह लगभग 51 बिलियन वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है।

इसके 36 करोड़ वर्ग किमी में पानी है।

  • वायु मण्डल(Atmosphere)

हवा जो पृथ्वी को सैकड़ों किलोमीटर तक घेरे हुए है, एक पर्याप्त आवरण है,

जिसे वायुमंडल के रूप में जाना जाता है।

 पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति की वजह से  वायु का यह घेरा पृथ्वी को जकड़े हुए है।

धरातल से इसकी ऊंचाई लगभग 800 किलोमीटर मानी जाती है।

परन्तु खोज के पश्चात यह ऊंचाई करीबन 1300 किलोमीटर ऑकी गयी है।

वायुमंडल कई परतों से मिलकर बना है। 

पर्यावरण के तत्व (elements of the environment)

पर्यावरण के तत्व के दो समूह हैं जो पर्यावरण के घटकों को बनाते हैं।

  1. निर्जीव वस्तुएं  (inanimate objects)
  2. जीवित  वस्तुएं (living things)

निर्जीव घटकों में : जलवायु, भूमि, जल, मिट्टी, खनिज, चट्टानें और स्थान सम्मलित है।

जैविक घटकों में : मानव, पौधे और जंतु प्रमुख रूप से सम्मलित है।

अजैविक समुदाय में –

जलवायु से संबंधित कारकों में : सूर्य का प्रकाश और ऊर्जा, तापमान, हवा, वर्षा,     

                            आर्द्रता और अन्य वायुमंडलीय गैसें शामिल हैं।

स्थलाकृति से संबंधित कारक :   जैसे कि ढलान, पहाड़ ,

                           समुद्र, झीलें, नदियाँ, और जल सम्मिलित हैं।

मिट्टी में              :      जल, वायु और मिट्टी के विभिन्न रूप शामिल हैं।

चट्टानों और खनिजों में  :      ऊर्जा खनिज, धात्विक और अधात्विक खनिज  

                           और चट्टानें शामिल हैं।

भौगोलिक स्थान       :     इसमें पहाड़ी, तटीय और मध्य  भूभाग शामिल है।

जैव तत्वों के समूह(group of biological elements)

इसमें सूक्ष्मजीव, मनुष्य, जानवर और पौधे शामिल हैं।

उनके लक्षणों के अनुसार, पर्यावरण के जैविक और गैर-जैविक घटक पर्यावरण का निर्माण करते हैं।

उनमें होने वाले परिवर्तनों का जिव पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है क्योंकि वे आपस में जुड़े हुए हैं।

पर्यावरण के कम  होने से जानवरों को कौन सी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है ? (What are the problems animals are facing due to depleting environment?)

प्राणियों का बेघर होना (homelessness of animals)

जैसे की आपको भी पता है कि आजकल बहुत सारे जानवर विलुप्त होने की कगार पर है

क्योंकि हमने उनके प्राकृतिक घरो को छीन लिया है।

इस वजह से इन जीवों को कस्बों और शहरों के करीब जाने को भी मजबूर होना पड़ता है।

उन्होंने जीवित रहने के लिए लोगों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है।

पर्यावरण का तात्पर्य केवल हमारा आस -पास का वातावरण ही नहीं है

बल्कि यह हमारे सामाजिक और व्यवहारिक जीवन को भी दर्शाता है।

पर्यावरण में सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, जैविक और भौतिक घटक शामिल होते है।

इनसे व्यक्ति का जीवन घिरा रहता हैं और पर्यावरण पर भी इनका प्रभाव पड़ता हैं।

जंगली जानवरों और पक्षियों को – पानी की और घोंसले की दिक्कत होना (Wild animals and birds – having problems with water and nesting)

पेड़-पौधों और वनस्पतियों को मनुष्य अपनी जरूरत के लिए लगातार काट रहा है।  

जिसका असर जंगली जानवरों और पक्षियों पर भी पड़ रहा है।

पेड़ों की कमी की वजह से पक्षियों को पर्याप्त भोजन और पानी नहीं मिल रहा है ।

और घोंसले बनाने की जगह में भी कमी आ रही है।

पेड़ कम होने के कारण वर्षा कम होती है।

अधिक वनस्पति होने के कारण पक्षियों में पानी की आवश्यकता कम हो जाती है।

इसके अतिरिक्त, नियमित तापमान बनाए रखने के लिए पेड़ और अन्य पौधे महत्वपूर्ण हैं।

पर्यावरण प्रदूषण के कारण (Due to environmental pollution)

पर्यावरण में प्रदूषण बहुत से कारणों से होता है। जिनका वर्णन इस प्रकार से है –

  1. जनसंख्या में वृद्धि (increase in population)

प्रदूषण के मुख्य कारणों में से एक जनसंख्या में वृद्धि है।

क्योंकि इसके परिणामस्वरूप प्रदूषण (pollution) और प्रदूषक (pollutant) दोनों में वृद्धि होती है।

दूसरी ओर झील तथा नदियों को भी प्रदूषित किया जा रहा है।

उदाहरण के लिए घरों का कचरा एवं कूड़ा- करकट तथा लकड़ी

एवं कोयले को ईंधन के रूप मे जलाने से उत्पन्न धुएं से वातावरण मे प्रदूषण फैलता है।

  • प्राकृतिक स्त्रोतों का अनियंत्रित उपयोग (Uncontrolled use of resources)

भूमि, जल, जंगल, वायु, खनिज आदि जैसे संसाधनों के अनियंत्रित

और अनुचित उपयोग के कारण , जनसंख्या वृद्धि के दबाव में पर्यावरण प्रदूषण तेजी से फ़ैल रहा है।

  • आर्थिक प्रगति (economic progress)

पर्यावरण प्रदूषण का दूसरा कारण मनुष्य द्वारा किए जाने वाला आर्थिक विकास है।

आर्थिक विकास भी पर्यावरण प्रदूषण के लिए काफी हद तक उत्तरदायी है।

मनुष्य उत्पादन स्तर को बढ़ाने के लिए उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग करता है। 

यह प्रदूषण को पैदा करते हैं और कई तरह की समस्याओं को जन्म देते हैं।

  • परिवहन में विस्तार(Expansion in transport)

औद्योगीकरण के परिणामस्वरूप परिवहन के तीनों साधनों – जल, भूमि

और वायु पर परिवहन की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है,

और परिणामस्वरूप, परिवहन हमारे वातावरण को धुएं के द्वारा तेजी से प्रदूषित कर रहे हैं।

प्रदूषण का यह क्रम और भी तीव्रता से परिवहन साधनों(यंत्र ) की संख्या के साथ बढ़ रहा है

और यह हमारे पर्यावरण के प्रदूषण का एक प्रमुख कारण है।

आधुनिक तकनीकों का प्रसार के कारण  (Due to the spread of modern technologies)

आधुनिक प्रौद्योगिकी ने अपनी प्रक्रियाओं(Procedures) से कई प्रकार की

विषाक्त गैसों, धुओं एवं विषाक्त रसायन युक्त अपजलों के माध्यम से जल,

थल एवं वायु सभी तत्वों को अशुद्ध कर दिया है।

जिससे पर्यावरण प्रदूषण उत्पन्न हो गया है।

जनता का अशिक्षित एवं गरीब होना (public being uneducated and poor), उर्वरकों तथा कीटनाशकों का अत्यधिक प्रयोग (Excessive use of fertilizers and pesticides) , वनों का विनाश (destruction of forests) , खेती के लिए बड़े पैमाने पर सिंचाई (huge irrigation) असंतुलन के प्रमुख करक है।

  • विषाक्त गैंसें (toxic gases)

कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड,

ओजोन और अन्य जहरीली गैसें कारखानों, बिजली संयंत्रों और अन्य स्रोतों से निकलती हैं।

यह वायु प्रदूषण में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

  • ध्वनि प्रदूषण ( Noise Pollution)

यह मशीनरी, वायुयान, रेलगाड़ियों, लाउडस्पीकरों और अन्य स्रोतों द्वारा

की जाने वाली तेज़ आवाज़ों के कारण होता है।

  • पर्यावरणीय रेडियोधर्मिता (Environmental Radioactivity)

रेडियोधर्मिता प्रदूषण विश्व में तेजी से फैल रहा है।

परमाणु बम विस्फोट परीक्षणों के कारण वायुमंडल में जो रेडियोधर्मिता विष फैलता है।

उससे वर्तमान मानव ही नही वल्कि आगे की पीढ़ियां भी प्रभावित हुए बगैर नही रह सकती है।

पर्यावरण का मानव जीवन में महत्व  (Importance of environment in human life)

पर्यावरण का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्व है।

इसके बिना मनुष्य का जीवित रहना असंभव है।

मानव जीवन की प्राथमिक आवशयकता ही वातावरण है।

जल, स्थल, वायु, अग्नि तथा आकाश इन्हीं पांच तत्वो के द्वारा मनुष्य का जीवन सम्भव है।

ये वातावरण ,पेड़ -पौधे  हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग है।

प्राचीन समय में मनुष्य का जीवन बहुत सरल था। 

इसलिए वो अपने चारो और की सुन्दर प्रकृति को बहुत संभाल कर रखता था।

लेकिन(But) आधुनिक युग में लोग पर्यावरण शिक्षा के मूल्य की अनदेखी कर रहे हैं।

जिसका सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ रहा है।

पहले इंसान मीलों तक चल पाता था, लेकिन(But) आज ज्यादातर लोग

छोटी दूरियों को भी गाड़ी के बिना मैनेज nahi कर पाते हैं।

अतीत में, मनुष्य के पास विभिन्न प्रकार के पूर्ण पौष्टिक फल, सब्जियां,

और अन्य प्राकृतिक खाद्य पदार्थ उपलब्ध थे।

वह दिन भर ऊर्जावान महसूस करने के लिए इन खाद्य पदार्थों का सेवन करते थे

और बीमारी से मुक्त रहकर लंबा जीवन जीते थे।

हालाँकि (however) आज का आदमी सब्जियों को प्राप्त करने के लिए कई तरह की दवाओं

और कीटनाशकों का इस्तेमाल करता है,

जिसका सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है।

क्योंकि हम जो फल या सब्जी खाते है, वह दूषित हो गई है।

उन दवाओं के कारण, उनमें आवश्यक पोषक तत्वों की कमी होती है।

इस वजह से, आज दस में से छह लोग को बीमारि की शुरुआत जल्दी से हो जाती है।

इसके बावजूद किसी को भी पर्यावरण की परवाह नहीं है।

और वह लगातार इसे नुकसान पहुंचा रहे  है।

पर्यावरण के प्रति मनुष्य  की क्या दायित्व  होती है? (What is the responsibility of man towards the environment?)

पर्यावरण की सुरक्षा करना समाज के हर व्यक्ति का कर्तव्य है।

इसके महत्वके बारे में सभी मनुष्य और ग्रामीण इलाके के लोगों को अवगत कराने की आज भी जरूरत है।

पर्यावरण की सुरक्षा और अपने सेहत के लिए हरियाली बनाये रखना जरुरी है। 

हमें अधिक से अधिक परिवेश को दूषित होने से बचाना चाहिए।

पर्यावरण दिवस कब मनाया जाता है और क्यों मनाया जाता है ?(When is Environment Day celebrated and why is it celebrated?)

हर साल 5 जून को पर्यावरण दिवस या विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।

उद्योगीकरण की वृद्धि का पर्यावरण पर  ख़राब प्रभाव पड़ रहा है।

लेकिन(But) पेड़ और पौधे पर्यावरण में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए अपनी भूमिका निभाते हैं।

और गंदे वातावरण को साफ करने में पूरी तरह से योगदान देते  हैं।

पर्यावरण प्रदूषण के स्तर के साथ-साथ प्राकृतिक आपदाओं की संभावना बढ़ रही है।

यह महत्वपूर्ण है कि इस स्थिति में लोगों को अपने परिवेश के बारे में जागरूक किया जाए।

इसे पूरा करने के लिए हम हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाते हैं।

पहला पर्यावरण दिवस समारोह स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में आयोजित किया गया था।

इस राष्ट्र ने दुनिया के इतिहास में पहले पर्यावरण सम्मेलन की भी मेजबानी की, जिसमें 119 देशों ने भाग लिया था।

इस सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम की नींव रखी गई

और 5 जून को प्रति वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का निर्णय लिया गया।

वैश्विक स्तर पर पर्यावरण प्रदूषण के बढ़ते मुद्दे के कारण संयुक्त राष्ट्र ने

1972 में विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की पहल की।

पूर्व भारतीय प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने प्रकृति और

पर्यावरण प्रदूषण पर दुनिया के बारे में चिंता व्यक्त की थी।

विश्व पर्यावरण दिवस पूरी तरह से पर्यावरण प्रदूषण के आसपास के मुद्दों के बारे में

जागरूकता बढ़ाने, प्रकृति और परिवेश के मूल्य पर दूसरों को शिक्षित करने

और दोनों को संरक्षित करने के प्रयासों में भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है।

निष्कर्ष (conclusion)

हमें अपने पर्यावरण(environment) के साथ खिलवाड़ करना बिलकुल बंद करना होगा।

भविष्य में अगर हमें अपने आसपास के वातावरण को साफ, सुंदर और जीवन  जीने लायक देखना है तो,

हमें यह ज्ञात होना चाहिए कि पर्यावरण(environment) इस पृथ्वी पर जीवन के लिए सबसे जरुरी है।

हमें यह सोचना होगा की पर्यावरण(environment) है तो हम है।

अगर पर्यावरण(environment) में कसी भी तरह के बड़े बदलाव आते है तो

इससे मानव जीवन संकट में पर जाएगा।

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सोमनाथ मंदिर का इतिहास । आखिर क्यों हुए थे इस पर इतने आक्रमण (History of Somnath Temple? Why were there so many attacks on it?) https://learnwithvikas.com/%e0%a4%b8%e0%a5%8b%e0%a4%ae%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%a5-%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%b0/ https://learnwithvikas.com/%e0%a4%b8%e0%a5%8b%e0%a4%ae%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%a5-%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%b0/#respond Mon, 10 Oct 2022 13:36:20 +0000 https://learnwithvikas.com/?p=891 गुजरात के सौराष्ट्र में वेरावल बंदरगाह के पास सोमनाथ मंदिर के नाम से जाना जाने वाला एक बहुत पुराना शिव मंदिर है। इसे भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है। प्रभास पाटन उस क्षेत्र का वर्तमान नाम है। जहां पर यह मंदिर स्थित है। सोमनाथ मंदिर का निर्माण स्वयं चंद्रदेव […]

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गुजरात के सौराष्ट्र में वेरावल बंदरगाह के पास सोमनाथ मंदिर के नाम से

जाना जाने वाला एक बहुत पुराना शिव मंदिर है।

इसे भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है।

प्रभास पाटन उस क्षेत्र का वर्तमान नाम है।

जहां पर यह मंदिर स्थित है।

सोमनाथ मंदिर का निर्माण स्वयं चंद्रदेव ने किया था।

और इसका स्पष्ट रूप से ऋग्वेद, स्कंद पुराण, भागवत और प्रभास खंड में भी उल्लेख किया गया है।

इस मंदिर को अक्सर मुगल आक्रमणकारियों द्वारा वर्ष 1955 में पहले नष्ट कर दिया गया था।

फिर भी हिंदू राजाओं के द्वारा लगातार इस मंदिर का पुननिर्माण किया गया था।

सोमनाथ मंदिर के इतिहास से जुड़ी घटनाओं पर चर्चा करने के लिए

रात के 7:30 से 8:30 बजे तक मंदिर के प्रांगण में लाइट एंड साउंड शो का आयोजन किया जाता है।

जो मंदिर के इतिहास की कहानी और उससे जुड़ी लोककथाओं को बहुत ही सुंदर तरीके से बताता है।

मंदिर में किए जाने वाले धार्मिक और सांस्कृतिक कार्य ( Religious and cultural functions performed in the temple)

सबसे बड़ा पूजा स्थल होने के अलावा, सोमनाथ मंदिर में महत्वपूर्ण रूप से

धार्मिक और सांस्कृतिक कार्य भी किए जाते है।

श्राद्ध और नारायण बाली जैसे धार्मिक संस्कारों के लिए यह मंदिर स्थानीय आबादी के बीच विशेष रूप से प्रसिद्ध है।

हिन्दू कैलेंडर के अनुसरण में चैत्र में, भाद्रपद और कार्तिक माह में यहाँ पर धार्मिक कार्य

और श्राद्ध कार्य करने का खास महत्व बताया गया है।

सोमनाथ मंदिर में तीन पवित्र हिंदू नदियाँ हिरण्य, सरस्वती और कपिला का  संगम स्थल है।

इस वजह से देश भर से काफी सारे श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में स्नान करने के लिए यहां आते रहते हैं।

सोमनाथ मंदिर की पौराणिक कथा का वर्णन (The description of the legend of Somnath Temple)

  1. सोमनाथ मंदिर के निर्माण और नामकरण से जुडी रोचक कथा

यहाँ पर एक सबसे पौराणिक कथा है जो बहुत ज्यादा बार सुनी जाती है ।

राजा दक्षप्रजापति की 27 पुत्रियाँ थी।

चन्द्रमा जी ने दक्षप्रजापति की 27 पुत्रियों से विवाह कर लिया था।

चन्द्रमा दक्षप्रजापति की सभी पुत्रियों में से एक पुत्री रोहिणी का बहुत सम्मान करते और बहुत स्नेह किया करते थे।

इस कारण चन्द्रमा की बाकि सभी पत्निया नाराज हो गई और अपने पिता से शिकायत की ।

पिता ने अपने दामाद को समझाने का प्रयास किया था।

दक्षप्रजापति ने अपने दामाद को कहा कि वो अपनी सभी पत्नियों को समान रूप से प्रेम करें।

चन्द्रमा ने दक्षप्रजापति की कोई भी बात नहीं मानी थी। 

दक्षप्रजापति ने क्रोध में आकर चन्द्रमा को श्राप दे दिया और

कहा की तुम्हारी चमक दिन प्रतिदिन कम होती रहेगी ।

इस कारण चद्रमा की रोशनी कम होने लग पड़ी और पृथ्वी पर भी अँधेरा बढ़ने लगा ।

इस समस्या से मुक्त होने के लिए सभी देवता मिल कर दक्षप्रजापति के पास जाते है

और उनसे प्रार्थना करते है कि चन्द्रमा को श्राप से मुक्त कर दीजिए।

दक्षप्रजापति देवताओं से कहते है कि मेरे श्राप से मुक्ति पाने के लिए

चन्द्रमा को भगवान शिव से प्रार्थना करनी चाहिए।

इस सुझाव के अनुसार चन्द्रमा ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कड़ी  तपस्या करनी शुरू कर दी ।

तपस्या से खुश होकर भगवान शिव चन्द्रमा को श्राप से मुक्त होने का उपाय बताते है।

सोमनाथ मंदिर

“सोम”के नाम की उपाधि (The title of the name of “Soma”)

पुराणों में चन्द्रमा को “सोम”भी कहा जाता है।

भगवान शिव की सहायता से चन्द्रमा श्राप मुक्त हो जाते है।

बाद में चन्द्रमा इस स्थान पर भगवान शिव के शिवलिंग की स्थापना करते है।

वैदिक काल में चन्द्रमा को सोम कह कर बुलाया जाता था। 

इसी के अनुसार इस स्थान को “सोमनाथ”के रूप में पूजा जाने लगा।

ऐसी मान्यता है कि अपनी चमक पुनः प्राप्त करने के लिए

चन्द्रमा ने यहाँ बहने वाली सरस्वती नदी में स्नान भी किया था।

  •  दूसरी पौराणिक कथा भगवान श्री कृष्ण से जुडी हुई  है।

ऐसा माना जाता है की एक बार जब भालुका तीर्थ पर भगवान श्री कृष्ण आराम कर रहे थे।

तब वहाँ पर एक शिकारी आता है और वो श्री कृष्ण के तलुए में बने पद्मचिह्न को

किसी हिरण की आँख समझ लेता है और भर्मित होकर तीर चला देता है।

वो तीर सीधा जाकर श्री कृष्ण के तलुए में लगता है।

इस घटना में कृष्ण अपने शरीर को त्याग कर वैंकुंठ धाम चले जाते है।

सोमनाथ मंदिर के पास आज भी भगवान कृष्ण का एक बड़ा ही सुन्दर मंदिर बना हुआ है।

बार-बार मुगलों द्वारा हमला(repeatedly attacked by the Mughals)

सोमनाथ मंदिर पर बार-बार मुगलों द्वारा हमला किया गया,

जिन्होंने इस मंदिर को अक्सर क्षतिग्रस्त भी किया।

जब – जब  मुगलों ने इसे घेरा तब -तब इस धरती के हजारों बहादुर पुत्रों ने

इस पवित्र मंदिर की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।

एक वीर योद्धा हमीर सिंह गोहिल जिनका नाम बहुत बार लिया जाता है।

जफर खान सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण करने की तैयारी कर रहा था। 

जैसे ही हमीर सिंह गोहिल को यह सूचना मिली वैसे ही वे अपने

200 सहयोगियों के साथ सोमनाथ मंदिर की रक्षा के लिए निकल पड़ते हैं।

भील सरदार वेगड़ा से उनका सामना यात्रा के दौरान होता है।

भील भी अपने 300 सैनिकों के साथ मंदिर की रक्षा के लिए रवाना होते है।

इन दोनों का सामना जफर खान के सेनिको से हुआ।

युद्ध 11 दिनों तक चला था।

इसके दौरान हमीर सिंह गोहिल और भील सरदार वेगरा जी दोनों मारे जाते है।

युद्ध करते समय हमीर सिंह का सिर धड़ से अलग हो जाता है

और उनका शरीर बीना धड़ के कुछ देर तक युद्ध करता रहा था ।

इन दोनों की मूर्तियाँ आज भी सोमनाथ मंदिर के पास स्थित हैं।

सोमनाथ मंदिर का अतीत (Past of Somnath Temple)

भगवान शिव को समर्पित सोमनाथ का मंदिर भारत में इकलौता एक ऐसा मंदिर है

जिस पर सबसे ज्यादा मुग़ल और विदेशी आक्रमण हुए।

कई इतिहासकारों के अनुसार सोमनाथ मंदिर पर 17 बार हमला हुआ।

उसे नष्ट किया गया और 7 बार इसको फिर से बनाया गया था ।

आखिरी बार इस मंदिर के निर्माण का कार्य 1947 में शुरू हुआ था।

और 1951 में इसे पूरा किया गया था।

आज तक, सोमनाथ मंदिर की निर्माण तिथि का कोई महत्वपूर्ण प्रमाण नहीं मिला है।

ऋग्वेद, स्कंद पुराण, भागवत और प्रभास खंड सहित अन्य प्राचीन

हिंदू पुस्तकों में इस मंदिर का और वहां स्थित शिवलिंग को नष्ट करने का स्पष्ट वर्णन मिलता  है।

इन धार्मिक लेखों में दावा किया गया है कि सतयुग काल में स्वयं चंद्रमा जी ने (सोमदेव)

पहला सोमनाथ का मंदिर सोने से बनवाया था।

रावण के द्वारा त्रेता युग में इस मंदिर का निर्माण चांदी से करवाया था।

द्वापर युग में मंदिर के निर्माण के लिए भगवान कृष्ण के द्वारा चंदन की

लकड़ी का उपयोग किया गया था।

सोमनाथ मंदिर पर किया गया पहला आक्रमण (The first attack on Somnath temple)

किस मुस्लिम शासक ने सबसे पहले सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण किया था ?

सोमनाथ मंदिर पर सबसे पहला आक्रमण 1024 ई. वी. को हुआ था।

ये आक्रमण तुर्क शासक महमूद गजनवी के द्वारा किया गया था।

उन्होंने लगभग 5000 सेनिको के साथ मिलकर सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण किया था।

महमूद ने मंदिर की करीब 20 मिलियन दीनार लूटकर ज्योतिर्लिंग को क्षतिग्रस्त कर दिया था।

महमूद गजनवी ने उस क्षेत्र में मुस्लिम शासन को स्थापित किया।

सोमनाथ मंदिर पर किए गए अन्य आक्रमण (Other attacks on Somnath temple)

इतिहासकारों के अनुसार, वल्लभी के मैत्री राजाओं ने लगभग 650 ई. के आसपास

सोमनाथ के जीर्णोद्धार या पुनर्निर्माण की प्रक्रिया को पूरा किया।

लगभग 75 साल बाद, 725 ईस्वी में, सिंध के अरब राजा अल जुनैद ने सोमनाथ

पर अपना पहला आक्रमण किया , मंदिर को लूट लिया और मंदिर की सारी संपत्ति छीन ली।

हालाँकि, इस आक्रमण का कोई निश्चित प्रमाण अभी तक नहीं मिला है।

गुर्जर प्रतिहार राजा नागभट्ट द्वितीय ने इस आक्रमण के लगभग 90 साल बाद, वर्ष 815 ईस्वी में इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया।

ऐतिहासिक अभिलेखों और विभिन्न इतिहासकारों के अनुसार, सोमनाथ

पर मुगल विजेताओं ने बार-बार हमला किया और इसे नष्ट कर दिया।

अल जुनैद, महमूद गजनी (1024), अफजल खान, अलाउद्दीन खिलजी (1296), मुजफ्फर शाह (1375), महमूद बेगड़ा ( 1451), और औरंगज़ेब (1665) उन नामों में से जिन्होंने मंदिर पर  आक्रमण किए  हैं।

कई हिंदू राजाओं ने कई हमलों के बावजूद सोमनाथ का बार-बार पुननिर्माण करने में कामयाबी हासिल की।

सबसे पहले सोमनाथ के जीर्णोद्धार (renovation) का आदेश करीब 2500 साल पहले उज्जैन के राजा विक्रमादित्य ने दिया था।

वल्लभी के राजा (650 ईस्वी), अन्हिलवाड़ा के भीमदेव (11वीं शताब्दी), जूनागढ़ के राजा खंगारा (1351 ईस्वी), महारानी अहिल्याबाई होल्कर (18वीं शताब्दी), और अंत में भारत ने अपनी स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद,

13 नवंबर, 1947 को पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने सोमनाथ का पुननिर्माण

का कार्य (जीर्णोद्धार ) शुरू करवाया था । 

यह मंदिर 1 दिसंबर 1955 को बनकर तैयार हुआ।

डॉ राजेंद्र प्रसाद जो उस समय राष्टपति पद पर थे उन्होंने 01 दिसंबर 1955 को सोमनाथ

को आम नागरिकों को समर्पित कर दिया था ।

सोमनाथ मंदिर का संरचना (Somnath Temple Design (Structure)

वर्तमान में सोमनाथ मंदिर का निर्माण कार्य वर्ष 1955 में पूरा हो गया था।

फिर भी इस मंदिर के निर्माण के समय इसकी प्राचीन स्थापत्य शैली का पूरा ध्यान रखा गया है।

इसी कारण वर्तमान सोमनाथ चालुक्य शैली में निर्मित हिन्दू वास्तुकला का अत्यंत सुन्दर उदाहरण प्रस्तुत करता है।

आपको मंदिर के चारों ओर बहुत ही अच्छी सजावट देखने को मिलती है।

मुख्य मंदिर की दीवारों पर हजारों हिंदू देवी-देवताओं की अति सुंदर नक्काशी के साथ सुंदर मूर्तियां दिखाई देती हैं।

सोमनाथ को तीन भागों में विभाजित किया गया है, जिन्हें गृभगृह, नृत्यमंडप और सभा मंडप के नाम से जाना जाता है।

नृत्य मंडप और सभा मंडप पहली दो संरचनाएं हैं जिन्हें आप मंदिर में प्रवेश करते समय देखते हैं।

गर्भगृह, जहां भगवान शिव का प्राचीन शिवलिंग स्थित है, मंदिर के पीछे स्थित है।

सोमनाथ के चारों ओर 42 पुराने और नए मंदिर बने हैं।

जो लगभग 10 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैले हुए हैं।

सोमनाथ परिसर में माता पार्वती, माँ गंगा, माता लक्ष्मी, माता सरस्वती और नंदी के विग्रह भी हैं।

इसके अलावा, मंदिर के मैदान में एक शानदार गणेश का मंदिर भी है।

गौरीकुंड के नाम से एक पवित्र झील भी मंदिर के नजदीक स्थित है।

जहां शिवलिंग भी स्थित है।

मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार के पास एक फोटो गैलरी है।

जहां मंदिर के खंडहर, खुदाई, पुनर्निर्माण और बहाली के चित्र दिखाए गए हैं।  

बाण स्तंभ सोमनाथ का मंदिर (Baan Pillar Temple of Somnath)

बाण स्तम्भ, जो सोमनाथ के दक्षिण में स्थित है,

लंबे समय से मंदिर में आने वाले भक्तो के लिए मुख्य आकर्षण के रूप में कार्य करता है।

इतिहास के ग्रंथों में तीर स्तंभ का उल्लेख छठी शताब्दी में कहीं पर किया गया है।

 इस तथ्य के बावजूद कि कोई सटीक तिथियां प्रदान नहीं की गई हैं।

वास्तव में, सोमनाथ में रखा गया तीर स्तंभ एक मार्गदर्शक स्तंभ है।

जिसके शीर्ष पर एक तीर है जो समुद्र की ओर है।

तीर के खंभे पर एक संस्कृत शिलालेख भी है जिसमें लिखा है, “असमुद्रंत दक्षिणी ध्रुव, परंतहित ज्योतिमर्ग।”

आम आदमी के शब्दों में, यह इशारा करता है कि समुद्र के इस बिंदु से दक्षिणी ध्रुव तक

एक सीधी रेखा किसी भी बाधा से रहित है।

यदि आप समुद्र के इस छोर से दक्षिण ध्रुव तक समुद्र के रास्ते की यात्रा करते हैं,

तो आपको तीर के खंभे पर उकेरे गए इन संस्कृत वाक्यांशों के अनुसार भूमि का कोई रूप नहीं मिलेगा।

सोमनाथ मंदिर में प्रवेश करने का समय (Timing to enter Somnath Temple)

सोमनाथ भक्तो के लिए सुबह 06:00 बजे से लेकर रात को 10:00 बजे तक खुला रहता है।

नोट :- मंदिर में प्रवेश के समय में बदलाव भी  किया जाता  है ।

इसलिए जब भी आप मंदिर में दर्शन करने के लिए जाएँ तब एक बार मंदिर के 

अंदर जाने के समय के बारे में जरूर पता कर ले ।

सोमनाथ  में आरती के समय की सूची (List of Aarti Timings in Somnath Temple)

मंदिर में तीन बार आरती की जाती है –

सुबह की आरती 07:00 बजे,

दोपहर को  12:00 बजे और

शाम को  (संध्या  की आरती  )07:00 बजे

सोमनाथ मंदिर के  आस -पास घूमने का स्थान (places to visit near somnath temple)

सोमनाथ बीच (Somnath Beach)

पंच पांडव गुफा  (Panch Pandava Caves)

लक्ष्मीनारायण मंदिर (Laxmi Narayan temple)

चोरवाड़ बीच (Chorwad Beach)

सूरज मंदिर(Suraj Mandir,)

अहिल्या बाई का मंदिर (Ahilya Bai Temple)

सोमनाथ जाने के रास्ते  (Ways to reach Somnath)

हवाई मार्ग से सोमनाथ की यात्रा कैसे करें (How to travel to Somnath by Air)

दीव में हवाई अड्डा सोमनाथ के सबसे नजदीक है।

एक पारंपरिक वाणिज्यिक हवाई अड्डा नहीं होने के बावजूद, प्रत्येक सप्ताह केवल कुछ उड़ानें होती हैं।

और वे केवल कुछ शहरों से आती हैं।

इसके अलावा, राजकोट हवाई अड्डा सोमनाथ के सबसे नजदीक है।

राजकोट हवाई अड्डे से सोमनाथ की दूरी सिर्फ 200 किलोमीटर है।

इसके अलावा, अहमदाबाद का सरदार वल्लभभाई पटेल हवाई अड्डा सोमनाथ का निकटतम हवाई अड्डा है।

सोमनाथ दीव, राजकोट और अहमदाबाद से बस, टैक्सी और कैब के माध्यम से आसानी से पहुँचा जा सकता है।

सोमनाथ तक ट्रेन से यात्रा कैसे करें (How to travel to Somnath by Train)

वेरावल रेलवे स्टेशन वह है जो सोमनाथ के सबसे नजदीक है।

सोमनाथ से वेरावल ट्रेन स्टेशनकी दूरी केवल 5 मील है।

वेरावल रेलवे स्टेशन का देश के कई महत्वपूर्ण स्टेशनों से उत्कृष्ट जुड़ाव है।

टैक्सी और कैब से आप वेरावल रेलवे स्टेशन से सोमनाथ तक आसानी से पहुंच सकते हैं।

सड़क मार्ग से सोमनाथ की यात्रा कैसे करें (How to travel to Somnath by road)

सड़कों के माध्यम से सोमनाथ अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

राजकोट, पोरबंदर और अहमदाबाद जैसे प्रमुख गुजराती शहर नियमित बस सेवा प्रदान करते हैं।

इसके अलावा टैक्सी और कैब से सोमनाथ तक जाना काफी आसान हो जाता है।

इसके अलावा, सोमनाथ जाने के लिए अपनी खुद की कार चलाना एक आसान तरीका है।

सोमनाथ मंदिर के प्रमुख त्यौहार  (Major Festivals of Somnath Temple)

भगवान शिव के प्रथम ज्योतिर्लिंग के रूप में पूज्नीय सोमनाथ में हिन्दू धर्म से जुड़े हुए

सभी त्योंहार बड़े धूमधाम और उत्साह के साथ मनाए जाते है।

कुछ त्योंहार को ज्यादा ही प्राथमिकता दी जाती है।

सबसे पहला त्योंहार जो बहुत धूमधाम से मनाया जाता है वो है महा शिवरात्रि का त्योंहार। 

शिवरात्रि वाले दिन लाखो की संख्या में भक्त यहां दर्शन ले लिए आते है

और मंदिर में स्थापित शिवलिंग पर जल चढ़ाते है।

स्थानीय महिलाएं भी सोमनाथ मंदिर में दर्शन के लिए आती है।

सोमनाथ मंदिर में सभी महिलाओ के द्वारा एक अनोखी तरह की पूजा  की जाती है।

यह पूजा अपने परिवार के स्वास्थ्यके लिए की जाती है। 

सोमनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि वाले दिन प्रसाद वितरित किया जाता है। 

प्रसाद  में मुख्य ठंडाई, भांग, दूध और बादाम होते है।

सावन के महीने में यहाँ पर श्रद्धालुओं की एक भीड़ देखने को मिलती है।

सोमनाथ मंदिर में दिवाली त्यौहार के साथ साथ कार्तिक पूर्णिमा का

पौराणिक त्योहार भी बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।

ऐसा माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा वाले दिन शिव ने राक्षस त्रिपुसर का वध किया था।

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IBPS एग्जाम क्या होता है? IBPS एग्जाम की सम्पूर्ण जानकारी (What is IBPS Exam? Complete information about IBPS Exam) https://learnwithvikas.com/ibps-%e0%a4%8f%e0%a4%97%e0%a5%8d%e0%a4%9c%e0%a4%be%e0%a4%ae/ https://learnwithvikas.com/ibps-%e0%a4%8f%e0%a4%97%e0%a5%8d%e0%a4%9c%e0%a4%be%e0%a4%ae/#respond Sat, 08 Oct 2022 13:37:02 +0000 https://learnwithvikas.com/?p=886 IBPS एग्जाम बैंक में नौकरियों की तलाश करने वालों के लिए इतनी महत्वपूर्ण क्यों है? आज के समय में बहुत सारे युवा अपना career banking क्षेत्र में बनाना चाहते हैं । उनका dream होता हैं की वह bank में job करके अपना future बनाएंगे।  लेकिन बहुत सारे लोग कोर्स को लेकर confused हो जाते है। […]

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IBPS एग्जाम बैंक में नौकरियों की तलाश करने वालों के लिए इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

आज के समय में बहुत सारे युवा अपना career banking क्षेत्र में बनाना चाहते हैं ।

उनका dream होता हैं की वह bank में job करके अपना future बनाएंगे। 

लेकिन बहुत सारे लोग कोर्स को लेकर confused हो जाते है।

उन्हें यह समझ में नहीं आता हैं की हम कौन सा कोर्स करे जिससे की बैंक में नौकरी लग सके।

IBPS एक बहुत अच्छा प्लेटफार्म हैं ।

यह banking के क्षेत्र में युवाओं को नौकरी के अवसर प्रदान करता आया हैं ।

IBPS लगभग प्रत्येक वर्ष पदों पर भर्ती के लिए national level की परीक्षा आयोजित करवाता हैं ।

जिसके लिए हर वर्ष लगभग 15 से 20 लाख छात्र इस परीक्षा के लिए apply करते हैं ।

बैंकिंग उद्योग में कई युवाओं को रोजगार मिल सकता है।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक भर्ती के लिए IBPS परीक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक होता है ।

बैंकों के आधार पर, IBPS बैंक परीक्षाओं के अलग-अलग पाठ्यक्रम(syllabus) होते हैं।

बैंकिंग नौकरियों के क्षेत्र में प्रवेश पाने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए

आईबीपीएस बैंकिंग परीक्षा एक महत्वपूर्ण परीक्षा है।

बैंक में नौकरी चाहने वालों के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण परीक्षा है।

क्योंकि बैंक हमारी अर्थव्यवस्था का सबसे आवश्यक हिस्सा हैं।

बैंकिंग क्षेत्र में करियर बनाकर आप अपने सपनों को साकार कर सकते हैं।

आईबीपीएस क्या होता है?( what is ibps)

IBPS परीक्षा को वर्तमान में बैंकिंग उद्योग में प्रवेश करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।

इसकी शुरुआत 1975 में हुई थी।

हर साल, सभी सार्वजनिक बैंक, इस बैंकिंग चयन संस्थान के माध्यम से, भर्ती परीक्षा आयोजित करते हैं।

हालांकि, इस परीक्षण में भारतीय स्टेट बैंक शामिल नहीं है ।

IBPS परीक्षा पास करने वाले ही क्लर्क और probationary officer जैसे पदों पर नियुक्त होते है।

अगर आप बैंक में मैनेजर या क्लर्क के पदों पर जॉब करना चाहते है

तो आपको इस परीक्षा के  बारे में पता होना चाहिए।

IBPS एग्जाम का उद्देश्य क्या है ?(What is the objective of IBPS?)

इस परीक्षा का मुख्य लक्ष्य युवाओं को सरकारी और गैर-सरकारी बैंकों में पदों के लिए

आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित करना है।

इस प्रक्रिया के माध्यम से बैंकों को ऐसे युवाओं की भी आवश्यकता होती है

जो व्यवस्था(Management) और राष्ट्र को आगे बढ़ा सकें।

हजारों छात्र हर साल सफल होने की उम्मीद में इस परीक्षा में शामिल होते हैं,

और परिणामस्वरूप, वे बैंकिंग उद्योग में आगे बढ़ते हैं।

IBPS एग्जाम का पूरा नाम क्या  है? (What is the full form of IBPS?)

आईबीपीएस का पूरा नाम  “Institute of Banking Personnel Selection”, जिसे हिंदी में “बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान” के नाम से जाना जाता है।

बैंक क्लर्क परीक्षा के लिए आयु सीमा क्या है? (What is the age limit for Bank Clerk Exam?)

सामान्य वर्ग के लिए IBPS बैंक क्लर्क परीक्षा की न्यूनतम आयु सीमा 20 वर्ष और अधिकतम 28 वर्ष है।

अधिकतम आयु सीमा में ओबीसी वर्ग को 3 साल तथा एससी एसटी वर्ग को 5 साल की छूट दी गयी है।

फिजिकल रूप से डिसेबिलिटी पर्सन के लिए अधिकतम आयु सिमा 38 वर्ष है।

बैंक PO Recruitment परीक्षा के लिए आयु सीमा क्या है? (What is the age limit for Bank Clerk Exam?)

सामान्य वर्ग के लिए IBPS बैंकिंग परीक्षा की न्यूनतम आयु सीमा 20 वर्ष और अधिकतम 30 वर्ष है।

अधिकतम आयु सीमा में ओबीसी वर्ग को 3 साल तथा एससी एसटी वर्ग को 5 साल की छूट दी गयी है।

वहीँ फिजिकल रूप से डिसेबिलिटी पर्सन के लिए अधिकतम आयु सिमा 40 वर्ष है।

IBPS एग्जाम अंग्रेजी और हिंदी दोनों में आयोजित की जाती है।

IBPS बैंकिंग परीक्षाओं के लिए पात्रता मानदंड अन्य सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों के समान हैं।

IBPS एग्जाम

बैंक परीक्षा के लिए  योग्यताएं क्या हैं?( What are the bank qualifications for IBPS exam?)

उम्मीदवार के लिए IBPS बैंकिंग परीक्षा पाठ्यक्रम और पैटर्न के बारे में जानना भी आवश्यक है।

भारत की नागरिकता होना आवश्यक है |

IBPS के एग्जाम के लिए स्नातक की डिग्री(bachelor’s degree) का होना जरुरी है । 

स्नातक की डिग्री(bachelor’s degree) में 50% से अधिक अंक होना चाहिए |

आमतौर पर IBPS बैंकिंग परीक्षा के विषयों में अंग्रेजी भाषा, सामान्य जागरूकता और तर्क परीक्षण शामिल हैं।

IBPS बैंकिंग परीक्षा के प्रश्नों के प्रकारों का अंदाजा लगाने के लिए, आपको IBPS बैंकिंग परीक्षा पैटर्न की समीक्षा (review )करनी चाहिए।

IBPS बैंक परीक्षा में बैठने के लिए, आपकी आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।  

कंप्यूटर के बारे में जानकारी होना भी जरुरी है।

बैंकों की नौकरी क्यों महत्वपूर्ण है? (Why is the job of banks important?)

IBPS परीक्षा भी नौकरी को सुरक्षित करने का एक शानदार अवसर प्रदान करती है।

पिछले कुछ वर्षों में बैंकिंग क्षेत्र में रिक्तियों की संख्या में वृद्धि हुई है।

जिससे इस क्षेत्र में प्रवेश करने के इच्छुक लोगों के लिए यह IBPS बैंक परीक्षा अधिक स्वीकार्य हो गई है।

संक्षेप में IBPS बैंक परीक्षा उम्मीदवारों के लिए एक अत्यंत लाभकारी बैंकिंग परीक्षा है।

क्योंकि यह बैंकों में नौकरी पाने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करती है।

किसी भी अर्थव्यवस्था की नींव उसका बैंकिंग क्षेत्र होता है।

क्योंकि बैंकिंग उद्योग, पूरी दुनिया में सबसे तेजी से विस्तार करने वाले उद्योग में से एक है।

और वहां रोजगार भी उपलब्ध हैं।

खासकर जब भारत की बात आती है तो यहाँ बैंकिंग उद्योग का तेजी से विस्तार हो रहा है।

और जैसे-जैसे यह बढ़ रहा है, शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार के  अवसर प्राप्त हो रहे है।

बैंकिंग उद्योग के द्वारा कार्य कर रहे कर्मचारियों को वेतन भी अच्छा दिया जा रहा है।

ये एक ऐसा कार्य क्षेत्र है जहां आप पैसा कमा सकते हैं और अपना जीवन भी स्टैण्डर्ड तरीके से जी सकते है।

IBPS एग्जाम में बैंकों की सूची (ibps banks list)

IBPS सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सूची।

  1. केनरा बैंक
  2. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया
  3. बैंक ऑफ महाराष्ट्र
  4. पंजाब एंड सिंध बैंक
  5. यूको बैंक
  6. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया   
  7. पंजाब नेशनल बैंक
  8. इंडियन बैंक
  9. बैंक ऑफ इंडिया
  10. इंडियन ओवरसीज बैंक
  11. इंडियन ओवरसीज बैंक
  12. बैंक ऑफ बड़ौदा

विभिन्न लेवल में होने वाली IBPS एग्जाम(examinations to be held in various levels)

आईबीपीएस एसओ : आजकल बहुत से युवा इस परीक्षा में आगे बढ़ने में रुचि रखते हैं।

आईबीपीएस एसओ का एग्जाम बैंक में स्पेशलिस्ट अफसर की नियुक्ति के लिए आयोजित की जाती है।

जो कि ज्यादातर विशेषज्ञ अधिकारियों के लिए आयोजित की जाती है।

जो विभिन्न व्यवसायों में काम करते हैं।

इस परीक्षा के लिए एमबीए या पीजीडीएम जैसी डिग्री वाले कुछ अनुभवी उम्मीदवारों की आवश्यकता होती है।

इसके तहत प्रीलिम्स और मेन मुख्य दो प्रकार की परीक्षा है।

प्रीलिम्स परीक्षा(prelims exam)

यह परीक्षा मुख्य रूप से तीन घटकों में विभाजित है, जिनमें से प्रत्येक में

अंग्रेजी और योग्यता तर्क (merit argument) जैसे विषय शामिल हैं।

यदि आप इन तीनों विषयों में कुशल हैं तो आप इस परीक्षा को पास कर सकते हैं।

इसमें मुख्य रूप से अंग्रेजी, न्यूमेरिकल और रीजनिंग श्रेणियों की 30-30 प्रश्न होते है।  

IBPS एग्जाम मुख्य परीक्षा(main exam)

यदि आपने प्रारंभिक परीक्षा को अच्छे अंकों के साथ उत्तीर्ण किया है,

तो आप इस परीक्षा में बैठने के योग्य हैं।

इस परीक्षा को पूरा करने के लिए आपके पास तीन घंटे हैं।

 जिसमें फाइनेंशियल अवेयरनेस, कंप्यूटर, इंग्लिश और रीजनिंग एप्टीट्यूड के पेपर होते है।

इस पेपर में लगभग 50 प्रश्न होते हैं।

कौन -कौन से टेस्ट IBPS एग्जाम का हिस्सा हैं? (Which tests are part of IBPS?)

आईबीपीएस वर्तमान में वर्ष  में चार अलग अलग परीक्षा का आयोजन करता है।

जिनमें से प्रत्येक परीक्षा  तीन से चार महीने के दौरान आयोजित की जाती है।

  • आईबीपीएस एसओ(SO),
  • आईबीपीएस पीओ (PO),
  • आईबीपीएस क्लर्क (clerk)
  • आईबीपीएस आरआरबी (RRB)
  • आईबीपीएस एसओ: यह परीक्षा उन लोगों के लिए होती है जो “विशेषज्ञ अधिकारी” बनना चाहते हैं।

जूनियर स्तर पर, स्केल 1 SO मानव संसाधन, आईटी, विपणन, कानून,

आदि सहित विषयों में ग्रेड प्रबंधन सेवाएं प्रदान करता है।

Scale 2 SO में  MBA, PG, PGDBM, CFA, आदि जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता की  जरूरत होती है।

  • IBPS एग्जाम पीओ : प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा पास करने के बाद एक साक्षात्कार (interview) होता है।

इस पद के लिए आवेदक का graduate होना जरूरी है।

परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद आपको एक परिवीक्षाधीन अधिकारी (Probationary officer) के रूप में सहायक प्रबंधक (एएम) के पद पर नियुक्त किया जाता है।

  • IBPS एग्जाम क्लर्क: यह परीक्षा लेखन संबंधी (प्रशासनिक) पदों के लिए है। इसमें प्रारंभिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा होती है।
  • IBPS एग्जाम आरआरबी: इस परीक्षा का उपयोग ग्रुप ए कार्मिक 1, 2,

और 3 के साथ-साथ ग्रुप बी कार्मिक को नियुक्त करने के लिए किया जाता है।

इस परीक्षा के लिए आवश्यक शिक्षा और नौकरी का अनुभव होना महत्वपूर्ण है।

बैंकिंग लाइन की जॉब (What is the function of IBPS? )

बैंकों से रिक्त पदों की जानकारी प्राप्त करना (Getting information about vacancies from banks) :

IBPS के संपर्क में जो बैंक आते है वे उन सभी बैंकों में जो रिक्त पद है उनकी जानकारी प्राप्त करते है।

जिससे यह पता लगाया जा सके कि किस बैंक को कितने कर्मचारियों  की आवश्यकता है।

रिक्त पदों भरने के लिए विज्ञापन जारी करना (Issue of Advertisement for filling up of vacant posts) :

पदों की जानकारी  प्राप्त करने के बाद  वह अपनी website के माध्यम से

रिक्त पदों को भरने के लिए advertisement जारी करती है।  

इसमें आवेदन करने की एक fixed date होती है, उसी में candidates को आवेदन करना होता है |

निर्धारित तिथि को प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन करना (Conducting Preliminary Examination on the scheduled date) :

IBPS के द्वारा तय की गई तिथि को प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन किया जाता है।

यह  परीक्षा ऑनलाइन  होती है।

परीक्षा का परिणाम जारी करना (Release of result of examination) :

IBPS के द्वारा  कुछ दिनों के पश्चात परीक्षा का परिणाम जारी किया जाता है।

मुख्य परीक्षा का आयोजन करना (Conducting Main Examination):

प्री परीक्षा होने के बाद मुख्य परीक्षा का आयोजन किया जाता है |

जिन्होंने प्री परीक्षा उत्तीर्ण की होती है  केवल वही अभ्यर्थी  इस परीक्षा में  भाग ले सकते है।

साक्षात्कार का आयोजन करना (conducting interview):

जिन  candidates  ने मुख्य परीक्षा  पास की होती  है।  

उनको interview के लिए बुलाया जाता है।  

यह interview संस्था द्वारा गठित समिति के द्वारा लिया जाता है |

नियुक्ति पत्र जारी करना (issuance of appointment letter)

यदि candidate interview में पास हो जाता है, तो IBPS के द्वारा उसे नियुक्ति पत्र(appointment letter) प्रदान किया जाता है |

appointment letter के आधार पर candidate बैंक में अपना पद ग्रहण कर सकता है ।

IBPS एग्जाम के फायदे क्या है? (What are the advantages of IBPS? )

इसमें आपको काफी सारे फायदे मिलने वाले है।

जैसे –

IBPS exam पास करके आप देश के सबसे तेज़ी से बढ़ती sector में जॉब करके अपना career बना सकते है।

बैंकिंग लाइन में जॉब  करके आप अच्छी सैलरी कमा सकते है।

बैंकिंग लाइन की जॉब  को काफी अच्छा जॉब माना जाता है।

इस सेक्टर में आप काम करके अपने देश के Financial Growth में अपना  योगदान दे सकते है।

banking sector में जॉब करने वाले को society में काफी respect से देखा जाता है।

IBPS एग्जाम की तैयारी कैसे करें? (How to prepare for IBPS Exam?)

समय का ध्यान रखें: IBPS की परीक्षा पास करने के लिए आपको Schedule बनाना बहुत जरुरी है।

IBPS की परीक्षा में पास होने के लिए आपको समय का सबसे ज्यादा ध्यान रखना होगा।

छोटे-छोटे Target बनाये और उसे पूरा करें : आपको छोटे छोटे  Target बनाकर पढ़ाई शरू करनी है।

Target को achieve करना अपनी आदतों में शामिल  कर ले।

विषय वस्तु की सही जानकारी :   यदि आप किसी एग्जाम की तैयारी कर रहे है।

तो आपको सबसे पहले  इसके  Syllabus का पता  चाहिये ।

तभी आप सही तरीके से आगे बढ़ सकते है।

मन ही मन प्रश्न को दोहराएं : IBPS एग्जाम की तैयारी को लेकर आपके मन में कई तरीके के सवाल आते है।

इसलिए आप अपने सवालों के जवाब को ढूंढे और अपने मन में डाउट को क्लियर करे। 

यूट्यूब वीडियो देखें : की तैयारी के लिए यूट्यूब पर अच्छी वीडियो सामग्री

उपलब्ध है।

आप उस वीडियो के माध्यम से अपने नॉलेज को अपग्रेड कर सकते है।

स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें : बहुत सारे स्टूडेंट तैयारी के दौरान

अपने स्वास्थ्य का बिलकुल भी ध्यान नहीं रखते है।

वे बस ज्यादा से ज्यादा समय पढाई करना चाहते है।

लेकिन पढाई का यह तरीका सही नहीं है।

आपको पढाई के दौरान समय-समय पर आराम की भी जरुरत होती है।

IBPS एग्जाम के लिए आवेदन की प्रक्रिया (Process of Application for IBPS)

हर साल, हमारे देश में सैकड़ों हजारों युवा इस परीक्षा में बैठने और बैंकिंग में करियर बनाने की इच्छा रखते हैं।

अगर आप भी इस परीक्षा के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो हम आपकी मदद कर सकते हैं।

आपको सबसे पहले आईबीपीएस की वेबसाइट पर जाकर फॉर्म अप्लाई करना होगा।

आपके सामने होम पेज दिखाई देने के बाद, पीओ और क्लर्क परीक्षा के लिंक पर क्लिक करें।

जब आप उस पर क्लिक करते हैं, तो आपके सामने एक  “New Registration Button” दिखाई देता है।

वहाँ आपको सभी आवश्यक विवरण प्रदान करने होंगे।

जिसमें शामिल हैं आपका नाम, पता, पिता का नाम, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर और ईमेल पता।

इसके अलावा आपको अपना फोटो और हस्ताक्षर भी शामिल करना होगा।

अपने जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र और ग्रेड प्रतिलेख सहित सभी

आवश्यक सर्टिफिकेट को अपलोड करने के बाद आपको “Submit”बटन पर click करना होगा।

उसके बाद, आप परीक्षा मूल्य का भुगतान करके आवेदन कर सकते हैं।

आपको कुछ दिनों के भीतर अपना परीक्षा केंद्र प्राप्त हो जाएगा।

कृपया इस आवेदन पत्र का एक प्रिंटआउट निकाल ले ।

अगर आपको हमारी दी गयी जानकारी सही लगी हो तो आप इसको अपने दोश्तों

और रिश्तेदारों के बीच शेयर कर सकते है।

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क्रिकेट विश्व कप क्या है ? इसकी शुरुआत कब और कहाँ हुई ?( What is Cricket World Cup? When and where did it start?) https://learnwithvikas.com/cricket-world-cup/ https://learnwithvikas.com/cricket-world-cup/#respond Fri, 07 Oct 2022 10:46:32 +0000 https://learnwithvikas.com/?p=869 Cricket World Cup प्रतियोगिता दुनियाँ के सबसे लोकप्रिय प्रतियोगिताओं में से एक है। भारत में क्रिकेट के खेल को किसी त्योहार से कम नहीं माना जाता है। भारत में “क्रिकेट” शब्द ऐसे प्रसिद्ध हुआ है जिससे हर एक नौजवान, बच्चे, बूढ़े बहुत अच्छे से परिचित है। क्रिकेट को लेकर तो भारत में इस तरह की […]

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Cricket World Cup प्रतियोगिता दुनियाँ के सबसे लोकप्रिय प्रतियोगिताओं में से एक है।

भारत में क्रिकेट के खेल को किसी त्योहार से कम नहीं माना जाता है।

भारत में “क्रिकेट” शब्द ऐसे प्रसिद्ध हुआ है जिससे हर एक नौजवान, बच्चे, बूढ़े बहुत अच्छे से परिचित है।

क्रिकेट को लेकर तो भारत में इस तरह की दीवानगी है की पूछो ही मत।

लोग चाहे ऑफिस में हो या  किसी अन्य काम में व्यस्त हो।

वो कम से कम क्रिकेट का Live Score देखना तो कभी नहीं भूलते है ।

यदि बात की जाए भारत और पाकिस्तान के मैच की तो,

जो लोग मैच नहीं देखते है, उनकी भी इच्छा होती है की ये मैच तो देखना ही चाहिए।

इसी तरह से वर्ल्ड कप के मैचों का तो सभी को ही इंतजार होता है।

तो चलिए आज हम आपको वर्ल्ड कप के मैच की जानकारी देते है।

क्रिकेट वर्ल्ड कप का इतिहास (History Of Cricket World Cup)

  • क्रिकेट का इतिहास बहुत पुराना है।
  • क्योंकि जैसा कि आप भी जानते ही हैं कि इसका जन्म ब्रिटेन में हुआ था।
  • इसका जन्मदाता ब्रिटेन को ही माना जाता है।
  • हालांकि, अगर हम केवल क्रिकेट विश्व कप के इतिहास के बारे में बात कर रहे हैं, तो यह हाल ही में शुरू हुआ है।
  • यह 1975 में इंग्लैंड में 7 जून से 21 जुलाई तक आयोजित किया गया था।
  • इसमें कुल 8 टीमों ने भाग लिया था।
  • यह प्रतियोगिता चार साल में एक बार आयोजित की जाती है।
  • समय के साथ – साथ अनेक चीजों में परिवर्तन हुए वैसे ही क्रिकेट में भी कई बदलाव किये गए थे।
  • जैसे की उस समय, 60 ओवरों की प्रतियोगिता आयोजित की जाती थी।
  • खिलाड़ियों की पोशाक भी सफ़ेद रंग की होती थी ।
  • लेकिन समय के साथ साथ काफी परिवर्तन हुआ है ।
  • मैच का आयोजन भी दिन में ही किया जाता था।
  • क्योकि उस समय इतनी सुविधा नहीं थी, की मैच रात को आयोजित किया जा सके।

1983 का वर्ल्ड कप (1983 World Cup)

अगर हम भारत की बात करें तो एक क्रिकेट प्रशंसक 1983 के विश्व कप को कैसे भूल सकता है।

1983 वर्ल्ड कप में भारत और वेस्टइंडीज ने फाइनल में मुकाबला किया था।

पहले बल्लेबाजी करके भारत ने 183 रन बनाए।

वेस्टइंडीज के गेंदबाजों की प्रतिभा ने भारत के लिए रन बनाना मुश्किल बना दिया था।

विपक्षी टीम वेस्टइंडीज जश्न की तैयारी करने लग पड़ी थी ।

भारतीय टीम के गेंदबाज मोहिंदर अमरनाथ और मदन लाल ने तो मैच का रुख ही मोड़ दिया।

वेस्ट इंडीज के शीर्ष खिलाड़ियों में से दो हेन्स और रिचर्ड्स, दोनों को मदनलाल ने आउट किया था। 

क्लाइव लॉयड को कपिल देव ने बिन्नी की गेंद पर कैच करके आउट किया था ।

उस समय भारतीय टीम के कप्तान कपिल देव थे ।

भारतीय टीम ने अपनी शानदार गेंदबाजी से वेस्टइंडीज की टीम को 140 रन पर आउट कर दिया था।

अमरनाथ, कपिल देव और बिन्नी ने भारत को विश्व कप में जीत दिलाकर इतिहास रच दिया।

कपिल देव की कप्तानी और नेतृत्व से भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज टीम को मात दी थी ।

भारतीय टीम ने हैट्रिक क्रिकेट विश्व कप(Cricket World Cup) जितने के सपने देखने वाली वेस्टइंडीज टीम के सपने को चकनाचूर कर दिया था।

Cricket World Cup

क्रिकेट विश्व कप विजेताओं की सूची(cricket world cup winners list)

  • 1975 में टूर्नामेंट इंग्लैंड(England) में हुआ था। इसमें West Indies की टीम विजेता रही थी और Australia उपविजेता थी।
  • 1979 में क्रिकेट टूर्नामेंट इंग्लैंड(England) में हुए थे। जिसमे इंग्लैंड(England) उपविजेता और West Indies ने वर्ल्ड कप की ट्रॉफी को अपने नाम किया था।
  • 1983 में टूर्नामेंट इंग्लैंड(England) में हुए थे। जिसमे भारत(India) ने अपने नाम ट्रॉफी की थी और West Indies उपविजेता रही थी।
  • 1987 में क्रिकेट टूर्नामेंट भारत(India) और Pakistan में हुए थे। विजेता Australia और उपविजेता टीम इंग्लैंड(England) थी।
  • 1992 में प्रतियोगिता Australia और New Zealand में हुई थी। विजेता टीम Pakistan रही थी और उपविजेता England था।
  • 1996 में मैच क्रमशः भारत(India),पाकिस्तान(Paakistan) और श्रीलंका(Sri Lanka) में आयोजित किया गया था।जिसमे श्रीलंका(Sri Lanka) टीम विजेता रही थी। उपविजेता टीम ऑस्ट्रेलिया(Australia) थी।
  • 1999 का मैच इंग्लैंड(England) में हुआ था। इसमें Australia ने वर्ल्ड कप अपने नाम किया था और उपविजेता Paakistan की टीम रही थी।
  • 2003 में क्रमशः दक्षिण अफ्रीका(South Africa), जिम्बाबे और केन्या(kenya) में मैच हुयी थी। Australia की टीम विजेता रही और उपविजेता का स्थान भारत(India) ने प्राप्त किया था।
  • 2007 में टूर्नामेंट West Indies में हुआ था। इसमें Australia की टीम विजेता रही थी और Sri Lanka टीम उपविजेता थी।
  • 2011 में क्रिकेट विश्व कप का मैच क्रमशः भारत(india), बांग्लादेश(bangladesh) और श्रीलंका(Sri Lanka) में हुआ था। इसमें भारत(India) ने ट्रॉफी को अपने नाम किया था और श्रीलंका(Sri Lanka) ने दूसरा स्थान प्राप्त किया था।
  • 2015 में क्रिकेट विश्व कप प्रतियोगिता का आयोजन ऑस्ट्रेलिया(Australia) और न्यूजीलैंड(New Zealand) में किया गया था। इसमें विजेता टीम ऑस्ट्रेलिया(Australia) थी और न्यूजीलैंड(New Zealand टीम उपविजेता रही थी।
  • 2019 में क्रिकेट वर्ल्ड कप मैच इंग्लैंड(England) में हुआ था। इस मैच में इंग्लैंड(England) टीम विजेता और न्यूजीलैंड(New Zealand) टीम उपविजेता रही थी।

पहला क्रिकेट विश्व कप प्रतियोगिता (First World Cup Competition)

1975 का  क्रिकेट वर्ल्ड कप काफी रोमांचक था।

क्योंकि 1975 से ही क्रिकेट वर्ल्ड कप प्रतियोगिताकी शुरुआत हुई थी ।

पहला क्रिकेट विश्व कप(Cricket World Cup) प्रतियोगिता 7 जून से 21 जुलाई तक इंग्लैंड में आयोजित किया गया था।

इसमें लगभग 8 देश की टीमों ने भाग लिया था।

सभी टीमों को चार समूहों में विभाजित करने के बाद,

शीर्ष दो टीमों को स्वचालित(automatic) रूप से सेमीफाइनल में डाल दिया गया था।

पहले 60 ओवर का मैच हुआ करता था और सभी मैच दिन में होते थे ।

ग्रुप ए में इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, भारत और पूर्वी अफ्रीका शामिल थे। 

जबकि ग्रुप बी में वेस्टइंडीज, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल थे।

भारत के लिए पहला क्रिकेट विश्व कप(Cricket World Cup) निराशाजनक (disappointing ) रहा।

इंग्लैंड और न्यूजीलैंड की टीमों ने पहले ग्रुप में सेमीफाइनल में प्रवेश किया था।

दूसरे ग्रुप में वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया के पास सेमीफाइनल में जाने का मौका था।

पहले सेमीफाइनल मुकाबले में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच आमना-सामना हुआ।

ऑस्ट्रेलिया ने 4 विकेट के स्कोर से जीत हासिल की।

दूसरे सेमीफाइनल में वेस्टइंडीज की टीम न्यूजीलैंड से भिड़ी।

वेस्टइंडीज की टीम उस समय अच्छा खेल रही थी।

सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ पांच विकेट गिराकर वेस्टइंडीज की जीत हुई।

वेस्टइंडीज की टीम ने पहले खेलते हुए 8 विकेट पर 291 रन बनाए थे।

दोनों पक्षों के बीच मैच शानदार रहे।

वेस्टइंडीज के क्लाइव लॉयड ने 85 गेंद पर शानदार शतक बनाया।

वेस्टइंडीज ने विश्व कप जीत लिया।

ऑस्ट्रेलिया की टीम 58.4 ओवर में केवल 274 रन पर आउट हो गयी ।

वेस्टइंडीज को अभी भी पहला विश्व कप जीतने पर गर्व है।

क्रिकेट विश्व कप 2003 (Cricket World Cup 2003)

2003 का विश्व कप दक्षिण अफ्रीका में आयोजित किया गया था।

इसमें केन्या और जिम्बाब्वे में खेले गए कुछ match शामिल थे।

विश्व कप में प्रतिस्पर्धा करने वाली टीमों की संख्या लगातार बढ़ रही थी।

2003  विश्व कप में पहली बार 14 टीमें प्रतिस्पर्धा (Competition )कर रही थीं।

नीदरलैंड, कनाडा और नामीबिया सभी ने 2003 विश्व कप में भाग लिया।

ग्रुप ए से जिम्बाब्वे और ग्रुप बी से केन्या दोनों ग्रुप गेम्स में सुपर सिक्स में आगे बढ़े।

पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और वेस्ट इंडीज सभी 2003 विश्व कप के  पहले दौर में बाहर हो गए।

सुपर सिक्स में ग्रुप ए-भारत, ऑस्ट्रेलिया और जिम्बाब्वे-साथ ही ग्रुप बी-श्रीलंका,

केन्या और न्यूजीलैंड की टीमों से बना था।

जबकि भारत ने भी एक मजबूत प्रयास किया और 6 में से 5 गेम जीते।

ऑस्ट्रेलिया ने अपने सभी छह गेम जीतकर इतिहास बनाने का प्रयास किया।

इसके अतिरिक्त एक मजबूत प्रयास करते हुए, केन्याई टीम सुपर सिक्स में स्कोर करके सेमीफाइनल में पहुंच गई।

विश्व चैंपियन के सेमीफाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया का मुकाबला  श्रीलंका से हुआ था।

ऑस्ट्रेलिया ने श्रीलंका को 48 रन से हरा दिया था।

दूसरे सेमीफाइनल में भारत और केन्या का आमना-सामना हुआ था ।

सौरव गांगुली और सचिन तेंदुलकर के शानदार बल्लेबाजी के प्रदर्शन की बदौलत भारत ने 91 रन से जीत दर्ज की।

भारत की टीम और ऑस्ट्रेलिया की टीम, जो पहले ही दो बार विश्व कप जीत चुकी थी,

दोनों ने इस बार फाइनल में जगह बनाई।

1983 के बाद, 20 साल बाद 2003 में भारतीय टीम ने फाइनल में जगह बनाई थी।

ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत के लिए 359 रनों का एक बड़ा लक्ष्य रखा था।

इस मैच में भारत को 125 रनों से हार का सामना करना पड़ा था।

ऑस्ट्रेलिया ने विश्व कप जीत लिया था और भारत की टीम दूसरे स्थान पर रही थी ।

विश्व कप 2011 (World cup 2011)

भारत ने एक बार फिर चैंपियनशिप गेम जीतकर विश्व कप में शानदार तरीके से प्रवेश किया।

उस समय भारतीय टीम की तैयारी काफी अलग थी।

और भारत किसी भी कीमत पर मैच को जितने की तैयारी में था।

भारत को पहल वर्ल्ड जीते हुए 28 वर्ष हो चूका था।

इस बार भारतीय टीम पूरी तरीके से जित के इतिहास को दोहराने की तैयारी में थी।

19 फरवरी, 2011 को क्रिकेट का महाकुंभ शुरू हुआ।

जिसकी मेजबानी बांग्लादेश, श्रीलंका और भारत ने संयुक्त रूप से की।

इस क्रिकेट विश्व कप(Cricket World Cup) प्रतियोगितामें 14 टीमों ने भाग लिया था।

जो एक साथ दो टीमों में बंट गए थे।

कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, केन्या, श्रीलंका, जिंबाब्वे ग्रुप ए में थे।

वेस्टइंडीज,दक्षिण अफ्रीका,बांग्लादेश, इंग्लैंड, भारत, आयरलैंड और नीदरलैंड्स के साथ मिलकर ग्रुप बी बनाया।

भारत ने 19 फरवरी को अपने पहले मुकाबले में बांग्लादेश के साथ खेला और 87 रन के स्कोर से जीत हासिल की।

दोनों देशों के बीच हुए मुकाबले में श्रीलंका ने कनाडा को 210 रन से हराया।

नागपुर के विदर्भ क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए मैच में इंग्लैंड ने भी नीदरलैंड को छह विकेट से हरा दिया।

श्रीलंका ने 6 में से 4 गेम जीतकर ग्रुप राउंड मैच का नेतृत्व किया।

भारत को पहले के क्रिकेट विश्व कप प्रतियोगिता में कई हार का सामना करना पड़ा था।

लेकिन(but) भारत अब इस क्रिकेट वर्ल्ड कप प्रतियोगिता के लिए पूरी तरह से तैयार था।

उनका विश्व कप अभियान तेजी से बढ़ा।

भारत ने पहले गेम में बांग्लादेश को 87 रन से हराया।

ग्रुप राउंड के मैचों में चार गेम जीतकर और बराबरी पर खेलकर श्रीलंका की तरह भारतीय टीम भी दूसरे स्थान पर रही।

2011 विश्व का पहला सेमीफ़ाइनल(2011 Cricket World Cup First SemiFinal)

  • 29 मार्च को श्रीलंका और न्यूजीलैंड ने पहला सेमीफाइनल खेला।
  • जिसमें श्रीलंका की टीम ने पांच विकेट से जीत दर्ज की।
  • न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 48.5 ओवर में 217 रन बनाए।
  • भारत गुजरात के अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में दूसरे क्वार्टर फाइनल में पहुंचा था।
  • भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराकर उसी समय सेमीफाइनल में पहुंच गया।
  • टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी कप्तान रिकी पोंटिंग की टीम ने 50 ओवर में 260 रन बनाए।
  • जिसमें एक शानदार शतक भी शामिल है।
  • भारतीय टीम ने  अपने लक्ष्य को 45.4 ओवर में 5 विकेट खोकर हासिल कर लिया।

2011 विश्व कप भारत VS पाकिस्तान सेमीफाइनल(2011 world cup india VS pakistan semifinal)

  • इसी तरह से 30 मार्च को खेले गए दूसरे सेमीफाइनल में भारत ने पाकिस्तान को 29 रनों से हरा दिया।
  • चैंपियनशिप मैच में भारत और श्रीलंका का आमना सामना था।
  • दूसरी तरफ श्रीलंकाई टीम के जोश के बावजूद लाखों भारतीयों का भारतीय टीम पर विश्वास था।
  • भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी 2011 विश्व कप जीतने के काफी करीब थे ।
  • श्रीलंका ने भारत को 274 रन का लक्ष्य दिया था ।
  • धोनी ने नाबाद(not out) पारी खेलते हुए 91 रन बनाए।
  • नुवान कुलशेखर के खिलाफ धोनी के शानदार छक्के ने टीम इंडिया को दूसरी बार विश्व कप जीतने में मदद की।
  • अंततः 28 साल बाद यह सपना साकार हुआ और टीम इंडिया ने पूरे भारत के साथ खुशी मनाई।

विश्व कप 2019 की पुरस्कार राशि (World Cup 2019 Prize Money)

क्रिकेट विश्व कप 2019 के विजेता टीम, इंग्लैंड को कुल 4 मिलियन अमेरिकी डॉलर,

या लगभग 28 करोड़ भारतीय रुपये मिले।

दूसरे स्थान पर न्यूजीलैंड को 2 मिलियन अमेरिकी डॉलर या भारतीय रुपये में 14 करोड़ मिले।

इसके अतिरिक्त, भारत और ऑस्ट्रेलिया, जिन्होंने सेमीफाइनल में भाग लिया था ।

हर एक को 8 लाख अमेरिकी डॉलर, या भारतीय रुपये में लगभग 5.6 करोड़ मिले।

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मुकेश अंबानी की सफलता का राज जाने(Know the secret of Mukesh Ambani’s success) https://learnwithvikas.com/%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%95%e0%a5%87%e0%a4%b6-%e0%a4%85%e0%a4%82%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%80/ https://learnwithvikas.com/%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%95%e0%a5%87%e0%a4%b6-%e0%a4%85%e0%a4%82%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%80/#respond Fri, 30 Sep 2022 13:42:06 +0000 https://learnwithvikas.com/?p=835 मुकेश अंबानी भारतीय उद्योग जगत में एक लोकप्रिय और बड़ा नाम है। आप भारत के किसी भी शहर में चले जाइये आपको रिलायंस का प्रोडक्ट दिख जाएगा। हालाँकि(however) मुकेश अंबानी जितने  अमीर है स्वभाव से उतने हीं सरल है। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड एक फॉर्च्यून 500 कंपनी दुनिया के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के निगमों(corporations) में […]

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मुकेश अंबानी भारतीय उद्योग जगत में एक लोकप्रिय और बड़ा नाम है।

आप भारत के किसी भी शहर में चले जाइये आपको रिलायंस का प्रोडक्ट दिख जाएगा।

हालाँकि(however) मुकेश अंबानी जितने  अमीर है स्वभाव से उतने हीं सरल है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड एक फॉर्च्यून 500 कंपनी दुनिया के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के निगमों(corporations) में से एक हैं।

मुकेश अंबानी रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) हैं।

वह रिलायंस इंडस्ट्रीज के संस्थापक स्वर्गीय धीरूभाई अंबानी की सबसे बड़ी संतान हैं।

रिलायंस इंडस्ट्रीज में 48 फीसदी हिस्सेदारी मुकेश के पास है।

अंबानी जीवनी : शिक्षा (Mukesh Ambani Biography : Education)

  • 19 अप्रैल 1957 को मुकेश अंबानी का जन्म यमन कंट्री के एडन सिटी में हुआ था।
  • उन्होंने मुंबई के अबाय मोरिस्चा स्कूल में पढ़ाई की
  • और यूडीसीटी से केमिकल इंजीनियरिंग स्नातक की डिग्री हासिल की।
  • जो अब रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान है।
  • हालाँकि(however) बाद में उन्होंने एमबीए करने के लिए स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया।
  • लेकिन(but) 1980 में स्कूल छोड़ दिया।

मुकेश अंबानी की पत्नी , पुत्र और पुत्री (Mukesh Ambani’s wife, son and daughter)

  • मुकेश अंबानी का विवाह 27 साल पहले हुआ था ।
  • इनकी पत्नी  का नाम नीता अंबानी है।
  • जो कि इस समय  इनके साथ मिलकर इनका व्यापार संभालती हैं।
  • इनके  के कुल तीन बच्चे हैं।
  • जिनमें से एक लड़की ईशा अंबानी है और(and) दो लड़के आकाश अंबानी और(and) अंनत अंबानी हैं।

मुकेश अंबानी के निजी जीवन की जानकारी (Mukesh Ambani’s personal life information)

  • मुकेश अंबानी का जन्म जिस समय  हुआ था।
  • उस वक्त इनका परिवार इतना अमीर नहीं था।
  • और(and) ये अपने परिवार के साथ दो रूम के घर  में रहा करते थे।
  • मुकेश अंबानी को  व्यापार की समझ इनके पिता से विरासत के रूप मिला हुआ है।
  • इन्होने काफी  अच्छे तरीके से अपने पिता का  व्यापार संभाला  हैं।
  • मुकेश अंबानी 18 वर्ष की आयु में ही अपने पिता के साथ मिलकर उनका कारोबार  संभालने लगे थे ।
  • 18 साल की उम्र  में इनको इनके पिता ने  रिलायंस इंडस्ट्रीज के बोर्ड मेंबर में शामिल कर लिया था।
  • पिता की मृत्यु के बाद उनके  व्यापार  को उनके दो बेटो के बीच में बांट दिया गया था।
  • उस वक्त से ये दोनों  भाई अपना व्यापार अगल-अलग संभाल  रहे हैं ।

 अंबानी और रिलायंस इंडस्ट्रीज(Mukesh Ambani and Reliance Industries)

1980 की शुरुआत में, इंदिरा गांधी के नेतृत्व में, पीएफवाई (पॉलिएस्टर फिलामेंट यार्न) का उत्पादन निजी क्षेत्र को उपलब्ध कराया गया था।

टाटा, बिड़ला और(and) 43 अन्य(Others) उद्योग परिवारों के कड़े विरोध के बावजूद

इनके(their) पिता पीएफवाई शुरू करने के लिए आवश्यक लाइसेंस प्राप्त करने में सफल रहे।

टेक्सटाइल से पॉलिएस्टर फाइबर, पेट्रोकेमिकल्स, पेट्रोलियम रिफाइनिंग और(and) अपस्ट्रीम में तेल और(and) गैस की खोज

और(and) उत्पादन में रिलायंस का पिछड़ा एकीकरण(integration) 1981 में शुरू हुआ।

जब मुकेश ने पीएफवाई सुविधा विकसित करने में अपने पिता की सहायता करने के लिए कॉलेज छोड़ दिया।

मुकेश अंबानी

मुकेश अंबानी के द्वारा  किये  गए अन्य कार्य (Other work done by Ambani)

660,000 बैरल प्रति दिन (33 मिलियन टन प्रति वर्ष) और(and) एकीकृत पेट्रोकेमिकल्स, बिजली उत्पादन।

बंदरगाह और(and) संबंधित बुनियादी ढांचे की वर्तमान क्षमता के साथ, उन्होंने जामनगर,

भारत की सबसे बड़ी जमीनी तेल रिफाइनरी के निर्माण का मार्गदर्शन और(and) निरीक्षण किया।

विदेशी अधिग्रहण(acquisition) में निवेश करने के बजाय, उन्होंने ग्रीनफील्ड परि संपत्तियों का निर्माण करना चुना।

जो सरकारी दबाव और(and) व्यावसायिक प्रवृत्तियों की दिशा में निवेश पर 20% रिटर्न प्रदान करते हैं।

एक मुखर विचारक(thinker) और(and) भविष्यवादी(futurist) मुकेश भारतीय अर्थव्यवस्था की संभावनाओं को लेकर उत्साहित(Excited) हैं।

उनका मानना ​​है कि “समावेशी” विकास और(and) “मूल्य संवर्धन(value addition )” भारत की आर्थिक समृद्धि के मुख्य चालक होंगे।

मुकेश अंबानी – दुनिया के सबसे अमीर आदमी (Mukesh Ambani – richest man in the world)

मुकेश अंबानी का व्यवसाय में पहला उछाल 2007 में हुआ  था।

जब भारतीय शेयर बाजार में एक जबरदस्त बदलाव हुआ था।

और(and) भारतीय रुपये की मजबूती ने रिलायंस समूह की फर्मों के बाजार पूंजीकरण में वृद्धि की।

जिससे वह दुनिया का सबसे अमीर आदमी बन गया।

2006 में मुकेश अंबानी से अलग होने के बाद, उनके छोटे भाई अनिल अंबानी ने अनिल रिलायंस धीरूभाई अंबानी ग्रुप (ADAG) का गठन किया।

साल 2016 में मुकेश अंबानी की कंपनी ने Telecommunication के क्षेत्र से जुड़ी Jio company को शुरु किया था।

और mobile network operator से जुड़ी इस कंपनी ने बेहद ही कम समय में telecom बाजार में काफी अच्छी पकड़ा बना ली है।

हाल ही में इन्होंने अपने बच्चों के साथ मिलकर telecom फाइबर नामक ब्रॉडबैंड सर्विस भी स्टार्ट की है।

इसके द्वारा(through this) लोगों को तेज गति का नेट कनेक्शन  (speed net connection) मिलेगा।

मुकेश अंबानी की उपलब्धियां (achievements of mukesh ambani)

  • ये दुनिया में सबसे प्रशंसित कॉर्पोरेट नेताओं में से एक है।
  • मुकेश अंबानी को उनके नेतृत्व गुणों के लिए कई सम्मानों(honors) से सम्मानित किया गया है।
  • उन्होंने 2010 में पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग और(and) विज्ञान के स्कूल में डीन का पदक प्राप्त किया।
  • उन्हें उस संगठन द्वारा 2007 में यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल लीडरशिप अवार्ड से सम्मानित किया गया।
  • उन्हें उसी वर्ष गुजरात सरकार से चित्रलेखा पर्सन ऑफ द ईयर का पुरस्कार मिला।
  • टोटल टेलीकॉम ने उन्हें 2004 में विश्व संचार पुरस्कार से सम्मानित किया।
  • निगम के अध्यक्ष के रूप में सेवा करने के अलावा।
  • मुकेश अंबानी विदेश संबंध परिषद के अंतरराष्ट्रीय सलाहकार बोर्ड और(and) बैंक ऑफ अमेरिका कॉर्पोरेशन के निदेशक मंडल के सदस्य हैं।
  • वह पूर्व में बैंगलोर स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM-B) के अध्यक्ष थे।
  • IChemE के केमिकल इंजीनियर्स संस्थान (IChemE) ने उन्हें एक फेलो (रासायनिक इंजीनियर्स संस्थान) के रूप में सम्मानित किया।

अंबानी का घर, एंटीलिया (Mukesh Ambani’s house Antilia)

  • वह इंडियन प्रीमियर लीग के मुंबई इंडियंस के भी मालिक हैं।
  • और मुंबई में उनके विशेष घर एंटीलिया जो 4,00,000 वर्ग फुट में फैला है जिसमें 27 मंजिलें हैं।  
  • इसने मीडिया का ध्यान आकर्षित किया है।
  • $1 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक की लागत के साथ इसे मानव इतिहास में सबसे महंगा घर माना जाता है।
  • मुकेश अंबानी समकालीन(contemporary) भारतीय व्यवसाय का सार्वजनिक चेहरा हैं।
  • वह देश के आर्थिक विकास की गति और(and) शहरी बाज़ार का एक सशक्त चित्र बनाते हैं।
  • कई लोग उनके नक्शेकदम पर चलना चाहते हैं और(and) खुद को व्यवसाय की दुनिया में एक सफल  उदयमी के रूप में स्थापित करना चाहते हैं।
  • उनके  लिए मुकेश अंबानी  को हमेशा व्यावसायिक(commercial) ज्ञान का प्रतीक माना जाएगा

मुकेश अंबानी जीवनी – सफलता के नियम (Mukesh Ambani Biography – Rules of Success)

  • श्री मुकेश अंबानी की सफलताओं और(and) उपलब्धियों के बारे में बात करने के बाद,
  • अब यह सवाल उठता है कि उन्हें अन्य(Others) व्यवसायियों से क्या अलग करता है।
  • वह इतनी अच्छी तरह से कैसे और(and) क्यों सफल है?
  • उनके पास अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने की दृष्टि और(and) क्षमता कहाँ से आयी है?

उनकी सफलता के नौ नियम थे जो इस प्रकार से है –

बहादुर बनो(be brave) –

  • पहला पाठ बहादुर होने पर केंद्रित है।
  • उनके अनुसार बिना बहादुरी के किसी ने भी व्यवसाय या जीवन में कभी भी कुछ महत्वपूर्ण हासिल नहीं किया है।
  • स्वाभाविक रूप से, यदि आप चुनौती का सामना करते है
  • तो आप थोड़ा चिंतित महसूस करेंगे।
  • लेकिन(but) आपको अपने भीतर छिपे नायक को खोजने के लिए अपने डर से बाहर निकलना होगा।
  • यदि(If) आपके पास आत्म-आश्वासन, स्वयं पर विश्वास और(and) सकारात्मक दृष्टिकोण है।
  • तो आप किसी भी बाधा को दूर कर सकते हैं।

अपनी समस्या का पता लगाकर उसे हल करें(Find your problem and solve it)

  • दूसरी बात जो मैंने सीखी वह यह है कि।
  • एक सफल उद्यमी बनने के लिए, आपको पहले एक ऐसी समस्या का पता लगाना होगा।
  • जिसके बारे में आप भावुक(Emotional) हैं और(and) जिसे आप हल करना चाहते हैं।
  • मेरे जीवन में रसायन प्रौद्योगिकी विभाग (यूडीसीटी) के प्रोफेसर शर्मा ने काफी योगदान दिया है।
  • जो अब रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान (आईसीटी) में है। “
  • मैं आपको समस्याओं की एक सूची की पेशकश नहीं करने जा रहा हूं
  • और फिर आपको किसी भी चीज़ पर काम करने के लिए नहीं कहूंगा,” वह हमेशा ऐसा कहते थे।
  • “आप एक समस्या की पहचान करते हैं और(and) फिर मैं आपको उस समस्या की प्रकृति और आपके द्वारा किए गए समाधान की गुणवत्ता पर ग्रेड दूंगा।”
  • इसलिए(So) एक ही अवधारणा एक उद्यमी के लिए सही है।
  • यह समस्याओं को हल करने के बारे में नहीं है। यह समस्याओं की खोज के बारे में है।

कड़ी मेहनत करना(break a sweat)

  • अपने दौड़ने के जूते पहनें, लेकिन(but) याद रखें कि।
  • अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक लक्ष्यों तक पहुँचने में समय और(and) मेहनत लगती है।
  • हम एक विविधता से भरी  दुनिया में रहने के लिए भाग्यशाली हैं।
  • जहां(Where) कुछ भी संभव है लेकिन(but) यह याद रखना महत्वपूर्ण है ।
  • कि कठिन प्रयास और(and) समर्पण ही सफलता हासिल करने का एकमात्र तरीका है।

रातों रात कोई सफल नहीं होता(no one succeeds overnight)

  • मेरे पिता का दृढ़ विश्वास था कि ।
  • कोई भी व्यवसाय जो केवल धन कमाने पर जोर देता हो ।
  • वह आगे बढ़ने के योग्य नहीं है; बल्कि, इसे एक अधिक महत्वपूर्ण सामाजिक उद्देश्य को पूरा करना चाहिए।
  • आरआईएल ने अपनी सारी फंडिंग पूंजी बाजार और(and) छोटे व्यक्तिगत निवेशकों से प्राप्त की है ।
  • इस प्रकार(thus) हमने आरआईएल में निवेश करके एक लाख आम भारतीयों को अरबपति बना दिया है।
  • और(and) इस तरह राष्ट्र के लिए धन का निर्माण होता है।

विफलता स्वीकार करें(accept failure) –

  • असफल होना लाजमी(imperative) है।
  • लोगों को मेरे सहित(including me), यह नहीं पता कि उन्होंने कितनी प्रगति की है।
  • इसके कारण(because of) मैंने कितनी बार संघर्ष किया है  की वे मुझसे केवल एक कदम आगे हैं।
  • इसलिए(So) हार के बावजूद कभी हार मत मानो; इसके बजाय, उनसे सीखें।

विरोधियों को नज़रअंदाज करें (ignore opponents)

  • अपने पास हेडफ़ोन रखो, अपने कानों और(and) दिमागों को आशा के गीतों से भर दो।
  • और(and) संशयवादियों(skeptics) और(and) निंदक विचारों को आने से रोक दो।
  • अपने अंदर की आवाज को सुने और(and) जीवन में कुछ रिस्क लें क्योंकि(Because) सफलता हमेशा जोखिम भरा होता है ।
  • जो इतिहास को बदल देता है, कुछ नया करता है, कुछ ऐसा बनाता है जिसकी दुनिया को वास्तव में आवश्यकता होती है।
  • और(and) लाखों लोगों की भलाई में योगदान देता है। वास्तव में(really) वही सफल है। 

सहानुभूति महसूस करें (feel sympathy)

  • जितना अधिक हम दूसरों की परवाह करते हैं उतना ही हम व्यक्तियों के रूप में विकसित होते हैं।
  • सहानुभूति का अर्थ है हमारे संगठन के साथ-साथ दुनिया के बाकी लोगों की देखभाल करना और(and) उनसे जुड़ना।
  • मेरी राय में आप जितना अधिक सहानुभूति दूसरों में निवेश करते हैं।
  • आप उतने ही अमीर बनते जाते हैं।
  • इसे “दिल की दौलत के रूप में जाना जाता है।

यादें बनाना (making memories )

  • यादें बनाना एक ऐसी सरल अवधारणा है।
  • लेकिन(but) मेरा मानना ​​​​है कि इसका गहरा अर्थ है।
  • खासकर(Especially) अब जब पिता हमारे साथ नहीं हैं।
  • और(and) उनके पास जो कुछ बचा है।
  • वह यादें हैं जिन्हें हम संजोते हैं।

हर समय सकारात्मक रहें(be positive all the time )

  • एक उद्यमी हमेशा उत्साहित रहने वाला आशावादी होता है।
  • दुनिया में बहुत सारे निंदक और(and) निराशावादी हैं।
  • लेकिन(but) मैंने पाया है कि एक उद्यमी सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
  • उन्होंने अपने व्यक्तिगत और(and) पेशेवर जीवन दोनों में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं।
  • उनके छोटे भाई अनिल अंबानी, एक अन्य व्यवसायिक अरबपति और(and) रिलायंस एडीए समूह के अध्यक्ष हैं।

जब एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) सरकार ने रिलायंस पेट्रोलियम उद्योग पर $ 579 मिलियन का

जुर्माना लगाया, तो मुकेश अंबानी को भी एक बड़ा झटका लगा।

अन्य(others) व्यवसायियों की तरह, श्री मुकेश अंबानी को भी वित्तीय झटके लगे हैं।

लेकिन (but)यह उनका अटूट दृढ़ संकल्प और(and) साहसी दृष्टिकोण था।

जिसने उन्हें भारत में सबसे अमीर व्यक्ति बनाते हुए दृढ़ रहने में सक्षम बनाया।

मुकेश अंबानी से जुड़े विवाद (Disputes involving Mukesh Ambani)

मुकेश अंबानी और(and) उनके भाई के बीच उनके व्यवसाय को लेकर असहमति की खबरें

कंपनी के टूटने से पहले अक्सर खबरों में आती थीं।

एक इंटरव्यू में मुकेश अंबानी ने इस बात को स्वीकार किया और(and) कहा कि यह निजी चिंता का विषय है।

वह 2014 के कानूनी मुकदमे का विषय था।

जिसमें उस पर प्राकृतिक गैस के लिए अधिक शुल्क लगाने का आरोप लगाया गया था।

इसके अलावा(Other than this) उन पर पहले भी नौकरशाहों(bureaucrats) के साथ साजिश रचने का आरोप लगाया जा चुका है।

मुंबई में बनी अपनी सबसे महंगी हवेली यानी एंटीलिया के लिए उन्हें काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।

यद्यपि(although) महाराष्ट्र बोर्ड ने उस संपत्ति पर अपना अधिकार स्थापित किया था।

जहां उन्होंने एंटीलिया निवास बनाया था।

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प्रसिद्ध भारतीय हास्य अभिनेता कपिल शर्मा(Famous Indian comedian Kapil Sharma) https://learnwithvikas.com/%e0%a4%95%e0%a4%aa%e0%a4%bf%e0%a4%b2-%e0%a4%b6%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%ae%e0%a4%be/ https://learnwithvikas.com/%e0%a4%95%e0%a4%aa%e0%a4%bf%e0%a4%b2-%e0%a4%b6%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%ae%e0%a4%be/#respond Sat, 24 Sep 2022 12:43:43 +0000 https://learnwithvikas.com/?p=799 कपिल शर्मा भारत में सबसे लोकप्रिय स्टैंड-अप कॉमेडियन में से एक हैं।  जिन्हें द कपिल शर्मा शो की मेजबानी के लिए जाना जाता है। उन्होंने अपने हिट टीवी शो कॉमेडी नाइट्स विद कपिल से प्रसिद्धि हासिल की। टेलीविजन कॉमेडी शो(television comedy show) शुरुआत में उन्होंने टेलीविजन कॉमेडी शो कॉमेडी नाइट्स विद कपिल और फैमिली टाइम […]

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कपिल शर्मा भारत में सबसे लोकप्रिय स्टैंड-अप कॉमेडियन में से एक हैं।

 जिन्हें द कपिल शर्मा शो की मेजबानी के लिए जाना जाता है।

उन्होंने अपने हिट टीवी शो कॉमेडी नाइट्स विद कपिल से प्रसिद्धि हासिल की।

  • कपिल ने 2001 में स्टैंड-अप कॉमेडी करना शुरू किया और 2005 में द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज के साथ टेलीविजन पर अपनी शुरुआत की।
  • उन्होंने कॉमेडी सर्कस और द कपिल शर्मा शो जैसे अन्य रियलिटी शो की भी hosting की है।
  •  उन्हें उनके मासूम और सीधे-सादे स्वभाव के लिए प्रशंसकों द्वारा प्यार किया जाता है।
  • कपिल शर्मा एक बहु-प्रतिभाशाली व्यक्तित्व हैं।

टेलीविजन कॉमेडी शो(television comedy show)

शुरुआत में उन्होंने टेलीविजन कॉमेडी शो कॉमेडी नाइट्स विद कपिल और फैमिली टाइम विद कपिल की hosting की।

अप्रैल 2016 में Ormax मीडिया ने उन्हें सबसे लोकप्रिय टेलीविजन व्यक्तित्व का दर्जा दिया।

2016-17 के वर्षों के दौरान फोर्ब्स इंडिया ने उन्हें 100-सेलिब्रिटी की सूची में 11 वें और 18 वें स्थान पर रखा।

उन्हें 2013 में मनोरंजन श्रेणी में वर्ष के सीएनएन-आईबीएन इंडियन से सम्मानित किया गया था।

कपिल शर्मा

कपिल का व्यक्तिगत जीवन(Personal life of Kapil)

कपिल जिन्हें कपिल पुंज के नाम से भी जाना जाता है।

इनका जन्म 2 अप्रैल 1981 को अमृतसर, पंजाब, भारत में हुआ था।

उनके परिवार वाले उनको टोनी या कप्पू कहकर पुकारते थे।

उनकी मां का नाम  जनक रानी हैं।

 जबकि उनके पिता जीतेंद्र कुमार पुंज हैं।

उनकी मां एक घर में रहने वाली महिला  हैं।

 जबकि उनके पिता पंजाब पुलिस में एक मुख्य पुलिसकर्मी थे।

उनके पिता को 1997 में कैंसर हो  गया था और एम्स दिल्ली में 2004 में इस बीमारी से उनका निधन हो गया।

उनकी एक बहन पूजा पवन देवगन और एक भाई  भी है।

 भाई का नाम अशोक कुमार है जो एक पुलिस कांस्टेबल के रूप में काम करता है।

कपिल शर्मा का पारिवारिक जीवन(kapil sharma family life)

  • पंजाब के जालंधर में 12 दिसंबर 2018 को कपिल शर्मा ने गिन्नी चतरथ से शादी की।
  • उनका एक बेटा है जिसका नाम त्रिशान शर्मा है जो 1 फरवरी 2021 को पैदा हुआ था।
  • उनकी एक बेटी भी है अनायरा शर्मा जिसका जन्म दिसंबर 2019 में हुआ था।

कपिल  की शिक्षा (Kapil’s education)

शर्मा ने  शिक्षा  प्राप्त करने के लिए  अमृतसर के श्री राम आश्रम सीनियर सेकेंडरी स्कूल में दाखिला लिया । 

इन्होने अपनी स्कूली शिक्षा श्री राम आश्रम सीनियर सेकेंडरी  स्कूल में पूरी की थी।

स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद इन्होने अमृतसर के हिंदू कॉलेज में  कला स्नातक की पढ़ाई पूरी की ।

जालंधर में एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स के शानदार छात्रों की सूची में भी वह थे ।

कपिल शर्मा हिंदी और पंजाबी दोनों में धाराप्रवाह बोलते है।

वह शुरू में  एंटरटेनर नहीं थे और एक निम्न मध्यम वर्गीय परिवार से आते थे।  ललित कला महाविद्यालय से स्नातक करने के बाद पॉकेट मनी के लिए उन्होंने नाटकों का निर्देशन किया।

उन्होंने छात्रवृत्ति भी प्राप्त की और राष्ट्रीय रंगमंच प्रतियोगिता जीती।

टीवी जगत में करियर (Career in TV world)

पंजाबी शो हसदे हसंडे रावो से कपिल ने अपने करियर की शुरुआत की थी।

2007 में  कॉमेडी रियलिटी टेलीविजन शो  में द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज लोगो को काफी पसंद आया।

 इसमें  कपिल अपने जबरदस्त चुटकलों से हसांते हुए दिखे ।

तब ये लोगो की नजरो के सामने आए।

उस समय  कपिल को द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज का  विजेता  भी घोषित किया गया था।

कपिल  के संघर्ष के दिन (Kapil’s struggle days)

कपिल शर्मा बचपन से ही गायक बनना चाहते थे लेकिन उन्होंने कॉमेडियन बनने का फैसला किया।

उन्होंने जीवन भर अपने परिवार को आर्थिक रूप से सहारा देने के लिए बहुत मेहनत की है।

जब वह दसवीं कक्षा में था तब वह एक पीसीओ में काम करता था।

उन्होंने अपने कॉमेडी करियर के शुरुआती वर्षों में कम से कम पैसा कमाया।

 पैसा कमाने के लिए वह पीसीओ कपड़ा मिलों और अन्य व्यवसायों में भी काम करता था ।

उनके पास acting की कक्षाओं में दाखिला लेने के लिए धन की कमी थी।

लेकिन कई संस्थानों ने उनकी स्पष्ट प्रतिभा के कारण उन्हें acting की मुफ्त शिक्षा दी।

उसकी माँ उसके मॉडल के रूप में कार्य करती है।

उन्होंने अपने acting करियर की शुरुआत एक theater कलाकार के रूप में की, तब वह 20 साल के थे।

कपिल शर्मा के बारे में कुछ रोचक जानकारी(Some interesting facts about Kapil Sharma)

  • कपिल को GR8 सहित कई प्रसिद्ध प्रकाशनों के कवर पर चित्रित किया गया है!
  • उन्हें दिल्ली चुनाव आयोग ने 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए ब्रांड एंबेसडर के रूप में काम करने के लिए चुना था।
  • सितंबर 2015 में उन्हें अपने प्रयासों को मान्यता देने के लिए राष्ट्रपति भवन का निमंत्रण मिला।
  • स्वच्छता और स्वच्छता से संबंधित अन्य सामाजिक मुद्दों के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने के लिए उन्हें चुना था।
  • भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में स्वच्छ भारत अभियान के लिए कपिल शर्मा को नामित किया।
  • भारतीय गेम शो कौन बनेगा करोड़पति के नौवें सीज़न में उन्होंने अतिथि के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

2017 में उन्होंने कॉफ़ी विद करण में एक विशेष उपस्थिति दर्ज की।

  • एक आदमी का  सवाल था पृथ्वी पर सबसे पुराना जानवर कौन है।  जवाब देने वाले कपिल के मुताबिक, ज़ेबरा, क्योकि वो  अभी भी काले और सफेद रंग में है।
  • जब कपिल शर्मा ने एक आदमी से पूछा कि वह इन दिनों क्या कर रहा है, तो उस आदमी ने जवाब दिया कि पीएचडी । कपिल हैरान रह गए और बोले, “वाह, तुम डॉक्टर हो,” जिस पर उस आदमी ने जवाब दिया, “नहीं, इसका मतलब पिज्जा होम डिलीवरी है।”

कपिल शर्मा की फिल्में (kapil sharma movies)

  • 2010   – भावनाओ को समझो – ठाकुर का  बेटा की भूमिका निभाई थी।
  • 2015 – किस किसको प्यार करूं – कुमार शिव राम किशन।
  • 2017 – फिरंगी – मंगा।
  • 2018 – मंजीत सिंह के बेटे – निर्माता / विशेष उपस्थिति।
  • 2019 – द एंग्री बर्ड्स मूवी 2 – रेड (आवाज) ।
  • 2020 – इट्स माई लाइफ – प्यारे, सिद्धांत के घरेलू नौकर।

टीवी शो(television show)

  • 2007 – द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज (सीजन 3) – प्रतियोगी।
  • 2008-09 – लाफ्टर नाइट्स – प्रतियोगी।
  • 2009 – उस्तादों का उस्ताद – प्रतियोगी
  • 2009 – हंस बलिए – प्रतियोगी।
  • 2011 – स्टार हां रॉकस्टार – प्रतियोगी।
  • 2013 – झलक दिखला जा (सीजन 6) – होस्ट।
  • 2013-16 – कॉमेडी नाइट्स विद कपिल – शो के होस्ट/कॉमेडी कलाकार/सह-निर्माता।
  • 2015 – 60 वां फिल्मफेयर पुरस्कार – होस्ट।
  • 2016 – 22वें स्टार स्क्रीन अवार्ड्स – होस्ट।
  • 2016 – 61वें फिल्मफेयर पुरस्कार – होस्ट।
  • 2016-17 – द कपिल शर्मा शो सीजन 1 – होस्ट/कॉमेडी परफॉर्मर।
  • 2017 – 62वां फिल्मफेयर पुरस्कार – होस्ट।
  • 2018 – फैमिली टाइम विद कपिल शर्मा – होस्ट।
  • 2018–वर्तमान – द कपिल शर्मा शो के होस्ट/कॉमेडी कलाकार/सह-निर्माता।

पुरस्कार और सम्मान(Awards and honors)

कड़ी मेहनत कर कपिल शर्मा ने टेलीविजन और बॉलीवुड इंडस्ट्री में खुद को स्थापित कर लिया है।

उन्हें वर्ष का सर्वश्रेष्ठ हास्य और सबसे मनोरंजक कलाकार होने का पुरस्कार मिला। उन्हें कॉमेडी नाइट्स विद कपिल के लिए अधिकांश सम्मान मिले।

  • सर्वश्रेष्ठ comedian  के लिए भारतीय टेलीविजन Academy पुरस्कार (2012, 2013, 2015) ।
  • Most Entertaining कॉमेडी शो के लिए Big Star Entertainment अवार्ड (2013) ।
  • CNN-IBN Indian of the Year for the Best Entertainer of the Year (2013) ।
  • best comedy शो के लिए स्टार गिल्ड अवार्ड (2014)।
  • Comedy Nights With कपिल  के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (comedian) के लिए भारतीय टेलीविजन अकादमी पुरस्कार।
  • सर्वश्रेष्ठ कॉमेडी शो के लिए Gold Awards (2019) ।
  • सर्वश्रेष्ठ comedy show के लिए भारतीय टेलीविजन अकादमी पुरस्कार (2019)

विवाद (Conflict )

  • 5 जनवरी 2014 को कॉमेडी नाइट्स विद कपिल के एक एपिसोड में प्रसिद्ध कॉमेडियन ने गड्ढों से भरी सड़क पर ड्राइविंग करते समय गर्भवती महिलाओं को जन्म देने के बारे में एक मजाक बनाया।
  • जिसे महिला कार्यकर्ताओं ने अपमानजनक पाया।
  •  जवाब में महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग को कानूनी कार्रवाई की मांग करने वाले दो गैर सरकारी संगठनों से शिकायत मिली।
  • मराठी अभिनेत्री दीपाली सैय्यद ने दावा किया कि कपिल ने 2015 के अंतर्राष्ट्रीय मराठी फिल्म महोत्सव पुरस्कारों की रैप-अप पार्टी में दुर्व्यवहार किया था।
  • ड्रिंक्स के बाद  उन्होंने कथित तौर पर उसी पुरस्कार समारोह में अभिनेत्री तनीषा मुखर्जी, गायिका मोनाली ठाकुर और अन्य महिला उपस्थित लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया।
  •  हालांकि, बाद में एक दैनिक न्यूज़ के साथ एक साक्षात्कार में इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति से इनकार किया।
  • जब कपिल शर्मा और उनकी टीम ने उत्तर प्रदेश में एक समारोह में एक कॉमेडी अभिनय किया।
  •  जहां उन्होंने 65 लाख रुपये से अधिक का शुल्क लिया।
  • जिसे उन्होंने अपने साथियों के साथ बांट दिया।
  •  तो उत्सव के आयोजकों ने कथित तौर पर कपिल शर्मा पर बहुत अधिक अभिजात(aristocrat) होने का आरोप लगाया।

कॉमेडी शो में द कपिल शर्मा (The Kapil Sharma in commedy Show)

कपिल से पहले कई जाने-माने कॉमेडियन आए और गए।

 लेकिन उनमें से शायद ही कोई उनके जैसा जाना-पहचाना हो या प्रसिद्ध हुआ हो।

इसका एक कारण ये भी है कि कभी शो का मिलना, और कभी शो का नहीं मिलना, और शो मिलने के बाद शो से बाहर हो जाना।

लेकिन कपिल ने कभी अपने ऊपर ये मुसीबत नहीं आने दी।

उन्होंने किसी और के कॉमेडी शो में भाग लेने के बजाय खुद का शो  लॉन्च करने का फैसला किया।

शो का नाम कॉमेडी नाइट विद कपिल रखा गया।

22 जून 2013 को कलर्स टीवी ने कपिल से पहले डेब्यू किया था।

कपिल की अपनी प्रोडक्शन कंपनी K-9 ने इस प्रोग्राम को प्रोड्यूस किया।

भारत के एक पारिवारिक कॉमेडी और सेलिब्रिटी वार्तालाप शो को कॉमेडी नाइट विद कपिल कहा जाता था।

शो तेजी से भारत में शीर्ष पर पहुंच गया।

इस नाटक के लिए दर्शकों से कोई प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाता है।

कॉमेडी नाइट विद कपिल में बॉलीवुड के ज्यादातर जाने-माने कलाकार शामिल हुए।

 विद्या बालन, इमरान हाशमी, सोनाक्षी सिन्हा, रणवीर सिंह, सुनील शेट्टी और जॉनी लीवर जैसी अधिकांश हस्तियों ने कपिल के कार्यक्रम में भाग लिया।

परिवार के सभी उम्र के सदस्य, युवा से लेकर बूढ़े तक, केवल इस एक कार्यक्रम को एक साथ देख सकते थे।

25 सितंबर 2013 को गोरेगांव की फिल्म सिटी के सेट पर आग से कपिल के कार्यक्रम का पूरा सेट जलकर खाक हो गया था।

एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि शो के जलने से कपिल को करीब 20 करोड़ का नुकसान हुआ है।

शो में आग लगने के बाद पिछले दो एपिसोड लोनावाला में बिग बॉस के सेट पर फिल्माए गए थे।

कलर टीवी चैनल पर कॉमेडी नाइट विद कपिल के लगभग तीन साल के लगभग 191 एपिसोड दिखाए गए।

कपिल शर्मा शो(The Kapil sharma show)

  • 23 अप्रैल 2016 को द कपिल शर्मा शो की शुरुआत हुई।
  • कलर चैनल की जगह सोनी चैनल ने अब कार्यक्रम का प्रसारण शुरू कर दिया है।
  • यह कपिल के डेब्यू शो की तरह ही था लेकिन इस बार फोकस कपिल और “द कपिल शर्मा शो” में कॉमेडियन की उनकी मंडली पर है।
  •  सुमोना चक्रवर्ती, कीकू शारदा, चंदन प्रभाकर, कृष्णा अभिषेक, भारती सिंह और रोशेल राव ने शांतिवन नॉन-कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी के निवासियों की भूमिका निभाई और शो के प्रमुख पात्रों के रूप में काम किया।
  • सुमोना चक्रवर्ती ने सरला गुलाटी की भूमिका निभाई, भारती सिंह ने बबली आंटी / लल्ली की भूमिका निभाई, चंदन प्रभाकर ने चंदू (दुबई टी स्टॉल के सीईओ) की भूमिका निभाई, और रोशेल राव ने लॉटरी अकेला (50-50 अस्पताल में नर्स) की भूमिका निभाई।
  •  नियमित अतिथि के रूप में नवजोत सिंह सिद्धू को कार्यक्रम के कलाकारों में शामिल किया गया।
  • कार्यक्रम के  अतिथि नवजोत सिंह सिद्धू थे।
  • लेकिन 16 फरवरी 2019 तक अर्चना पूरन सिंह ने  पद संभाल लिया। कार्यक्रम का अंतिम प्रसारण 20 अगस्त, 2017 को हुआ था और  इस शो के 130 एपिसोड पूरे हुए।

द कपिल शर्मा शो का सीजन 2(Season 2 of The Kapil Sharma Show)

  • कपिल शर्मा कार्यक्रम के सीज़न 2 का प्रीमियर सोनी चैनल पर 29 दिसंबर 2018 को हुआ।
  • शो का 177वां और अंतिम एपिसोड 30 जनवरी, 2021 को हुआ।

कपिल शर्मा शो का सीजन 3(Season 3 of The Kapil Sharma Show)

द कपिल शर्मा शो के तीसरे सीज़न का प्रीमियर सोनी टीवी पर 21 अगस्त 2021 को हुआ था।

यह शो वर्तमान में दर्शकों का मनोरंजन कर रहा है और प्रभावी ढंग से चल रहा है।

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मैरी कॉम एक चैंपियन भारतीय मुक्केबाज(Mary Kom a champion Indian boxer) https://learnwithvikas.com/mary-kom/ https://learnwithvikas.com/mary-kom/#respond Fri, 23 Sep 2022 13:20:33 +0000 https://learnwithvikas.com/?p=779 चुंगनेइजंग मांगटे मैरी कॉम ओएलवाई (Chungneijung Mangte Mary Kom OLY), जिसे उनके रिंग नाम मैरी कॉम से बेहतर जाना जाता है। एक प्रसिद्ध भारतीय मुक्केबाज और भारत की संसद की एक वर्तमान सदस्य हैं। मैरी कॉम एक पेशेवर शौकिया मुक्केबाज हैं। जिन्होंने हाल ही में राजनीति में प्रवेश किया है। मैरी कॉम, जिसे अक्सर मैग्निफिसेंट […]

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चुंगनेइजंग मांगटे मैरी कॉम ओएलवाई (Chungneijung Mangte Mary Kom OLY),

जिसे उनके रिंग नाम मैरी कॉम से बेहतर जाना जाता है।

एक प्रसिद्ध भारतीय मुक्केबाज और भारत की संसद की एक वर्तमान सदस्य हैं।

मैरी कॉम एक पेशेवर शौकिया मुक्केबाज हैं। जिन्होंने हाल ही में राजनीति में प्रवेश किया है।

मैरी कॉम, जिसे अक्सर मैग्निफिसेंट मैरी के नाम से जाना जाता है।

भारत और बाकी दुनिया दोनों में सबसे प्रसिद्ध खेल हस्तियों(celebrities ) में से एक है।

हर कोई जिसे अपने काम में कठिनाई हो रही है, विशेष रूप से एथलीट में,

मैरी कॉम की कहानी से प्रेरणा प्राप्त कर सकते हैं।

और सीख सकते हैं कि जीवन में सफल होने के लिए अपनी बाधाओं से कैसे गुजरना है।

मैरी कॉम का परिचय (Introduction of Mary Kom)

इनका जन्म 24 नवंबर 1982 को भारत के मणिपुर राज्य के छोटे से गाँव में हुआ था।

  • वह बहुप्रतीक्षित(much awaited) मैचों के दौरान अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रसिद्ध हुईं।
  • मैंगते चुंगनेइजंग मैरी कॉम ओएलवाई मैरी कॉम का पूरा नाम है ।
  • मैरी कॉम एक प्रसिद्ध भारतीय शौकिया मुक्केबाज और राजनीतिज्ञ हैं।
  • मैरी कॉम एकमात्र ऐसी महिला मुक्केबाज हैं जिन्होंने मुक्केबाजी करियर के बावजूद 2012 में लंदन ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था।
  • मैरी कॉम ने बहुत कुछ हासिल किया है।
  • भारत की एकमात्र महिला मुक्केबाज जो 51 किलोग्राम फ्लाईवेट डिवीजन में प्रतिस्पर्धा करने के लिए योग्य थी।
  • वह मैरी कॉम थीं जिन्होंने इस डिवीजन में अपने देश के लिए कांस्य पदक भी जीता था।
  • इसके अलावा मैरी कॉम इतिहास की एकमात्र महिला मुक्केबाज हैं जिन्होंने अपनी पहली सात अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में से प्रत्येक में पदक जीता है।
  • उसने छह बार विश्व एमेच्योर मुक्केबाजी चैम्पियनशिप भी जीती है (अधिकतम किसी भी महिला द्वारा)।
  • वह इतिहास की पहली मुक्केबाज हैं जिन्होंने चैंपियनशिप स्पर्धाओं में आठ पदक जीते हैं।

जिसमें पुरुष और महिला दोनों खिताब शामिल हैं।

Mary Kom

मैरी कॉम को  मैग्निफिसेंट मैरी के नाम से भी जाना जाता है(Mary Kom is also known as Magnificent Mary.)

  • लाइट-फ्लाईवेट डिवीजन में मैरी कॉम को इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन (शौकिया) या संक्षेप में एआईबीए द्वारा पहला स्थान दिया गया था।
  • 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में मैरी कॉम स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला मुक्केबाज बनीं।
  • वह एशियाई खेलों (2014 में इंचियोन, दक्षिण कोरिया में एशियाई खेलों) में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट भी थीं।
  • मैरी कॉम एकमात्र ऐसी बॉक्सर हैं जिन्होंने छह बार एशियन एमेच्योर बॉक्सिंग चैंपियनशिप जीती है।
  • उन्होंने इंडोनेशियाई राष्ट्रपति कप में 51 किलोग्राम महिला मुक्केबाज़ डिवीजन में स्वर्ण पदक भी जीता।

मैरी कॉम की पारिवारिक स्थिति (Family Status of Mary Kom)

इनका जन्म मणिपुर की एक छोटे से गाँव में हुआ था।

इनके पिता जी का नाम मांगते तोपों कॉम था।

और माता का नाम  मंगते अखम कोम था।

इनके पिता जी गरीब किसान थे।  

अपने चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी मैरी कॉम थी ।

मैरी कॉम ने हमेशा बहुत मेहनत की है।

वह अपने  अपने माता-पिता के साथ काम करती थी।

बड़ी बहन होने के नाते  वह  अपने भाइयों और बहनों की देखभाल करती थी।

मैरी कॉम की शिक्षा (education of mary kom)

मैरी कॉम ने  स्कूल में दाख़िला किया।

और यह  लोकतक क्रिश्चियन मॉडल हाई स्कूल में पढ़ने लगीं।

जहाँ उन्होंने छठी कक्षा तक पढ़ाई की।

बाद में उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई सेंट जेवियर्स कैथोलिक स्कूल में  की।

यहाँ  उन्होंने आठवीं तक पढ़ाई की।

नौवीं और दसवीं कक्षा में उन्होंने अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए आदिमजती हाई स्कूल में पढ़ाई की।

10वीं कक्षा में उनके लिए अपनी बॉक्सिंग और बोर्ड परीक्षाओं पर एक साथ ध्यान केंद्रित करना बहुत कठिन हो गया था।

मैरी कॉम बॉक्सिंग में इस कदर लिप्त हो गई थीं कि उनके पास अपनी बोर्ड परीक्षाओं की पढ़ाई के लिए दिन में समय ही नहीं बचा था।

और इसलिए मैरी कॉम अपनी मैट्रिक की बोर्ड परीक्षाओं में फेल हो गईं।

परीक्षा में फेल होने के कारण उसने बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी।

इसके अतिरिक्त, उन्होंने एनआईओएस(NIOS) परीक्षा दी।

इसके बाद, उन्होंने इंफाल (मणिपुर की राजधानी) में चुराचांदपुर कॉलेज से स्नातक(graduate) किया।

मुक्केबाजी खेल की शुरुआत(boxing game start)

जब से वह छोटी थी तब से ही  मैरी कॉम को खेलों का शौक रहा है।

अपनी स्कूली शिक्षा के दौरान मैरी कॉम ने अपने स्कूल में आयोजित

सभी प्रकार के खेलों (वॉलीबॉल, फुटबॉल और एथलेटिक्स सहित) और खेल आयोजनों में भाग लिया।

लेकिन यह केवल ओलंपिक में डिंग्को सिंह की सफलता थी जिसने मैरी कॉम को

और अधिक शामिल होने के लिए प्रेरित किया।

हालाँकि यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि उसने कभी मुक्केबाजी में भाग नहीं लिया था।

महत्वपूर्ण तथ्य(important facts)

  • मणिपुर में जन्मे मुक्केबाज डिंगो सिंह ने 1998 में एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था।
  • मैरी कॉम ने  डिंगो बॉक्सिंग को देखकर बॉक्सिंग को करियर के रूप में चुना।
  • मैरी कॉम के परिवार सदस्य के द्वारा उनके फैसले पर आपत्ति  जताई गयी थी।
  • वे एक छोटे से शहर से थे और सोचते थे कि मुक्केबाजी पुरुषों के लिए एक खेल है।
  • वे मानते थे कि यह युवा लड़की एक ऐसा खेल खेलने के लिए तैयार नहीं है ।
  • क्योकि इसमें  बहुत अधिक मांसपेशियों और प्रयास की आवश्यकता होती है।
  • मैरी कॉम इस बात पर अड़ी थीं कि वह इस उद्देश्य को पूरा करेंगी चाहे इसके लिए उन्हें कुछ भी करना क्यों न हो।
  • मैरी कॉम ने अपने माता-पिता को बताए बिना बॉक्सिंग की ट्रेनिंग लेना शुरू कर दी।
  • खुमान लम्पक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में एक बार लड़कों के साथ लड़कियों की लड़ाई देखकर वह चौंक गई थी।
  • उसने अपने गांव से इंफाल की यात्रा की जहां उसने राज्य के मुक्केबाजी कोच एम नरजीत सिंह से संपर्क किया और पूछा कि क्या वह प्रशिक्षण ले सकती है।
  • खेलों में अपना करियर बनाने के लिए मैरी कॉम ने अपना घर छोड़ने और इम्फाल खेल अकादमी में इम्फाल में रहने का फैसला किया जब वह केवल 15 वर्ष की थीं ।
  • वह वास्तव में एक तेज़ छात्रा थी और उसे मुक्केबाजी का बहुत शौक था।
  • मैरी कॉम देर रात तक अभ्यास करती थीं खेल के प्रति अपनी कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करती थी।

मैरी कॉम की निजी जिंदगी (Mary Kom’s personal life)

जब मैरी कॉम 2001 में पंजाब में राष्ट्रीय खेलों के लिए जा रही थी तो उनका सामना दिल्ली में ओनलर से हुआ।

उस समय ओनलर दिल्ली विश्वविद्यालय में law कर रहे थे ।

दोनों का एक दूसरे  पर महत्वपूर्ण  गहरा प्रभाव पड़ा। और चार साल तक दोनों के बीच गहरी दोस्ती रही।

इसके बाद दोनों ने 2005 में शादी कर ली। शादी के बाद इनके  तीन बेटे हैं

जिनमें से पहले दो 2007 में जुड़वा बच्चों के रूप में पैदा हुए थे। और तीसरे का जन्म 2013 में हुआ था।

इनका निजी जीवन काफी अच्छा चल रहा है।

मैरी कॉम के कोच (Mary Kom’s coach)

मैरी कॉम की ट्रैनिंग 3 कोच के द्वारा हुई थी। कोच के नाम है इबोमचा ,किशन ,और नरजीत।

खेलो में अधिक रूचि होने के कारण उनकी खेलो में पकड़ ज्यादा रही थी। 

इन्होने मुक्केबाजी खेल की बारिकियों को बहुत जल्द सीख लिया था।

इन्होने अपने खेल को लेकर काफी मेहनत  की थी ।

मैरी कॉम देर रत तक प्रैक्टिस करती थी।

प्रशिक्षण पूरा करने के बाद मैरी कॉम ने खुमान लम्पक में एम नरजीत सिंह (जो उस समय राज्य के मुक्केबाजी कोच थे) के तहत प्रशिक्षण शुरू किया।

कई सालों तक मैरी कॉम ने अपने पिता (जो खुद एक पूर्व पहलवान थे) से बॉक्सिंग में अपनी गहरी दिलचस्पी को छिपाए रखा।

बॉक्सिंग में सक्रिय रूप से भाग लेने के साथ उसके पिता के लिए प्रमुख चिंता यह थी।

कि इस खेल में उसके चेहरे को नुकसान पहुंचाने की एक उच्च संभावना है।

जो अंततः उसके शादी करने की संभावनाओं को बर्बाद कर देगी।

इनके परिवार वालो को इनके खेल की खबर न्यूज़ पेपर से मिली थी।

जब उन्होंने सन 2000 में महिला मुक्केबाजी में जीत हासिल की थी।

3 साल तक की कड़ी मेहनत का नतीजा उनके सामने था। इनके नाम की खबरे अखबारों में आ चुकी थी ।

इसके बाद उन्होंने महिला मुक्केबाजी प्रतियोगिता  बेस्ट बंगाल में  स्वर्ण पदक जीता

और अपने राज्य का नाम रोशन किया। 

मैरी कॉम के पुरस्कार(Mary Como’s Award)

  • सन 2003 में इनको अर्जुन अवार्ड दिया गया था। महिला मुक्केबाजी में देश का नाम रोशन करने और स्वर्ण पदक जितने के लिए।
  • सन 2006 में इनको पद्मश्री अवार्ड देकर सम्मानित किया गया।
  • सन 2007 में खेल के सबसे बड़े सम्मान “राजीव गांधी खेल रत्न” के लिए नॉमिनेट किया गया था। सन 2007 में लिम्का बुक रिकॉर्ड द्वारा पीपल ऑफ द ईयर का सम्मान दिया गया था।
  • सन 2008 में CNN-IBN एव रिलायंस इंडस्ट्री द्वारा रियल हॉर्स अवार्ड से सम्मानित किया गया।
  • सन 2008 में पेप्सी MTV यूथ आइकन अवार्ड दिया ।
  • सन 2008 में AIBA द्वारा “मैग्नीफिसेंट मैरी” अवार्ड दिया गया  था ।
  • सन 2009 में कॉम को राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड दिया गया  था ।
  • सन 2010 में सहारा स्पोर्ट्स अवॉर्ड द्वारा स्पोर्ट्स वूमेन ऑफ द ईयर का अवार्ड दिया गया
  • सन 2013 में  कॉम को देश के तीसरे सबसे बड़े सम्मान पद्मभूषण से सम्मानित किया गया ।

 कॉम के जीवन पर बनी एक फिल्म(A film on the life of Mary Kom)

  • डायरेक्टर उमंग  ने 5 सितंबर 2014 में उनके ऊपर एक फिल्म बनाई।
  • फिल्म का नाम  “कॉम ”  था।
  • फिल्म में कॉम के जीवन के सभी पहलुओं के बारे में बताया गया है।

 कि कैसे उन्होंने अपने जीवन में संघर्ष किया और आज इस मुकाम तक आ गयी है। 

  • इस फिल्म में कॉम की भूमिका प्रियंका चोपड़ा द्वारा निभाई गयी है।

2002 तुर्की AIBA woman बॉक्सिंग चैंपियनशिप(2002 Turkish AIBA woman Boxing Championship)

  • तुर्की में हुए AIBA महिला मुक्केबाजी प्रतियोगिता में मेरी कॉम ने 45 किलोग्राम भार  की केटेगरी में स्वर्ण  पदक जीता है।
  • 2002 में आयोजित  मुक्केबाजी प्रतियोगिता में इन्होने 45  किलोग्राम  भार से  स्वर्ण  पदक जीता है।

2003 में

  • भारत में हुए एशियन मुक्केबाजी प्रतियोगिता में 46 किलोग्राम भार से स्वर्ण पदक जीता है।
  • इसके बाद इन्होने 2003 में ही नर्वो में हुई बॉक्सिंग प्रतियोगिता में फिर  से स्वर्ण जीता था।

2005 में

  • 2005 में Podolsk में वर्ल्ड चैंपियनशिप  में स्वर्ण  पदक हासिल किया। 2005  सन में मेरी कॉम रसिया में हुई मुक्केबाजी प्रतियोगिता की विनर रही थी।

2006 में

  • डेनमार्क में आयोजित वीनस प्रतियोगिता  में कॉम ने स्वर्ण पदक जीता था।

2008 में

  • भारत में आयोजित  मुक्केबाजी प्रतियोगिता में इन्होने सिल्वर पदक जीता।
  • 2008 में ही AIBA में स्वर्ण पदक हासिल किया ।
  • 2009 में वियतनाम में हुए मैच में  स्वर्ण पदक जीता था।
  • 2010 में उन्होंने 51 किलो भर वर्ग में कांस्य पदक हासिल किया था।
  • 2012 में मगोलिया में हुई प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता था।
  • 2014 में दक्षिण कोरिया में आयोजित  एशियन मुक्केबाजी प्रतियोगिता में मेरी कॉम ने 52 किलोग्राम वर्ग भार ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है।

मैरी कॉम प्रेरणा का एक उदाहरण (Mary Kom an example of inspiration)

कॉम ने कई भारतीय महिलाओं को कई तरह के खेलों में प्रेरित किया है।

बाधाओं को दूर करना (remove obstacles )

कॉम कई सामाजिक बाधाओं को तोड़कर और दृढ़ विश्वास के साथ बार-बार लड़कर मुक्केबाजी के अपने जुनून को आगे बढ़ाने में सफल रही हैं।

उसने गरीबी और कई कठिन परिस्थितियों से  भी संघर्ष किया है।

लिंग मानदंडों के खिलाफ खड़े होना(stand up against gender norms)

कॉम इन लिंग असमानता को दूर करने और महानता हासिल करने के लिए काफी मजबूत थे।

इस मुकाम तक पहुंचने के लिए इनको कई विवादों का सामना करना पड़ा था। 

लेकिन इन्होने अपने खेल को कभी नहीं छोड़ा। 

जब समाज और उनका अपना परिवार महिलाओं के मुक्केबाज होने की अवधारणा के खिलाफ था। 

तब भी इन्होने अपने खेल को अधिक प्रोत्साहन दिया था ।

विश्वास और आस्था का होना (having faith and belief)

जब एक नहीं बल्कि कई असमर्थनीय स्थितियां हों तो किसी को हार मानने में ज्यादा समय नहीं लगता है।

तब लोग आसानी से हार  मान लेते है। 

लेकिन हर चुनौती का सामना कॉम को करना पड़ा।

कॉम ने बहुत समझदारी से सभी चुनोतियो का सामना किया।

मुक्केबाज खिलाड़ी  बनने का सपना सजाया। 

कठोर परिश्रम (hard work)

निःसंदेह एक सफल मुक्केबाज के रूप में कॉम का करियर कठिन प्रयास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता से काफी प्रभावित था।

शादी से पहले और बाद में घर पर ज़िम्मेदारियाँ होने के बावजूद उसने अपने प्रशिक्षण में कड़ी मेहनत करना जारी रखा और परिणाम आश्चर्यजनक हैं।    

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कलकत्ता के राजकुमार सौरव गांगुली प्रोफ़ाइल और जीवनी: prince of calcutta Sourav Ganguly profile and biography https://learnwithvikas.com/sourav-ganguly/ https://learnwithvikas.com/sourav-ganguly/#respond Thu, 15 Sep 2022 08:26:35 +0000 https://learnwithvikas.com/?p=635 Sourav Ganguly को भारतीय इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण क्रिकेटरों में से एक माना जाता है। वह बीसीसीआई के 39 वें अध्यक्ष और भारतीय राष्ट्रीय टीम के पूर्व कप्तान हैं।  उन्हें अक्सर दादा के रूप में जाना जाता है। आइए उनके परिवार, क्रिकेट करियर, व्यक्तिगत जीवन, शिक्षा, रिकॉर्ड, उपलब्धियां, सम्मान और बहुत कुछ देखें। वह अपने […]

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Sourav Ganguly को भारतीय इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण क्रिकेटरों में से एक माना जाता है।

वह बीसीसीआई के 39 वें अध्यक्ष और भारतीय राष्ट्रीय टीम के पूर्व कप्तान हैं। 

उन्हें अक्सर दादा के रूप में जाना जाता है।

आइए उनके परिवार, क्रिकेट करियर, व्यक्तिगत जीवन, शिक्षा, रिकॉर्ड, उपलब्धियां, सम्मान और बहुत कुछ देखें।

वह अपने पूरे समय में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज और भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में से एक थे।

सौरव गांगुली की जीवनी(Biography of Sourav Ganguly)

  • सौरव गांगुली का जन्म 8 जुलाई 1972 को हुआ था।
  • निरूपा गांगुली और चंडीदास इनके माता पिता है।
  • उनके पिता की एक सफल प्रिंट कंपनी थी ।
  • और वह शहर के सबसे धनी व्यक्तियों में से एक थे।
  • 21 फरवरी, 2013 को  उनके पिता का निधन हो गया।
  • फुटबॉल, सौरव गांगुली की पसंद का पहला खेल था।

अंततः उन्हें क्रिकेट में दिलचस्पी हो गई। 

हालाँकि, उनकी माँ, उनके  क्रिकेट खेलने के पक्ष में नहीं थी।

सौरव गांगुली ने कैसे कि क्रिकेट की शुरुआत(How did Sourav Ganguly start cricket?) 

  • सौरव के बड़े भाई ने इनको क्रिकेट खेलने का समर्थन प्रदान किया। 
  • क्रिकेट अकादमी में उनकी बल्लेबाजी का पता चला।
  • दाएं से खेलने के बावजूद,  अपने भाई के तरीको का उपयोग करने के लिए बाएं हाथ से बल्लेबाजी करना सीखा।
  • यह अपने  भाई के साथ क्रिकेट की प्रेक्टिस करते थे।  
  • उड़ीसा अंडर -15 के खिलाफ शतक लगाने के बाद, उन्होंने सेंट जेवियर्स स्कूल में क्रिकेट टीम का नेतृत्व किया।
  • 1989 में बंगाल टीम के लिए खेलने के लिए चुना गया था।
  • अप्रत्याशित रूप से, उनके भाई ने उस वर्ष टीम छोड़ दी।
  • 1990-1991 रणजी ट्रॉफी में एक मजबूत प्रदर्शन करने के बाद बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने सफलता प्राप्त की।

सौरव गांगुली का अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू(Ganguly’s International Debut)

  • 1992: वेस्टइंडीज के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया। 
  • 1995-96: दलीप ट्रॉफी में, उन्होंने 171 रन बनाए और उन्हें भारतीय टीम में वापस बुलाया गया।
  • 1996: इंग्लैंड के दौरे के लिए राष्ट्रीय टीम के लिए खेले।
  • एकल एकदिवसीय मैच के लिए, उन्होंने खेला लेकिन पहले टेस्ट के लिए टीम से बाहर कर दिया गया।
  • उनको टेस्ट डेब्यू करने का मौका मिला।
  • गोरों में पहली बार, लॉर्ड्स लंदन में खेले गए दौरे के दूसरे टेस्ट में, उन्होंने राष्ट्रीय पक्ष का प्रतिनिधित्व किया।
  • इसी मैच में राहुल द्रविड़ ने भी टेस्ट डेब्यू किया था।
  • सौरव गांगुली(Sourav Ganguly) ने 131 और राहुल द्रविड़ ने 95 रन बनाए।
  • ट्रेंट ब्रिज में अगले टेस्ट में, सौरव गांगुली(Sourav Ganguly) ने 136 रन बनाए। 
  • पहली 2 पारियों में शतक बनाने वाले इतिहास के तीसरे बल्लेबाज बने।
  • उन्होंने सचिन तेंदुलकर के साथ 255 रन की  सर्वोच्च साझेदारी भी की थी ।
Sourav Ganguly

कप्तानी युग(Captaincy era ) 

2000 में टीम के कुछ खिलाड़ियों द्वारा मैच फिक्सिंग कांड के बाद।

भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान सौरव गांगुली को चुना गया था।

 स्वास्थ्य संबंधी समस्या के कारण से तेंदुलकर ने पद से इस्तीफा दे दिया था। 

सौरव गांगुली(Sourav Ganguly) उस समय उप कप्तान के रूप में कार्यरत थे।

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ  पांच मैचों की एक दिवसीय श्रृंखला में  कप्तान के रूप मे कार्य किया। 

उनकी पहली श्रृंखला सफल रही ।

वह भारत को 2000 आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफी फाइनल में भी ले गए ।  

फिर शुरू हुआ एक सिलसिला, जो सौरव गांगुली(Sourav Ganguly) और भारतीय क्रिकेट के लिए टर्निंग पॉइंट निकला।

उस समय ऑस्ट्रेलिया मौजूदा विश्व चैंपियन था । 

सौरव गांगुली ने 2001 में भारत का नेतृत्व किया ।

तब  उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की लगातार 16 टेस्ट मैच, जीत का सिलसिला समाप्त किया।

सौरव गांगुली के बल्लेबाजी के आंकड़े(Stats for Sourav Ganguly’s at-bats)

  • 1996: अपने डेब्यू टेस्ट मैच में इंग्लैंड के खिलाफ सामना किया।
  • 2008: दादा ने SRH के खिलाफ केकेआर के उद्घाटन आईपीएल खेल में भाग लिया।
  • 2007: पाकिस्तान के खिलाफ अपने अंतिम वनडे और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने अंतिम टेस्ट में भाग लिया।
  • चार आईपीएल सीज़न में, सौरव गांगुली ने 10 विकेट लेते हुए 1363 रन बनाए।
  • उन्होंने अपने टेस्ट करियर में 188 पारियों में प्रति पारी 42.18 रन के औसत से 7212 रन बनाए।
  • अपने वनडे करियर के दौरान प्रति पारी में औसतन 41 रन बनाए।
  • इसके अलावा, गांगुली ने अपने वनडे और टेस्ट करियर में 132 विकेट लिए हैं।

मैन ऑफ द सीरीज का खिताब(Man Of The Series Title)

सौरव को श्रीलंका के खिलाफ मैचअप में “मैन ऑफ द सीरीज” नामित किया गया था।

1997 में एक दिवसीय मैच में सर्वाधिक रन बनाने के लिए, उन्हें वर्ष का शीर्ष बल्लेबाज नामित किया गया था।

ढाका में पाकिस्तान के खिलाफ एक दिवसीय मुकाबले में, भारत ने उनके शतक की बदौलत 314 का सर्वोच्च स्कोर दर्ज किया।

तेंदुलकर के साथ उनकी 252 रन की वनडे साझेदारी का अब तक का सर्वोच्च रिकॉर्ड है। 

वनडे क्रिकेट इतिहास में दुनिया की चौथी सबसे अच्छी ओपनिंग पार्टनरशिप उनकी और सचिन की है।

सौरव गांगुली के लिए सम्मान और पुरस्कार(Honors and Awards for Sourav Ganguly)

  • 2004 में देश का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्म श्री पुरस्कार मिला।
  • खेल उद्योग में उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए 1998 में अर्जुन पुरस्कार मिला।
  • उसी वर्ष उन्हें स्पोर्ट्स पर्सन ऑफ द ईयर का पुरस्कार मिला।
  • 2013 में उन्हें बंगाली सरकार से बंगा विभूषण पुरस्कार मिला।

किताब(Book)

इन्होने अपने जीवन और क्रिकेट के किस्सों की चर्चा अपनी बुक में की है। 

इनकी बुक का नाम  “पूर्व भारतीय कप्तान की जीवनी”,” ए सेंचुरी इज़ नॉट इनफ”  है। 

जीवनी “सौरव गांगुली: क्रिकेट,कप्तानी और विवाद” यह सौरव भक्त सप्तर्षि सरकार द्वारा लिखी गई थी।

 इसमें, एक क्रिकेट खिलाड़ी के रूप में दादा का जीवन इसके सभी पहलुओं में आकर्षक रूप से विस्तृत है

निष्कर्ष(Conclusion)

सौरव गांगुली ने एक उदाहरण दिया है, कि कैसे कड़ी मेहनत और प्रयास ही सफलता प्राप्त करने का एकमात्र तरीका है। 

उन्होंने इससे जुड़कर भारतीय क्रिकेट टीम को जीवन शक्ति देने में योगदान दिया।

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स्वामी विवेकानंद के जीवन की कहानी(Swami Vivekananda’s life story) https://learnwithvikas.com/%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%ae%e0%a5%80-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%b5%e0%a5%87%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a4%82%e0%a4%a6-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%9c%e0%a5%80%e0%a4%b5%e0%a4%a8/ https://learnwithvikas.com/%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%ae%e0%a5%80-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%b5%e0%a5%87%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a4%82%e0%a4%a6-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%9c%e0%a5%80%e0%a4%b5%e0%a4%a8/#respond Mon, 12 Sep 2022 13:22:23 +0000 https://learnwithvikas.com/?p=492 नरेंद्रनाथ दत्त स्वामी विवेकानंद का मूल नाम था। जिन्हें विवेकानंद के नाम से जाना जाता है। भारतीय संस्कृति और पश्चिमी से स्वामी विवेकानंद जी प्रभावित थे। स्वामी विवेकानंद के सांस्कृतिक ज्ञान ने, अंतर-धार्मिक समझ को बढ़ावा दिया था।  विवेकानंद जी के शिक्षा की कहानी ( Education History Of Vivekananda) विवेकानंद ने अपने गुरु से सीखा […]

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नरेंद्रनाथ दत्त स्वामी विवेकानंद का मूल नाम था।

जिन्हें विवेकानंद के नाम से जाना जाता है।

भारतीय संस्कृति और पश्चिमी

से स्वामी विवेकानंद जी प्रभावित थे।

स्वामी विवेकानंद के सांस्कृतिक ज्ञान ने, अंतर-धार्मिक समझ को बढ़ावा दिया था। 

विवेकानंद जी के शिक्षा की कहानी ( Education History Of Vivekananda)

विवेकानंद ने अपने गुरु से सीखा था कि भगवान की सेवा मानव जाति की सेवा के द्वारा प्रदर्शित की जा सकती है।
परिणामस्वरूप उन्होंने इस विश्वास को धारण किया।

स्वामी विवेकानंद ने अपने गुरु रामकृष्ण परमहंस के स्वतंत्र चिंतन के दर्शन को एक नए प्रतिमान(model) की दिशा में आगे बढ़ाया।

वह हिंदू अध्यात्मवाद(spiritualism) को वापस जीवन में लाने और हिंदू धर्म को दुनिया भर में एक सम्मानित धर्म बनाने के लिए जाने जाते थे ।

स्वामी विवेकानंद के बारे में(About Swami Vivekananda)

विश्वनाथ दत्ता और भुवनेश्वरी देवी के पुत्र नरेंद्रनाथ दत्त का जन्म कोलकाता, में हुआ था।

स्वामी विवेकानंद का जन्म दिवस 12 जनवरी, 1863 है ।

स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मान्यता प्राप्त है। 

क्योकि स्वामी विवेकानंद को एक देशभक्त संत के रूप में सम्मानित किया गया था।

उनकी माँ एक धार्मिक दृष्टिकोण वाली गृहिणी थीं ।

उनके पिता एक उच्च न्यायालय के वकील थे। उनके दादाजी संस्कृत और फारसी के विद्वान थे।

उच्च मध्यम वर्ग के परिवार में स्वामी विवेकानंद का पालन-पोषण हुआ।

उनके जीवन पर उनके माता-पिता के प्रगतिशील, तार्किक (logical) और धार्मिक दृष्टिकोण (religious outlook) ने उनके व्यक्तित्व जीवन को प्रभावित किया।

उन्हें आध्यात्मिकता (spirituality) में आजीवन (lifelong) रुचि थी।

वे नियमित रूप से हिंदू देवताओं के सामने प्रार्थना और ध्यान करते थे।

 पृष्ठभूमि (Background)

स्वामी विवेकानंद एक उत्कृष्ट छात्र थे।
उन्होंने ऐसी चीजों  का अध्ययन किया जिसमें उनकी रुचि थी।
चाहे वह दर्शनशास्त्र, विज्ञान, इतिहास, धर्म या साहित्य हो। 
या वह भगवद गीता, रामायण, महाभारत, उपनिषद और वेदों जैसे सभी प्रकार के धार्मिक ग्रंथों के भी शौकीन थे।

विवेकानंद जी अपने परिवार के साथ रायपुरा में रहते थे ।
10 साल की उम्र में  परिवार के साथ ये अपने जन्मस्थान वापिस चले गए।
स्वामी विवेकानंद ने प्रेसीडेंसी कॉलेज के लिए प्रवेश परीक्षा(entrance examinations ) दी।
वह इकलौता छात्र था जिसने प्रथम श्रेणी (first division ) के अंक प्राप्त किए थे। वह एक ऑलराउंडर(all rounder ) थे, स्वामी विवेकानंद को  भारतीय शास्त्रीय संगीत में भी प्रशिक्षित(trained ) किया गया था।

स्वामी विवेकानंद जी के आंदोलन (The Movements Of Vivekananda)

  • स्वामी विवेकानंद जी पश्चिमी विचारों से प्रभावित थे।
  • इसलिए उन्होंने  एशियाई समाज में  जाति भेद के खिलाफ विद्रोह किया ।
  • 1828 का  एक आंदोलन जिसमें ईसाई सिद्धांतों को शामिल किया गया जिसने उन्हें सामाजिक सुधार को आगे बढ़ाने में सक्षम बनाया।
  • स्वामी विवेकानंद 1884 में ब्रह्म समाज में शामिल हुए ।
  • वह महिलाओं और निचली जातियों के सदस्यों के बीच शिक्षा के मूल्य को बढ़ावा देने, बाल विवाह को समाप्त करने और निरक्षरता का मुकाबला करने के लिए सामाजिक मानदंडों को तोड़ने के लिए दृढ़ थे।
  • 1881 से 1884 तक, वह बैंड ऑफ होप के  समूह में शामिल हुए।  जिसने युवाओं को  शराब पीने और धूम्रपान जैसी बुराइयों से दूर रहने के लिए प्रोत्साहित किया।
स्वामी विवेकानंद

हिन्दू देवी- देवता में विवेकानंद जी की रुचि कैसे हुई

(The Rise Of Interest Among Gods & Goddesses)

जब वह 20 के दशक में थे, तो उन्होंने पहली बार रामकृष्ण का सामना किया।

नरेंद्रनाथ विभिन्न धर्मों के महत्वपूर्ण धार्मिक व्यक्तियों के पास जाते थे। उनसे एक साधारण प्रश्न पूछते थे: “क्या आपने भगवान को देखा है?
उन्होंने श्री रामकृष्ण से दक्षिणेश्वर काली मंदिर परिसर में एक ही प्रश्न बार-बार पूछा, तो उन्होंने उत्तर दिया की , हाँ मैंने भगवन को देखा है बिना किसी संदेह के। मैं वैसे भगवन को देख सकता हूँ , जैसे मैं तुम्हे देख रहा हूँ ।

रामकृष्ण के उत्तर से वे चकित रह गए थे।

रामकृष्ण की दया और धैर्य ने धीरे-धीरे स्वामी विवेकानंद को अपनी तरफ आकर्षित कर  लिया।
1884 में उनके पिता का अचानक से निधन हो गया। स्वामी विवेकानंद ने भगवान को पूरी तरह से महसूस करने के लिए 25 साल की उम्र में अपना सब कुछ त्याग दिया था।

1886 में गुरु रामकृष्ण की मृत्यु के बाद, उन्होंने रामकृष्ण मठ की जवाबदेही संभाली।

स्वामी विवेकानंद की मृत्यु (Death Of Swami Vivekananda)

स्वामी विवेकानंद ने अपना दिन अपने शिष्य को निर्देश देने और वैदिक विद्वानों के साथ बातचीत करने में बिताया।
4 जुलाई, 1902 को ध्यान की अवस्था में रहते हुए उनका निधन हो गया।

शिक्षा और मिशन रामकृष्ण(Education and Mission Ramakrishna)

1897 में भारत लौट आए तब शाही लोगों द्वारा समान रूप से उनका स्वागत किया गया।
वह देश भर में व्याख्यानों की एक श्रृंखला के बाद कलकत्ता आए।

1 मई, 1897 को कलकत्ता के पास बेलूर मठ में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की।

रामकृष्ण मिशन ने विभिन्न प्रकार की सामाजिक सेवा की जैसे स्कूलों, कॉलेजों, अस्पताल की स्थापना में अपना योगदान दिया।
सेमिनार और कार्यशाला के माध्यम से वेदांत के व्यावहारिक सिद्धांतों का प्रसार और देश भर में राहत और पुनर्वास कार्य की शुरुआत।

विवेकानंद के अनुसार, अंतिम लक्ष्य आत्मा की स्वतंत्रता प्राप्त करना है, और इसमें शामिल है।

उन्होंने अपने हमवतन लोगों से आग्रह किया:
“उठो, जागो, और तब तक मत रुको जब तक तुम लक्ष्य तक नहीं पहुंच जाते।”

स्वामी विवेकानन्द जी के जीवन से हमें क्या शिक्षा मिलती है

( Things To Learn From The Life Of Swami Vivekananda?)

विवेकानंद जी की जीवनी एकता की सच्ची नींव को प्रकट करने के लिए है।
विवेकानंद ने पश्चिमी संस्कृति की कमियों को दूर करने में भारत के योगदान पर प्रकाश डाला।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने एक बार कहा था, “स्वामीजी ने पूर्व और पश्चिम, धर्म और विज्ञान, अतीत और वर्तमान में समरसता स्थापित किया है।

शिक्षा के माध्यम से हमारे लोगों ने अभूतपूर्व आत्म-सम्मान, आत्मविश्वास और मुखरता(assertiveness) प्राप्त की।

उन्होंने हिंदू धर्मग्रंथ, दर्शन और जीवन के तरीके की विवेचन(Interpretation) की।
विवेकानंद ने पश्चिमी लोगों को समझा दिया कि संस्कृति को बनाने में भारत का बहुत बड़ा योगदान है।

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गोस्वामी तुलसीदास की दिव्य कथा: (Tulsidas) https://learnwithvikas.com/%e0%a4%97%e0%a5%8b%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%ae%e0%a5%80-%e0%a4%a4%e0%a5%81%e0%a4%b2%e0%a4%b8%e0%a5%80%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%b8/ https://learnwithvikas.com/%e0%a4%97%e0%a5%8b%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%ae%e0%a5%80-%e0%a4%a4%e0%a5%81%e0%a4%b2%e0%a4%b8%e0%a5%80%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%b8/#respond Sun, 11 Sep 2022 16:37:14 +0000 https://learnwithvikas.com/?p=486 तुलसीदास जी को गोस्वामी तुलसीदास के नाम से जाना जाता है। वे एक हिंदू कवि-संत, सुधारक और दार्शनिक थे।वे रामानंदी संप्रदाय के थे और जगद्गुरु रामानंदाचार्य के वंशज थे।उन्हें महाकाव्य रामचरितमानस लिखने के लिए सबसे अधिक जाना जाता है।जो संस्कृत रामायण का एक अवधी (Awadhi) अनुवाद है। जो भगवान श्री राम के जीवन की कहानी […]

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तुलसीदास जी को गोस्वामी तुलसीदास के नाम से जाना जाता है।

वे एक हिंदू कवि-संत, सुधारक और दार्शनिक थे।
वे रामानंदी संप्रदाय के थे और जगद्गुरु रामानंदाचार्य के वंशज थे।
उन्हें महाकाव्य रामचरितमानस लिखने के लिए सबसे अधिक जाना जाता है।
जो संस्कृत रामायण का एक अवधी (Awadhi) अनुवाद है।

जो भगवान श्री राम के जीवन की कहानी कहता है।

वह संस्कृत और अवधी दोनों में विभिन्न प्रसिद्ध कार्यों के लेखक हैं।

तुलसीदास को मूल संस्कृत रामायण के लेखक वाल्मीकि के अवतार के रूप में सम्मानित किया गया था।
उन्हें राम के दिव्य भक्त हनुमान जी की भक्ति की एक प्रसिद्ध कविता, हनुमान चालीसा लिखने का श्रेय भी दिया जाता है।

गोस्वामी तुलसीदास पितृत्व और जन्म:( Birth and Paternity)

  • तुलसीदास का जन्म 1532 में उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में स्थित राजापुर गांव में हुआ था।
  • माता जी का नाम हुलसी और पिता का नाम आत्माराम शुक्ल दुबे था।
  • ऐसा माना जाता है कि जब वे पैदा हुए थे तब वे रोए नहीं थे और उनके सभी बत्तीस दांत थे।
  • जब वे छोटे थे तब उन्हें तुलसीराम या राम बोला के नाम से जाना जाता था।

परिवार पुरुष के लिए तपस्वी (Story Of Becoming A Tapasvi)

तुलसीदास की शादी रत्नावली नाम की अतिसुंदर कन्या से हुई थी ।
विवाह के बाद तुलसीदास अपने गृहस्थ जीवन में व अपनी पत्नी के प्रेम में ऐसे डूब गए।

उनको  दुनिया जहाँन का कोई होश नहीं रहा।
एक बार, रत्नावली ने रामबोला का अपमान किया, कि जितना प्रेम मुझसे करते हो अगर इतना प्रेम राम से किया होता तो जीवन सुधर जाता।

इन शब्दों से तुलसीदास के हृदय गहरा प्रभाव परा। पत्नी के इतना बोलते ही रामबोला राम की तलाश में चले  गए।

इन शब्दों से तुलसीदास के हृदय गहरा प्रभाव परा। उन्होंने अपना घर छोड़ दिया।
तपस्या की और चौदह वर्ष विभिन्न पवित्र स्थलों की यात्रा में बिताए।

पौराणिक कथा के अनुसार, तुलसीदास ने भगवान हनुमान जी को देखा। उनके माध्यम से भगवान राम को देखा।
राम भगवन से उनकी ऐसी लगन है की आज भी रामकथा में राम के साथ तुलसीदास का भी नाम लिया जाता है।
अंत में वो अपनी पत्नी को क्षमा करके अपना शिष्य बना लेते है।

गोस्वामी तुलसीदास के अमर कार्य (Immortal Works of Goswami Tulsidas)

गोस्वामी तुलसीदास ने 12 पुस्तकें लिखीं, जिनमें से सबसे प्रसिद्ध रामायण का हिंदी संस्करण है।
जिसे “द रामचरितमानस” कहा जाता है।
उनकी सबसे बड़ी रचना 1575 ईस्वी में शुरू हुई और इसे पूरा होने में दो साल लगे।
यह कार्य अयोध्या में रचा गया था। इस कार्य को पूरा करने के तुरंत बाद ये वाराणसी चले गए।
जहां उन्होंने शिव के महाकाव्य का पाठ किया।
“विनय पत्रिका” तुलसीदास द्वारा लिखित एक अन्य महत्वपूर्ण पुस्तक है, जिसे उनकी अंतिम रचना माना जाता है।

महाकवि तुलसीदास | Goswami Tulsidas | The Author Of Ramayana

गोस्वामी तुलसीदास के चमत्कार और भटकना(Miracles and Wanderings of Goswami Tulsidas)

उन्होंने अपना अधिकांश जीवन वाराणसी में बिताया।
एक बार भगवान कृष्ण के मंदिरों को देखने के लिए वृंदावन की यात्रा की।
उन्होंने कृष्ण की मूर्ति देखी, वे बोले भगवान “मैं आपकी सुंदरता को पर्याप्त रूप से कैसे समझा सकता हूं?
तब भगवान ने, तुलसीदास को, भगवान राम के रूप में धनुष और तीर चलाने के रूप में प्रकट किया।  

एक प्रसिद्ध कथा का दावा है तुलसीदास के आशीर्वाद ने, एक महिला के मृत पति को, फिर से जीवित कर दिया।
दिल्ली में मुगल सम्राट को इस बारे में पता चला, उन्होंने तुलसीदास संत से कुछ चमत्कार करने का अनुरोध किया।

तुलसीदास ने यह कहते हुए मना कर दिया, की “मेरे पास कोई अलौकिक शक्ति नहीं है।
सम्राट ने उसे उसकी अवज्ञा(disobedience) के लिए  उनको कैद कर लिया।

तुलसीदास ने भगवान हनुमान से प्रार्थना की, जिससे मजबूत बंदरों के झुंड ने शाही दरबार पर हमला किया।
भयभीत सम्राट ने क्षमा की याचना करके तुलसीदास को कारागार से मुक्त कर दिया।
बाद में तुलसीदास और सम्राट के बीच घनिष्ठ मित्रता हो गई।
हनुमान जी ने तुलसीदास को भगवान राम के दर्शन प्राप्त करने में सहायता की।
तुलसीदास एक बार राम की भक्ति में इतने लीन हो गए कि वे सब कुछ भूल गए।

भगवान राम जी के दर्शन (Darshan Of Lord Rama)

एक बार काशी में राम कथा सुनाते हुए उनको हनुमान जी के दर्शन हुए ।
उसके बाद उन्होंने हनुमान जी को कहा की मुझे भगवान राम के दर्शन करने है।
हनुमान जी ने तुलसीदास को बताया कि चित्रकूट में ही आपको राम के दर्शन हो सकते है ।

यह सुनकर तुलसीदास ने चित्रकूट के रामघाट में अपना डेरा स्थापित किया।
एक अवसर पर, उन्होंने यात्रा के दौरान दो आकर्षक युवकों को घोड़े पर बैठा देखा।

उनको देखकर ही तुलसीदास विचलित हो गए थे।
हनुमान ने उन्हें बताया कि यह राम और लक्ष्मण थे क्योंकि बच्चे उनके आगे चल रहे थे।
तुलसीदास को यह जानकर बहुत निराशा हुई कि वह अपने स्वामी की पहचान नहीं कर सके।
हनुमान ने तुलसीदास जी को कुछ सांत्वना देते हुए कहा, “कल सुबह तुम फिर से राम लक्ष्मण को देखोगे।”
माघ मास की मौनी अमावस्या को सुबह स्नान करने के बाद, तुलसीदास घाट पर लोगों को चंदन चढ़ाने के लिए गए।
भगवान राम ने उन्हें एक बच्चे के रूप में दर्शन दिए और कहा, “बाबा हमें चंदन नहीं देंगे।”
हमुमान जी को लगा की तुलसीदास इस बार भी राम को न पहचान सकेंगे ,इसलिए तोते का रूप धारण करके गाने लगे “चित्रकूट के घाट पर ,भई संतन की भीड़ ,तुलसीदास चंदन घिसे ,तिलक लगाए रघुवीर “
भगवान राम ने तुलसीदास का हाथ पकड़ कर स्वयं तिलक लगा कर तुलसी दास के माथे पर भी तिलक लगा दिया।

कुछ रोचक तथ्य (Facts About Tulsidas)

  • वाराणसी में गंगा नदी पर तुलसी घाट उनके नाम पर है।
  • उन्होंने वाराणसी में हनुमान जी को समर्पित, संकटमोचन मंदिर का निर्माण किया।
  • यह वही स्थान है जहां उन्होंने पहली बार हनुमान जी को देखा था।
  • गोस्वामी तुलसीदास ने रामलीला नाटक भी शुरू किया, जो रामायण का लोक-नाट्य रूपांतरण(conversion) है।
  • भारतीय कला, संस्कृति और समाज पर तुलसीदास और उनके कार्यों का प्रभाव महत्वपूर्ण है।
  • आज भी स्थानीय भाषा में रामलीला, नाटकों, हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत, लोकप्रिय संगीत और टेलीविजन श्रृंखला में देखा जा सकता है।

आखरी दिन(last day)

1623 में तुलसीदास अपने सांसारिक शरीर को छोड़कर  अमरता और शाश्वत आनंद के निवास में चले गए।

पवित्र नगरी वाराणसी में उनका अंतिम संस्कार गंगा (बनारस) के असी घाट पर किया गया।

गोस्वामी तुलसीदास की कृतियाँ(Works of Tulsidas)

“श्री रामचरितमानस” की सफलता के कारण, अतिरिक्त भाषा बोलने वालों ने मानस पढ़ने के लिए हिंदी सीखी।

“श्री रामचरित मानस” के अलावा पूज्य कवि तुलसीदास ने “दोहावली,” “गीतावली,” “विनय पत्रिका,” “कविता रामायण,” “बरवई रामायण,” “जानकीमंगल,” “राम लल्लनहाचू,” “हनुमान बाहुक” भी लिखी।

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