Dara-Singh

दारा सिंह रंधावा का जन्म पंजाब में अमृतसर के धरमूचक गांव में

बलवंत कौर और सूरत सिंह रंधावा के घर 19 नवंबर 1928 हुआ था।
रंधावा एक अकेले ऐसे व्यक्ति थे जिसने की कुस्ती में करीब 500 दंगल लड़े और उन 500 दंगलों में कभी नहीं हारे ।
दारा सिंह के पहलवानी के समय में कोई भी एक ऐसा पहलवान नहीं था, जो की दारा सिंह को हरा सका हो।

दारा सिंह ने अपने जीवन के शुरुआती दिनों में बहुत मुस्किले देखी है और उनका सामना भी किया है।

इनकी शादी जबरन हुई थी ( They were forcibly married )

शुरुआती दिनों में दारा सिंह खेतों में काम किया करते थे।

घरवालों ने 14 साल की उम्र में ही उनकी मर्जी के खिलाफ दारा सिंह की शादी करबा दी थी।

उनकी पत्नी का नाम बचनो कौर है
बचनो कौर उम्र में दारा सिंह से काफी बड़ी थी।

ऐसे में उनके घर वालो ने उनकी खुराक बढ़ा दी ।
दूध-दही के साथ- साथ उनकी डाइट में अधिक मात्रा में बादाम को भी शामिल किया गया।

दारा सिंह की उम्र 17 साल थी जब वो पिता बन गए थे।

दारा सिंह

जब किंग कांग उससे हार गया था (when king kong was defeated by him)

50 के दशक में दारा सिंह और किंग कॉन्ग का मैच था।

इसी दौरान इन्होने ऑस्ट्रेलिया के किंग कॉन्ग को रिंग में ही पटखनी दे दी थी।
फिर उन्हें उठाकर रिंग के बाहर ही फेंक दिया था।

उनका ये मैच हमेशा याद रखने बाला है।

दारा सिंह का वजन उस समय 130 किलो था, जबकि किंग कांग का वजन 200 किलो था ।
वहीं, भारत को इन्होने कुश्ती में दुनिया के सबके सामने अलग पहचान दिलाई थी।

फिल्मी दुनिया में ऐसे हुई थी एंट्री:( Such was the entry in the film world)

इनको कुश्ती के दिनों से ही फिल्मों में काम मिलना शुरू हो गया था।

दारा सिंह ने फिल्मों में काम सिकंदर-ए-आजम और डाकू मंगल सिंह से शुरू किया था।
ये अपनी अंतिम फिल्म में करीना कपूर के दादा के रोल में नजर आए थे।
ये मूवी इम्तियाज अली की 2007 में रिलीज हुई थी।

रामायण में हनुमान जी का किरदार भी दारा सिंह ने निभाया था।
इनके दवारा 148 फिल्मों में काम किया गया है।

दारा सिंह हर फिल्म के लिए 4 लाख रुपये लेते थे।

इनकी ये फिल्में काफी पसंद की जाती है।
‘जैसे फौलाद’, ‘मर्द’,’मेरा नाम जोकर’,’कल हो ना हो’ और ‘जब वी मेट’ इत्यादि ।

दारा सिंह की डाइट कैसी थी?:( how was the diet of dara singh?)

वे अपने खाने -पीने पर बहुत ध्यान देते थे।

वो हर रोज दो लीटर दूध, आधा किलो मीट, 6-8 रोटी रोजाना खाते थे।

तथा हर रोज 100 ग्राम बादाम भी खाते थे।
वे प्रतिदिन मुरब्बा और घी खाते थे।

कहा जाता है कि ब्रैकफास्ट करना हेल्थ के लिए जरूरी है,

लेकिन दारा सिंह दिन में दो टाइम ही खाना खाते थे।

जिसमें लंच और डिनर शामिल है। साथ ही, वर्कआउट के साथ ठंडाई भी लेते थे।

वो हफ्ते में एक दिन व्रत भी रखते थे ताकि उनके शरीर का मेटोबोलिज्म ठीक रहे ।
26 साल की उम्र में, उन्होंने 1954 में राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियन का खिताब जीता।

उनके कुश्ती कौशल ने उन्हें पूरे देश में पहचान और सम्मान दिलाया।

उन्होंने 1947 में सिंगापुर की यात्रा की, जहां तरलोक सिंह को हराकर उन्हें मलेशिया का चैंपियन बनाया गया।

उन्होंने 1959 में कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप जीतने के लिए

किंग कांग, जॉर्ज गोर्डिएन्को और जॉन डेसिल्वा सहित 7 पहलवानों को हराया।

1968 में, सिंह ने अमेरिकी लू थेज़ को हराकर विश्व चैंपियन का खिताब जीता।
एक पेशेवर पहलवान के रूप में, उन्हें 1996 में रेसलिंग ऑब्जर्वर

न्यूज़लैटर हॉल ऑफ़ फ़ेम में शामिल किया गया था।
रुस्तम-ए-हिंद और रुस्तम-ए-पंजाब जैसे कई सम्मान और उपाधियाँ उन्हें प्रदान की गई हैं।
1983 में दिल्ली में आयोजित एक प्रतियोगिता में, उन्होंने प्रतिस्पर्धी कुश्ती से संन्यास की घोषणा की।

राजीव गांधी ने टूर्नामेंट को अपनी आधिकारिक शुरुआत दी,

और तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने विजेता के खिताब से सम्मानित किया।

राजनीति में भी आजमाया हाथ (Tried hand in politics too)

खेलो , और फिल्मो के अलावा दारा सिंह ने राजनीति में भी हाथ आजमाया था।

देश के ये पहले ऐसे खिलाड़ी थे जिनको राज्यसभा में भी सीट मिली थी।
साल 2003 से लेकर 2009 तक भारतीय जनता पार्टी में यह राज्य सभा के सदस्य बनकर रहे ।

2012 में बीमारी के बाद निधन : (Died in 2012 after illness)

83 वर्षीय दारा सिंह को दिल का दौरा पड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

डॉक्टरों ने कहा कि उनके ठीक होने की बहुत कम संभावना है

और उनके मस्तिष्क को काफी नुकसान पंहुचा था जिससे अंततः उनकी मृत्यु हो गयी।

जिसके बाद उन्हें बुधवार की रात को घर ले जाया गया था।

1960 में विश्व कुश्ती चैंपियनशिप जीतने वाले सिंह ने कई बॉलीवुड फिल्मों

और टेलीविजन धारावाहिकों में अभिनय किया।

उन्होंने हिंदू महाकाव्य रामायण के टेलीविजन रूपांतरण में हनुमान जी की भूमिका

निभाते हुए बड़ी लोकप्रियता हासिल की। वह 2003 से 2009 तक संसद के सदस्य भी थे,

जब उन्हें भारत की संसद के ऊपरी सदन,

राज्यसभा में नियुक्त किया गया था।

श्रद्धांजलि:( Tribute)

*उन्होंने अनेक फिल्मे बनाई।

जैसे की किंग कांग, फौलाद, कल हो ना हो और 2007 की स्मैश जब वी मेट इत्यादि ।
*प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने उनकी मृत्यु पर दुःख व्यक्त करते हुए कहा की ,

दारा सिंह एक “प्रसिद्ध व्यक्तित्व के थे।

और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाने-माने पहलवान” थे।
*एक बयान के मुताबिक, सूचना एवं प्रसारण मंत्री, दारा सिंह के निधन से ‘बहुत अधिक परेशान’ हो गए थे ।

उन्होंने कहा, “एक अभिनेता, निर्देशक और निर्माता के रूप में विभिन्न क्षमताओं में

भारतीय फिल्म उद्योग में उनके अपार योगदान के लिए

दारा सिंह के लिए हमेशा हमारे दिल में एक विशेष स्थान रहेगा।”
*बॉलीवुड सितारे और प्रशंसक माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर पर श्रद्धांजलि पोस्ट कर रहे थे ।
*सुपरस्टार अमिताभ बच्चन, जिनके साथ सिंह ने 1985 की एक्शन फिल्म मर्द में अभिनय किया था,

अमिताभ बच्चन ने उन्हें “एक महान भारतीय और बेहतरीन इंसानों में से एक” के रूप में वर्णित किया।

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By Vikas

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